68500 शिक्षक भर्ती,,,,,,,,,सेंट्रल govt के राइट टू एजुकेशन एक्ट के 23(1) में टेट परीक्षा का प्रावधान है और यह एक्ट संसद से पास है, बही दूसरी ओर NCTE की गाइडलाइंस में क्लॉज 9(B) में साफ लिखा है अगर स्टेट govt चाहे तो टेट/सीटेट के अंको का कोई भी वेटेज सरकार दे सकती है।
अगर सरकार चयन प्रोसेस में अलग से कोई परीक्षा कराना चाहती है तो उसमें न्यूनतम मार्क्स निर्धारित नहीं कर सकती,अर्थार्त यहां डबल आरक्षण भी नही दिया जा सकता,क्योंकि tet में 5% का रेलेक्ससेसन दे चुकी है,
बही दूसरी ओर सर्वोच्च न्यायालय का भी आदेश है कि निर्धारित रिक्तियों की चयन परीक्षा में न्यूनतम अंक निर्धारित करने पर सोशल रिजेर्वशन की सीटें खाली रह जाएंगी,अतः चयन की परीक्षा मात्र सर्वश्रेष्ठ लोगो के चयन का निर्धारण करेगी,संविधान के 21(अ) को पालन करने के लिए एक्ट में पहले से टेट में 60% 55% न्यूनतम अंको को निर्धारित करने प्रावधान किया जा चुका है।
जो पात्र हो गया उसको दोवारा पात्रता परीक्षा से नही गुजारा जा सकता,सरकार की कोई भी पॉलिसी मौलिक अधिकारों के विरोध में नही जा सकती।
सरकार चाहें तो टेट के मार्क्स का वेटेज दे सकती है।
अगर फिर भी सरकार लिखित परीक्षा में न्यूनतम अंक निर्धारित करती है तो मतलब साफ है सरकार जान बूझकर भर्ती कोर्ट में फंसाना चाहती है,क्योंकि लिखित परीक्षा में न्यूनतम अंक निर्धारण न्यायालय में फंसना ही है।माधव
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अगर सरकार चयन प्रोसेस में अलग से कोई परीक्षा कराना चाहती है तो उसमें न्यूनतम मार्क्स निर्धारित नहीं कर सकती,अर्थार्त यहां डबल आरक्षण भी नही दिया जा सकता,क्योंकि tet में 5% का रेलेक्ससेसन दे चुकी है,
बही दूसरी ओर सर्वोच्च न्यायालय का भी आदेश है कि निर्धारित रिक्तियों की चयन परीक्षा में न्यूनतम अंक निर्धारित करने पर सोशल रिजेर्वशन की सीटें खाली रह जाएंगी,अतः चयन की परीक्षा मात्र सर्वश्रेष्ठ लोगो के चयन का निर्धारण करेगी,संविधान के 21(अ) को पालन करने के लिए एक्ट में पहले से टेट में 60% 55% न्यूनतम अंको को निर्धारित करने प्रावधान किया जा चुका है।
जो पात्र हो गया उसको दोवारा पात्रता परीक्षा से नही गुजारा जा सकता,सरकार की कोई भी पॉलिसी मौलिक अधिकारों के विरोध में नही जा सकती।
सरकार चाहें तो टेट के मार्क्स का वेटेज दे सकती है।
अगर फिर भी सरकार लिखित परीक्षा में न्यूनतम अंक निर्धारित करती है तो मतलब साफ है सरकार जान बूझकर भर्ती कोर्ट में फंसाना चाहती है,क्योंकि लिखित परीक्षा में न्यूनतम अंक निर्धारण न्यायालय में फंसना ही है।माधव
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