इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग (यूपी पीएससी) की पीसीएस की परीक्षा आमतौर पर मार्च व अप्रैल में होती रही है। इस बार परीक्षा का पैटर्न बदलने के प्रयास में आयोग ने ऑनलाइन आवेदन लेने में देरी की, नतीजा यह
हुआ कि परीक्षा लगातार विलंबित होती गई।
आयोग अब तक परीक्षा का पैटर्न बदलने का प्रस्ताव तैयार नहीं कर पाया है, इसके बजाए एक के बाद एक बड़ी घोषणाएं करके प्रतियोगियों को लुभाने का प्रयास हो रहा है। इससे यह सवाल अब भी बरकरार है कि आखिर परीक्षा का पैटर्न कब बदलेगा?1यूपी पीएससी आमतौर पर संघ लोकसेवा आयोग यानी यूपीएससी की तर्ज पर परीक्षाएं कराता है। यूपीएससी पहले की मुख्य परीक्षा के पैटर्न में बदलाव कर चुका है। वहां मुख्य परीक्षा में एक वैकल्पिक विषय होता है, जबकि यूपी पीएससी में दो वैकल्पिक विषयों की परीक्षा ली जाती है। इसी तरह से यूपीएससी में सामान्य अध्ययन के चार प्रश्नपत्र लिखित होते हैं, जबकि यूपी पीएससी में सामान्य अध्ययन के दो प्रश्नपत्र बहुविकल्पीय हो रहे हैं। प्रतियोगी यूपी पीएससी के अफसरों से मिलकर परीक्षा का पैटर्न बदलने की मांग कई बार कर चुके हैं। तैयारी थी कि पीसीएस परीक्षा 2017 में नये पैटर्न पर ही परीक्षा होगी। इसके लिए नवंबर 2016 तक धरातल पर आयोग ने तैयारी नहीं की, यह जरूर है कि देशभर के लोकसेवा आयोगों की बैठक में प्रदेश के आयोग अध्यक्ष ने पैटर्न बदलने का वादा किया। आयोग के सूत्रों के अनुसार जनवरी से पीसीएस के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाने थे, उसी बीच परीक्षा का पैटर्न बदलने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया। उसमें कई खामियां होने व विषय विशेषज्ञों से विस्तार से मंथन न हो पाने पर शासन ने दोबारा प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया। इसके बाद आयोग ने विशेषज्ञों की आयोग में कार्यशाला की और नये सिरे से प्रस्ताव बनाने का प्रयास किया गया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।1आयोग में कई दिनों तक इस पर मंथन चलता रहा कि इस बार परीक्षा पुराने पैटर्न पर कराई जाए या फिर नये पैटर्न के स्वीकृत होने का इंतजार किया जाए। आखिरकार आयोग ने पुराने पैटर्न पर ही इस बार की परीक्षा कराने का निर्णय लिया, इससे ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू होने में विलंब हुआ और परीक्षा कैलेंडर गड़बड़ा गया। किसी तरह से आवेदन प्रक्रिया पूरी हुई और मई में परीक्षा कराने की तैयारी हुई। इसी बीच प्रदेश की भाजपा सरकार ने सीसैट प्रभावित अभ्यर्थियों को दो अतिरिक्त अवसर देने का आदेश दिया। इस बार प्रभावित अभ्यर्थियों से फिर आवेदन लिए गए, इससे 21 मई की संभावित तारीख भी दोबारा आवेदन की भेंट चढ़ गई। 1आयोग में साक्षात्कार व परीक्षा परिणाम पर रोक लगने व सीबीआइ जांच की मुहिम तेज होने पर इस अहम परीक्षा पर संशय के बादल गहराते रहे। तीसरी बार घोषित 24 सितंबर की तारीख पर परीक्षा कराने की दिशा में अब आयोग बढ़ा है, लेकिन परीक्षा पैटर्न बदलने पर आयोग में अभी कोई हलचल नहीं है। इसके बजाए नई-नई घोषणाएं और प्रस्ताव पास करके प्रतियोगियों को लुभाया जा रहा है। वह योजनाएं कब धरातल पर उतरेंगी इसका अंदाजा पीसीएस के परीक्षा पैटर्न से ही लगाया जा सकता है।
