इलाहाबाद वरिष्ठ संवाददाता उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) 2017 के दो और प्रश्नों पर विवाद हो गया है। इस बार अभ्यर्थियों ने उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा के उत्तर को गलत बताते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
मामले की जानकारी होने के बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय अब बुकलेट सिरीज ‘ए’ के प्रश्न संख्या 84 व 150 पर विशेषज्ञों की राय लेने जा रहा है।15 अक्तूबर को आयोजित टीईटी-17 का परिणाम 30 नवम्बर तक घोषित होना था, लेकिन आए दिन हो रही याचिकाओं के कारण रिजल्ट फंसा हुआ है। 18 अक्तूबर को उत्तरकुंजी जारी कर अभ्यर्थियों से 23 अक्तूबर तक साक्ष्यों के साथ ऑनलाइन आपत्तियां मांगी गई थी। इसके बाद छह नवम्बर को पहली बार संशोधित उत्तरमाला जारी की गई। विशेष विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर प्राथमिक स्तर के दो प्रश्नों के सभी विकल्प गलत होने पर उन्हें हल करने वाले अभ्यर्थियों को एक-एक नंबर देने का निर्णय लिया गया। जबकि उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा के चार प्रश्नों के उत्तर में संशोधन हुआ जिनमें हिन्दी के दो, संस्कृत एवं सामाजिक अध्ययन के एक-एक प्रश्न थे। लेकिन बुकलेट सिरीज ए के 84 व 150 प्रश्नसंख्या में संशोधन नहीं हुआ।परीक्षा नियामक प्राधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने इन दो प्रश्नों के उत्तर को चुनौती दी है। सचिव डॉ. सुत्ता सिंह का कहना है कि मामले की जानकारी हुई है। विषय विशेषज्ञों की राय के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
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मामले की जानकारी होने के बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय अब बुकलेट सिरीज ‘ए’ के प्रश्न संख्या 84 व 150 पर विशेषज्ञों की राय लेने जा रहा है।15 अक्तूबर को आयोजित टीईटी-17 का परिणाम 30 नवम्बर तक घोषित होना था, लेकिन आए दिन हो रही याचिकाओं के कारण रिजल्ट फंसा हुआ है। 18 अक्तूबर को उत्तरकुंजी जारी कर अभ्यर्थियों से 23 अक्तूबर तक साक्ष्यों के साथ ऑनलाइन आपत्तियां मांगी गई थी। इसके बाद छह नवम्बर को पहली बार संशोधित उत्तरमाला जारी की गई। विशेष विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर प्राथमिक स्तर के दो प्रश्नों के सभी विकल्प गलत होने पर उन्हें हल करने वाले अभ्यर्थियों को एक-एक नंबर देने का निर्णय लिया गया। जबकि उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा के चार प्रश्नों के उत्तर में संशोधन हुआ जिनमें हिन्दी के दो, संस्कृत एवं सामाजिक अध्ययन के एक-एक प्रश्न थे। लेकिन बुकलेट सिरीज ए के 84 व 150 प्रश्नसंख्या में संशोधन नहीं हुआ।परीक्षा नियामक प्राधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने इन दो प्रश्नों के उत्तर को चुनौती दी है। सचिव डॉ. सुत्ता सिंह का कहना है कि मामले की जानकारी हुई है। विषय विशेषज्ञों की राय के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
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