लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट के आदेश से झटका खाये आन्दोलित शिक्षामित्र अब अपनी मांगों को मनवाने के लिए दिल्ली में डेरा जमायेंगे और इसके लिए प्रदेशभर के शिक्षामित्र सोमवार को दिल्ली में होंगे।
शिक्षामित्रों ने धरना-प्रदर्शन के लिए जंतर- मंतर स्थल की मंजूरी भी ले ली है। अब उनकी आखिरी उम्मीद केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) है।
एनसीटीई अगर उन्हें 23 अगस्त, 2010 के पूर्व परिषदीय स्कूलों में अध्यापन करने वालों में शामिल होने की मूंजरी दे देती है, तो फिर उनकी राह आसान हो जाएगी।इधर, प्रदेश के कई जिलों में शनिवार को भी शिक्षामित्रों ने प्रदर्शन किया और हापुड़, गोरखपुर सहित कई जिलों में पुलिस से झड़प होने की शिकायतें मिली हैं।
शिक्षामित्र अब रविवार को दिल्ली के लिए रवाना होंगे। सभी शिक्षामित्रों से दिल्ली में होने वाले आन्दोलन में शामिल होने की अपील संगठन की ओर से की जा रही है। राज्य सरकार उन्हें दस हजार मानदेय 11 महीने तक देने को राजी है। इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर भी लग चुकी है, लेकिन शिक्षामित्र इसको अपने साथ छलावा बताकर और उग्र प्रदर्शन पर आमादा हैं।
उनका कहना है कि जब सरकार सुप्रीम कोर्ट के 25 जुलाई, 2017 के निर्णय को लागू करने पर आमादा है, तो फिर उसके पूर्व में आये समान कार्य-समान वेतन के निर्णय पर अमल करने से कतरा क्यों रही है। अब शिक्षामित्रों के सभी संगठन दिल्ली में एक साथ आन्दोलन को चलाएंगे।
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शिक्षामित्रों ने धरना-प्रदर्शन के लिए जंतर- मंतर स्थल की मंजूरी भी ले ली है। अब उनकी आखिरी उम्मीद केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) है।
एनसीटीई अगर उन्हें 23 अगस्त, 2010 के पूर्व परिषदीय स्कूलों में अध्यापन करने वालों में शामिल होने की मूंजरी दे देती है, तो फिर उनकी राह आसान हो जाएगी।इधर, प्रदेश के कई जिलों में शनिवार को भी शिक्षामित्रों ने प्रदर्शन किया और हापुड़, गोरखपुर सहित कई जिलों में पुलिस से झड़प होने की शिकायतें मिली हैं।
शिक्षामित्र अब रविवार को दिल्ली के लिए रवाना होंगे। सभी शिक्षामित्रों से दिल्ली में होने वाले आन्दोलन में शामिल होने की अपील संगठन की ओर से की जा रही है। राज्य सरकार उन्हें दस हजार मानदेय 11 महीने तक देने को राजी है। इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर भी लग चुकी है, लेकिन शिक्षामित्र इसको अपने साथ छलावा बताकर और उग्र प्रदर्शन पर आमादा हैं।
उनका कहना है कि जब सरकार सुप्रीम कोर्ट के 25 जुलाई, 2017 के निर्णय को लागू करने पर आमादा है, तो फिर उसके पूर्व में आये समान कार्य-समान वेतन के निर्णय पर अमल करने से कतरा क्यों रही है। अब शिक्षामित्रों के सभी संगठन दिल्ली में एक साथ आन्दोलन को चलाएंगे।
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