सीतापुर : राजकीय आश्रम पद्धति बालिका विद्यालय रहिमाबाद और महमूदाबाद
में संविदा के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति में निर्धारित शैक्षिक योग्यता
न पूरा करने वालों को भर्ती कर लिया गया है।
इसमें समाज कल्याण निदेशालय को खबर लगी है कि हसीन जहां, नाजिया सिद्दीकी व उपमा रावत निश्चित शैक्षिक योग्यता नहीं रखती हैं, फिर भी इन्हें सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त किया गया है। इस मामले में निदेशक ने डीएम को पत्र लिखकर कहा है कि दोनों विद्यालयों में संविदा भर्ती की जांच कराकर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही शैक्षिक योग्यता पूर्ण न करने पर संविदा शिक्षकों की भर्ती से संबंधित दोषी अधिकारी-कर्मचारी का विवरण भी मांगा है।
राजकीय आश्रम पद्धति बालिका विद्यालय रहिमाबाद का संचालन कक्षा-12 तक बालिकाओं के लिए किया जा रहा है। जिसमें संविदा के आधार पर शिक्षकों की नियुक्त कई साल पूर्व हुई थी। जिसमें भर्ती करने वाले जिम्मेदारों ने शासन से निर्धारित शैक्षिक योग्यता की शर्तों को दरकिनार कर दिया है। इसका खुलासा खुद निदेशक समाज कल्याण मनोज ¨सह ने किया है। साथ ही डीएम को पूरे प्रकरण की जांच कराने को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने तीन शिक्षकों के नाम भी खोले हैं, जो निर्धारित शैक्षिक योग्यता पूरी नहीं करते हैं और जिला स्तरीय कमेटी ने उनकी भर्ती कर ली। उन्होंने डीएम को अवगत कराया है कि निदेशालय के संज्ञान में आया है कि रहिमाबाद विद्यालय में संविदा पर नियुक्त शिक्षिकाएं निश्चित अर्हता पूर्ण नहीं करती हैं, फिर भी इनका चयन कर लिया गया और सेवा में हैं। इससे स्पष्ट है कि रहिमाबाद व महमूदाबाद विद्यालय में संविदा भर्ती में निश्चित रूप से अनियमितता हुई होगी। इसलिए इन दोनों विद्यालयों में नियुक्त संविदा शिक्षकों की निर्धारित शैक्षिक अर्हता की जांच कराकर तुरंत रिपोर्ट निदेशालय उपलब्ध कराएं। साथ ही अनियमित संविदा शिक्षकों की भर्ती से जुड़े अधिकारियों व कर्मियों का विवरण दें ताकि प्रकरण में कार्रवाई कराई जा सके।
दायरे में आ सकते कई वरिष्ठ अफसर
अनियमित संविदा भर्ती मामले में कार्रवाई के दायरे में कई वरिष्ठ अफसर आ सकते हैं। चूंकि संविदा शिक्षकों की भर्ती वाली जिला स्तरीय चयन समिति में डीएम द्वारा नामित अधिकारी, पिछड़ा वर्ग अधिकारी, अनुसूचित जाति वर्ग के एक अधिकारी, संबंधित विद्यालय की प्रधानाचार्य व समाज कल्याण अधिकारी शामिल थे।
घपले पर पर्दा डालने की हो चुकी कोशिश
अनियमित तरीके से भर्ती संविदा शिक्षकों के मामले में कार्रवाई से बचने के लिए अधिकारियों ने अनियमितता छिपाने की कोशिश अधिकारियों ने वर्ष 2015 में की थी। अधिकारियों ने संबंधित शिक्षकों के विरुद्ध उनके आचरण का बहाना बनाकर संविदा नवीनीकरण नहीं किया था। जिस पर परेशान कुछ शिक्षिकाओं ने हाईकोर्ट का सहारा लिया था और वह सफल भी हुई थीं। न्यायालय के आदेश पर जिला स्तरीय समिति को संविदा नवीनीकरण करना पड़ा था।
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इसमें समाज कल्याण निदेशालय को खबर लगी है कि हसीन जहां, नाजिया सिद्दीकी व उपमा रावत निश्चित शैक्षिक योग्यता नहीं रखती हैं, फिर भी इन्हें सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त किया गया है। इस मामले में निदेशक ने डीएम को पत्र लिखकर कहा है कि दोनों विद्यालयों में संविदा भर्ती की जांच कराकर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही शैक्षिक योग्यता पूर्ण न करने पर संविदा शिक्षकों की भर्ती से संबंधित दोषी अधिकारी-कर्मचारी का विवरण भी मांगा है।
राजकीय आश्रम पद्धति बालिका विद्यालय रहिमाबाद का संचालन कक्षा-12 तक बालिकाओं के लिए किया जा रहा है। जिसमें संविदा के आधार पर शिक्षकों की नियुक्त कई साल पूर्व हुई थी। जिसमें भर्ती करने वाले जिम्मेदारों ने शासन से निर्धारित शैक्षिक योग्यता की शर्तों को दरकिनार कर दिया है। इसका खुलासा खुद निदेशक समाज कल्याण मनोज ¨सह ने किया है। साथ ही डीएम को पूरे प्रकरण की जांच कराने को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने तीन शिक्षकों के नाम भी खोले हैं, जो निर्धारित शैक्षिक योग्यता पूरी नहीं करते हैं और जिला स्तरीय कमेटी ने उनकी भर्ती कर ली। उन्होंने डीएम को अवगत कराया है कि निदेशालय के संज्ञान में आया है कि रहिमाबाद विद्यालय में संविदा पर नियुक्त शिक्षिकाएं निश्चित अर्हता पूर्ण नहीं करती हैं, फिर भी इनका चयन कर लिया गया और सेवा में हैं। इससे स्पष्ट है कि रहिमाबाद व महमूदाबाद विद्यालय में संविदा भर्ती में निश्चित रूप से अनियमितता हुई होगी। इसलिए इन दोनों विद्यालयों में नियुक्त संविदा शिक्षकों की निर्धारित शैक्षिक अर्हता की जांच कराकर तुरंत रिपोर्ट निदेशालय उपलब्ध कराएं। साथ ही अनियमित संविदा शिक्षकों की भर्ती से जुड़े अधिकारियों व कर्मियों का विवरण दें ताकि प्रकरण में कार्रवाई कराई जा सके।
दायरे में आ सकते कई वरिष्ठ अफसर
अनियमित संविदा भर्ती मामले में कार्रवाई के दायरे में कई वरिष्ठ अफसर आ सकते हैं। चूंकि संविदा शिक्षकों की भर्ती वाली जिला स्तरीय चयन समिति में डीएम द्वारा नामित अधिकारी, पिछड़ा वर्ग अधिकारी, अनुसूचित जाति वर्ग के एक अधिकारी, संबंधित विद्यालय की प्रधानाचार्य व समाज कल्याण अधिकारी शामिल थे।
घपले पर पर्दा डालने की हो चुकी कोशिश
अनियमित तरीके से भर्ती संविदा शिक्षकों के मामले में कार्रवाई से बचने के लिए अधिकारियों ने अनियमितता छिपाने की कोशिश अधिकारियों ने वर्ष 2015 में की थी। अधिकारियों ने संबंधित शिक्षकों के विरुद्ध उनके आचरण का बहाना बनाकर संविदा नवीनीकरण नहीं किया था। जिस पर परेशान कुछ शिक्षिकाओं ने हाईकोर्ट का सहारा लिया था और वह सफल भी हुई थीं। न्यायालय के आदेश पर जिला स्तरीय समिति को संविदा नवीनीकरण करना पड़ा था।
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