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हुआ कि परीक्षा लगातार विलंबित होती गई।
आयोग अब तक परीक्षा का पैटर्न बदलने का प्रस्ताव तैयार नहीं कर पाया है, इसके बजाए एक के बाद एक बड़ी घोषणाएं करके प्रतियोगियों को लुभाने का प्रयास हो रहा है। इससे यह सवाल अब भी बरकरार है कि आखिर परीक्षा का पैटर्न कब बदलेगा?1यूपी पीएससी आमतौर पर संघ लोकसेवा आयोग यानी यूपीएससी की तर्ज पर परीक्षाएं कराता है। यूपीएससी पहले की मुख्य परीक्षा के पैटर्न में बदलाव कर चुका है। वहां मुख्य परीक्षा में एक वैकल्पिक विषय होता है, जबकि यूपी पीएससी में दो वैकल्पिक विषयों की परीक्षा ली जाती है। इसी तरह से यूपीएससी में सामान्य अध्ययन के चार प्रश्नपत्र लिखित होते हैं, जबकि यूपी पीएससी में सामान्य अध्ययन के दो प्रश्नपत्र बहुविकल्पीय हो रहे हैं। प्रतियोगी यूपी पीएससी के अफसरों से मिलकर परीक्षा का पैटर्न बदलने की मांग कई बार कर चुके हैं। तैयारी थी कि पीसीएस परीक्षा 2017 में नये पैटर्न पर ही परीक्षा होगी। इसके लिए नवंबर 2016 तक धरातल पर आयोग ने तैयारी नहीं की, यह जरूर है कि देशभर के लोकसेवा आयोगों की बैठक में प्रदेश के आयोग अध्यक्ष ने पैटर्न बदलने का वादा किया। आयोग के सूत्रों के अनुसार जनवरी से पीसीएस के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाने थे, उसी बीच परीक्षा का पैटर्न बदलने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया। उसमें कई खामियां होने व विषय विशेषज्ञों से विस्तार से मंथन न हो पाने पर शासन ने दोबारा प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया। इसके बाद आयोग ने विशेषज्ञों की आयोग में कार्यशाला की और नये सिरे से प्रस्ताव बनाने का प्रयास किया गया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।1आयोग में कई दिनों तक इस पर मंथन चलता रहा कि इस बार परीक्षा पुराने पैटर्न पर कराई जाए या फिर नये पैटर्न के स्वीकृत होने का इंतजार किया जाए। आखिरकार आयोग ने पुराने पैटर्न पर ही इस बार की परीक्षा कराने का निर्णय लिया, इससे ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू होने में विलंब हुआ और परीक्षा कैलेंडर गड़बड़ा गया। किसी तरह से आवेदन प्रक्रिया पूरी हुई और मई में परीक्षा कराने की तैयारी हुई। इसी बीच प्रदेश की भाजपा सरकार ने सीसैट प्रभावित अभ्यर्थियों को दो अतिरिक्त अवसर देने का आदेश दिया। इस बार प्रभावित अभ्यर्थियों से फिर आवेदन लिए गए, इससे 21 मई की संभावित तारीख भी दोबारा आवेदन की भेंट चढ़ गई। 1आयोग में साक्षात्कार व परीक्षा परिणाम पर रोक लगने व सीबीआइ जांच की मुहिम तेज होने पर इस अहम परीक्षा पर संशय के बादल गहराते रहे। तीसरी बार घोषित 24 सितंबर की तारीख पर परीक्षा कराने की दिशा में अब आयोग बढ़ा है, लेकिन परीक्षा पैटर्न बदलने पर आयोग में अभी कोई हलचल नहीं है। इसके बजाए नई-नई घोषणाएं और प्रस्ताव पास करके प्रतियोगियों को लुभाया जा रहा है। वह योजनाएं कब धरातल पर उतरेंगी इसका अंदाजा पीसीएस के परीक्षा पैटर्न से ही लगाया जा सकता है।
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