हिंदी की किताब भी न पढ़ सकीं शिक्षिका, डीएम में शिक्षामित्र को सौंपा प्रधानाध्यापक का चार्ज
वाल्टरगंज। प्राथमिक विद्यालय अमौली में बुधवार को डीएम अरविंद कुमार सिंह के सामने शिक्षा के गुणवत्ता की पोल खुल गई।
अर्द्धवार्षिक परीक्षा का निरीक्षण करने पहुंचे डीएम की परीक्षा में प्रधानाध्यापिका रुकसाना परवीन फेल हो गईं। वहीं विद्यालय के कई शिक्षक कक्षा एक से पांच तक के प्रश्नपत्रों को हल नहीं कर सके। स्थिति से बेहद खफा डीएम ने प्रधानाध्यापिका की जिम्मेदारी शिक्षा मित्र को सौंप दी। वहीं बीएसए को 15 दिन में व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया है।
एसडीएम चंद्रमोहन गर्ग के साथ पहुंचे डीएम जिस समय विद्यालय में पहुंचे उस वक्त भोजन चल रहा था। बच्चों से बातचीत करने के बाद वे सीधे प्रधानाध्यापिका कक्ष में पहुंच गए। मेज पर रखे कक्षा एक से लेकर पांच तक के प्रश्नपत्रों पर नजर डाली। वहां मौजूद शिक्षकों से प्रश्न पत्र हल करने का निर्देश दिया। बारी-बारी से सभी ने प्रयास किया, मगर कोई भी शिक्षक न तो हिंदी पढ़ सका और न कक्षा तीन के गणित के सवाल को हल। इसी बीच डीएम ने प्रधानाध्यापिका से प्रदेश की राजधानी पूछ लिया, इस पर प्रधानाध्यापिका ने उत्तर प्रदेश की राजधानी दिल्ली बता दिया। डीएम के सामने कई शिक्षक किताब तक नहीं पढ़ सके। आनंद भवन कहां है? इस पर शिक्षकों ने भी चुप्पी साध ली। डीएम ने इसी बीच वहां मौजूद शिक्षा मित्र शैल श्रीवास्तव से भी कुछ सवाल जवाब किए, जिसका उन्होंने सटीक जवाब दिया। इस पर उन्होंने तत्काल शिक्षामित्र को प्रधानाध्यापिका का प्रभार सौंप दिया। डीएम ने शिक्षक मृदुला, मंजू जायसवाल, अनिता व रुकसाना परवीन को भी शिक्षित करने का निर्देश दिया है। साथ ही खंड शिक्षा अधिकारी अनीता को शिक्षा व्यवस्था बेहतर करने के निर्देश दिए है।
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वाल्टरगंज। प्राथमिक विद्यालय अमौली में बुधवार को डीएम अरविंद कुमार सिंह के सामने शिक्षा के गुणवत्ता की पोल खुल गई।
अर्द्धवार्षिक परीक्षा का निरीक्षण करने पहुंचे डीएम की परीक्षा में प्रधानाध्यापिका रुकसाना परवीन फेल हो गईं। वहीं विद्यालय के कई शिक्षक कक्षा एक से पांच तक के प्रश्नपत्रों को हल नहीं कर सके। स्थिति से बेहद खफा डीएम ने प्रधानाध्यापिका की जिम्मेदारी शिक्षा मित्र को सौंप दी। वहीं बीएसए को 15 दिन में व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया है।
एसडीएम चंद्रमोहन गर्ग के साथ पहुंचे डीएम जिस समय विद्यालय में पहुंचे उस वक्त भोजन चल रहा था। बच्चों से बातचीत करने के बाद वे सीधे प्रधानाध्यापिका कक्ष में पहुंच गए। मेज पर रखे कक्षा एक से लेकर पांच तक के प्रश्नपत्रों पर नजर डाली। वहां मौजूद शिक्षकों से प्रश्न पत्र हल करने का निर्देश दिया। बारी-बारी से सभी ने प्रयास किया, मगर कोई भी शिक्षक न तो हिंदी पढ़ सका और न कक्षा तीन के गणित के सवाल को हल। इसी बीच डीएम ने प्रधानाध्यापिका से प्रदेश की राजधानी पूछ लिया, इस पर प्रधानाध्यापिका ने उत्तर प्रदेश की राजधानी दिल्ली बता दिया। डीएम के सामने कई शिक्षक किताब तक नहीं पढ़ सके। आनंद भवन कहां है? इस पर शिक्षकों ने भी चुप्पी साध ली। डीएम ने इसी बीच वहां मौजूद शिक्षा मित्र शैल श्रीवास्तव से भी कुछ सवाल जवाब किए, जिसका उन्होंने सटीक जवाब दिया। इस पर उन्होंने तत्काल शिक्षामित्र को प्रधानाध्यापिका का प्रभार सौंप दिया। डीएम ने शिक्षक मृदुला, मंजू जायसवाल, अनिता व रुकसाना परवीन को भी शिक्षित करने का निर्देश दिया है। साथ ही खंड शिक्षा अधिकारी अनीता को शिक्षा व्यवस्था बेहतर करने के निर्देश दिए है।
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