जागरण संवाददाता, बुलंदशहर: जनपद के परिषदीय स्कूलों में शिक्षा
व्यवस्था को सुधारने के लिए जिलाधिकारी ने 16 जिला स्तरीय अधिकारियों से
औचक निरीक्षण कराया था।
अधिकारियों की रिपोर्ट में स्कूलों की स्थिति बहुत खराब मिली। रिपोर्ट के आधार पर बीएसए ने 17 शिक्षक-शिक्षिकाओं को निलंबित किया गया है।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और हीलाहवाली के कारण जनपद की शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है। अधिकारियों का ध्यान शिक्षा व्यवस्था पर कम और अन्य चीजों पर ज्यादा है। ब्लाकस्तर आंकड़े उठाए जाएं तो शिक्षा की असलीयत सामने आ जाएगी। जिले के अंदर शिक्षा की गुणवत्ता को जानने और शिक्षकों की स्थिति को देखने के लिए जिलाधिकारी डा. रोशन जैकब ने 16 अधिकारियों की टीम से जनपद भर के 48 परिषदीय स्कूलों का औचक निरीक्षण कराया। इन विद्यालयों में कहीं शिक्षक गायब मिले, किसी स्कूल में कोर्स पूरा नहीं हुआ तो किसी विद्यालय में बच्चे सवालों का जवाब नहीं दे पाए। कई विद्यालयों में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई मिली। अधिकारियों की रिपोर्ट में सबसे ज्यादा खराब स्थिति शिक्षकों की उपस्थिति की मिली। कहीं शिक्षक-शिक्षिकाएं लेट विद्यालय पहुंचे तो कहीं पर बिना बताए गायब मिले। अधिकारियों ने 48 विद्यालयों की रिपोर्ट बनाकर जिलाधिकारी को सौंपी। जिलाधिकारी ने रिपोर्ट के आधार पर बीएसए को कार्रवाई के आदेश दिए। बीएसए अजीत कुमार ने 17 शिक्षक-शिक्षिकाओं को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा तीन शिक्षामित्रों का एक दिन का मानदेय काटा है। जबकि एक शिक्षिका की सेवा समाप्ति के लिए लिखा है।
इनके खिलाफ हुई कार्रवाई
अधिकारियों की रिपोर्ट पर सहायक अध्यापक अजय कुमार, राहुल कुमार, चारु मित्तल, निधि गुप्ता विकास क्षेत्र स्याना, सहायक अध्यापिका योगिता खुर्जा, राजकुमार डिबाई, मोनिका गुलावठी, डा. राना रुहल, फिरोजा, पायल गुप्ता, अंजना, नीरज यादव, आरिफा परवीन, श्वेता गुप्ता, सपना, सीमा पुंडीर गुलावठी को निलंबित किया गया है। नीतू कुमारी सहायक अध्यापिका के बिना बताए विद्यालय से गायब रहने पर सेवा समाप्ति के लिए शासन को लिखा गया है।
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अधिकारियों की रिपोर्ट में स्कूलों की स्थिति बहुत खराब मिली। रिपोर्ट के आधार पर बीएसए ने 17 शिक्षक-शिक्षिकाओं को निलंबित किया गया है।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और हीलाहवाली के कारण जनपद की शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है। अधिकारियों का ध्यान शिक्षा व्यवस्था पर कम और अन्य चीजों पर ज्यादा है। ब्लाकस्तर आंकड़े उठाए जाएं तो शिक्षा की असलीयत सामने आ जाएगी। जिले के अंदर शिक्षा की गुणवत्ता को जानने और शिक्षकों की स्थिति को देखने के लिए जिलाधिकारी डा. रोशन जैकब ने 16 अधिकारियों की टीम से जनपद भर के 48 परिषदीय स्कूलों का औचक निरीक्षण कराया। इन विद्यालयों में कहीं शिक्षक गायब मिले, किसी स्कूल में कोर्स पूरा नहीं हुआ तो किसी विद्यालय में बच्चे सवालों का जवाब नहीं दे पाए। कई विद्यालयों में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई मिली। अधिकारियों की रिपोर्ट में सबसे ज्यादा खराब स्थिति शिक्षकों की उपस्थिति की मिली। कहीं शिक्षक-शिक्षिकाएं लेट विद्यालय पहुंचे तो कहीं पर बिना बताए गायब मिले। अधिकारियों ने 48 विद्यालयों की रिपोर्ट बनाकर जिलाधिकारी को सौंपी। जिलाधिकारी ने रिपोर्ट के आधार पर बीएसए को कार्रवाई के आदेश दिए। बीएसए अजीत कुमार ने 17 शिक्षक-शिक्षिकाओं को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा तीन शिक्षामित्रों का एक दिन का मानदेय काटा है। जबकि एक शिक्षिका की सेवा समाप्ति के लिए लिखा है।
इनके खिलाफ हुई कार्रवाई
अधिकारियों की रिपोर्ट पर सहायक अध्यापक अजय कुमार, राहुल कुमार, चारु मित्तल, निधि गुप्ता विकास क्षेत्र स्याना, सहायक अध्यापिका योगिता खुर्जा, राजकुमार डिबाई, मोनिका गुलावठी, डा. राना रुहल, फिरोजा, पायल गुप्ता, अंजना, नीरज यादव, आरिफा परवीन, श्वेता गुप्ता, सपना, सीमा पुंडीर गुलावठी को निलंबित किया गया है। नीतू कुमारी सहायक अध्यापिका के बिना बताए विद्यालय से गायब रहने पर सेवा समाप्ति के लिए शासन को लिखा गया है।
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