*पुनर्विचार से उपचारात्मक याचिका तक पहुंचने में 2017 बीत जाएगी।*
एमएससी ग्रुप की ओर से सर्वप्रथम पुनर्विचार याचिका 18 अगस्त को फ़ाइल की गई थी जिसपर अभी तक नम्बर भी नही हो पाया है। वकीलों का कहना है कि इसे लिस्ट होते होते नवंबर बीत जाएगा।
अब सवाल ये है कि उन एक से सवा लाख शिक्षामित्रों का क्या होगा जो टेट पास करने में परिस्थितियों वश समर्थ नहीं हैं।
एमएससी ग्रुप ने चूंकि अन्य लोगों की तरह कोर्ट की लड़ाई ठेके पर नहीं लड़ी थी इसलिये अपने वकील के ये बताने पर कि बेंच बदलना खतरनाक है। *हमने समायोजन रद्द होने की स्थिति में *प्लान-B* *तैयार किया और अप्रैल में एक जनहित याचिका के फैसले पर अवमानना याचिका फ़ाइल कर दी। जिसपर वर्तमान चीफ जस्टिस मा दीपक मिश्रा की बेंच में 20 सितम्बर को सुनवाई संभावित है। कल फाइनल लिस्ट आने पर कन्फर्म हो जाएगी।*
इस याचिका में हमने अन्य राज्य को भी शामिल किया ताकि अपनी बात मजबूती से रख सकें। लोगों का विचार है कि सुप्रीम कोर्ट से 25 जुलाई के जजमेंट आ जाने के बाद भी इस पर सुनवाई कैसे हो सकती है तो हम उनको बता दें कि इसी को कानूनी दांव पेंच कहा जाता है जिन्हें हम 20 सितम्बर को आजमाएंगे और समायोजन केस के फैसले की व्याख्या भी कोर्ट के सामने रखेंगे।
*आप सब से निवेदन है कि अपना और हमारा हौसला बनाये रखें। जब तक लड़ाई खत्म नही हो जाती हार या जीत का फैसला नही होता है। लड़ाई अभी जारी है दुआ करें 20 सितम्बर को हमारी बात सुन ली जाए।*
©मिशन सुप्रीम कोर्ट ग्रुप, यूपी।।
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एमएससी ग्रुप की ओर से सर्वप्रथम पुनर्विचार याचिका 18 अगस्त को फ़ाइल की गई थी जिसपर अभी तक नम्बर भी नही हो पाया है। वकीलों का कहना है कि इसे लिस्ट होते होते नवंबर बीत जाएगा।
अब सवाल ये है कि उन एक से सवा लाख शिक्षामित्रों का क्या होगा जो टेट पास करने में परिस्थितियों वश समर्थ नहीं हैं।
एमएससी ग्रुप ने चूंकि अन्य लोगों की तरह कोर्ट की लड़ाई ठेके पर नहीं लड़ी थी इसलिये अपने वकील के ये बताने पर कि बेंच बदलना खतरनाक है। *हमने समायोजन रद्द होने की स्थिति में *प्लान-B* *तैयार किया और अप्रैल में एक जनहित याचिका के फैसले पर अवमानना याचिका फ़ाइल कर दी। जिसपर वर्तमान चीफ जस्टिस मा दीपक मिश्रा की बेंच में 20 सितम्बर को सुनवाई संभावित है। कल फाइनल लिस्ट आने पर कन्फर्म हो जाएगी।*
इस याचिका में हमने अन्य राज्य को भी शामिल किया ताकि अपनी बात मजबूती से रख सकें। लोगों का विचार है कि सुप्रीम कोर्ट से 25 जुलाई के जजमेंट आ जाने के बाद भी इस पर सुनवाई कैसे हो सकती है तो हम उनको बता दें कि इसी को कानूनी दांव पेंच कहा जाता है जिन्हें हम 20 सितम्बर को आजमाएंगे और समायोजन केस के फैसले की व्याख्या भी कोर्ट के सामने रखेंगे।
*आप सब से निवेदन है कि अपना और हमारा हौसला बनाये रखें। जब तक लड़ाई खत्म नही हो जाती हार या जीत का फैसला नही होता है। लड़ाई अभी जारी है दुआ करें 20 सितम्बर को हमारी बात सुन ली जाए।*
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