आगरा। टीईटी परीक्षा 2017 मुश्किल में पड़ सकती है। कारण है कि
शिक्षामित्र और अभ्यर्थियों ने गूगल और निजी शिक्षण संस्थानों से सभी
प्रश्नों के उत्तर खोजे।
10 अंक का सरकार दे वेटेज
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि जनपद में लगभग 500 शिक्षामित्र और हजारों अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्हें उत्तीर्ण होने के लिए पांच से 10 अंकों की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से वेबसाइट पर जो कटआॅफ जारी की गई है, उसमें छह प्रश्नों के उत्तर गलत हैं, जिन पर आपत्ति दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थियों ने गलत प्रश्नों के उत्तर की पुष्टि गूगल और निजी संस्थानों से की है। उनका मानना है कि ऐसी स्थिति में सरकार अभ्यर्थियों को 10 अंक का वेटेज दे, ताकि अभ्यर्थियों का एक दो अंक से भविष्य अंधकार में न जाए।
2011 में भी थीं तमाम खामियां
उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 में भी टीईटी परीक्षा के दौरान तमाम खामियां सामने आईं थीं। इसमें सरकार ने दो, तीन चार यानि एक एक कर नंबर अभ्यर्थियों को दिए थे। उन्होंने सरकार से मांग की है कि ऐसी स्थिति में अभ्यर्थियों को दस अंकों की छूट मिलनी चाहिए। वहीं अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि निजी संस्थान और गूगल से सरकार द्वारा जारी किए गए छह प्रश्नों के उत्तर मेल नहीं खा रहे हैं। वह अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे। इस संबंध में डीआईओएस विनोद राय ने कुछ भी बताने से साफ इंकार कर दिया। उनका मानना है कि यह मामला उच्चस्तरीय है। इसकी शासन स्तर से मॉनीटरिंग होगी।
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10 अंक का सरकार दे वेटेज
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि जनपद में लगभग 500 शिक्षामित्र और हजारों अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्हें उत्तीर्ण होने के लिए पांच से 10 अंकों की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से वेबसाइट पर जो कटआॅफ जारी की गई है, उसमें छह प्रश्नों के उत्तर गलत हैं, जिन पर आपत्ति दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थियों ने गलत प्रश्नों के उत्तर की पुष्टि गूगल और निजी संस्थानों से की है। उनका मानना है कि ऐसी स्थिति में सरकार अभ्यर्थियों को 10 अंक का वेटेज दे, ताकि अभ्यर्थियों का एक दो अंक से भविष्य अंधकार में न जाए।
2011 में भी थीं तमाम खामियां
उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 में भी टीईटी परीक्षा के दौरान तमाम खामियां सामने आईं थीं। इसमें सरकार ने दो, तीन चार यानि एक एक कर नंबर अभ्यर्थियों को दिए थे। उन्होंने सरकार से मांग की है कि ऐसी स्थिति में अभ्यर्थियों को दस अंकों की छूट मिलनी चाहिए। वहीं अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि निजी संस्थान और गूगल से सरकार द्वारा जारी किए गए छह प्रश्नों के उत्तर मेल नहीं खा रहे हैं। वह अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे। इस संबंध में डीआईओएस विनोद राय ने कुछ भी बताने से साफ इंकार कर दिया। उनका मानना है कि यह मामला उच्चस्तरीय है। इसकी शासन स्तर से मॉनीटरिंग होगी।
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