देहरादून। राज्य में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर
नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों पर अब गृह विभाग ने भी सख्ती बढ़ा दी है। विभाग
साल 2012 के बाद नियुक्त हुए सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों कीएसआईटी जांच
की समय सीमा तय कर दी है।
इसके तहत एसआईटी 2012 से लेकर 2016 तक भर्ती हुए शिक्षकों के प्रमाण-पत्रों के साथ अन्य शिकायतों की जांच करेगी। ऐसे में अगर किसी भी शिक्षक ने गलत प्रमाण पत्र या फर्जी प्रमाण पत्र जमा किए हैं या नहीं किए हैं तो उनकी नौकरी पर सकंट आ सकता है।
समय सीमा तय करने कर अनुरोध
गौरतलब है कि एसआईटी ने सितंबर में ही शासन से ही इस बात का अनुरोध किया था कि जांच की समय सीमा तय कर दी जाए। बता दें कि राज्य में बड़े पैमाने पर फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षकों की नियुक्तियां की गई थी जिनमें से कई तो सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं वहीं कई प्रधानाध्यापक के पद तक पहुंच चुके हैं। शासन ने इसका संज्ञान लेते हुए जांच के लिए एसआईटी गठित करने के आदेश दिए थे और पुलिस मुख्यालय ने सीबीसीआईडी की अपर पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे की अगुवाई में एसआईटी गठित की थी।
सेवाएं होंगी तत्काल समाप्त
बता दें कि एसआईटी को शिक्षकों के फर्जी प्रमाण-पत्रों को लेकर करीब 250 से ज्यादा शिकायतें मिलीं जिनपर कार्रवाई करते हुए कई शिक्षकों को बर्खास्त भी किया गया। अभी हाल ही में एक ही प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले दो शिक्षकों का मामला सामने आया था। एसआईटी जांच प्रभारी श्वेता चौबे ने शासन ने जांच की समय सीमा तय करने का अनुरोध किया था। अब गृह विभाग ने संज्ञान लेते हुए एसआईटी से 2012 से लेकर 2016 के दौरान भर्ती हुए शिक्षकों के प्रमाण-पत्रों की जांच करने के आदेश दिए हैं। एसआईटी को इस जांच में जिन भी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों में कुछ भी गड़बड़ी मिली तो उन शिक्षकों की सेवा तुरंत समाप्त कर दी जाएगी।
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इसके तहत एसआईटी 2012 से लेकर 2016 तक भर्ती हुए शिक्षकों के प्रमाण-पत्रों के साथ अन्य शिकायतों की जांच करेगी। ऐसे में अगर किसी भी शिक्षक ने गलत प्रमाण पत्र या फर्जी प्रमाण पत्र जमा किए हैं या नहीं किए हैं तो उनकी नौकरी पर सकंट आ सकता है।
समय सीमा तय करने कर अनुरोध
गौरतलब है कि एसआईटी ने सितंबर में ही शासन से ही इस बात का अनुरोध किया था कि जांच की समय सीमा तय कर दी जाए। बता दें कि राज्य में बड़े पैमाने पर फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षकों की नियुक्तियां की गई थी जिनमें से कई तो सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं वहीं कई प्रधानाध्यापक के पद तक पहुंच चुके हैं। शासन ने इसका संज्ञान लेते हुए जांच के लिए एसआईटी गठित करने के आदेश दिए थे और पुलिस मुख्यालय ने सीबीसीआईडी की अपर पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे की अगुवाई में एसआईटी गठित की थी।
बता दें कि एसआईटी को शिक्षकों के फर्जी प्रमाण-पत्रों को लेकर करीब 250 से ज्यादा शिकायतें मिलीं जिनपर कार्रवाई करते हुए कई शिक्षकों को बर्खास्त भी किया गया। अभी हाल ही में एक ही प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले दो शिक्षकों का मामला सामने आया था। एसआईटी जांच प्रभारी श्वेता चौबे ने शासन ने जांच की समय सीमा तय करने का अनुरोध किया था। अब गृह विभाग ने संज्ञान लेते हुए एसआईटी से 2012 से लेकर 2016 के दौरान भर्ती हुए शिक्षकों के प्रमाण-पत्रों की जांच करने के आदेश दिए हैं। एसआईटी को इस जांच में जिन भी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों में कुछ भी गड़बड़ी मिली तो उन शिक्षकों की सेवा तुरंत समाप्त कर दी जाएगी।
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