मॉडल स्कूल के चक्कर में शिक्षक विहीन हुए 123 विद्यालय

इस सत्र से शुरू हो रहे अंग्रेजी माध्यम मॉडल स्कूलों में अध्यापकों की तैनाती से जिले के 123 प्राइमरी स्कूल अध्यापक विहीन हो गए हैं। इनमें से कई स्कूलों में ताला लटक गया है तो कई जगहों पर बच्चे शिक्षामित्रों के भरोसे हैं। स्कूलों में जब अध्यापक ही नहीं हैं, तो बच्चों का दाखिला कौन लेगा।

जिले के 132 प्राइमरी स्कूलों को बेसिक शिक्षा विभाग ने मॉडल स्कूल के तौर पर चलाने का निर्णय लिया है। इन स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होगी। इन स्कूलों में प्राइमरी के शिक्षकों का ही टेस्ट लेकर तैनाती की जा रही है। अंग्रेजी माध्यम से संचालित होने वाले इन स्कूलों में हेडमास्टर और चार सहायक अध्यापकों की तैनाती की जा रही है।

कुंडा और कालाकांकर में तैनाती पाने वाले अध्यापकों का दो साल से तबादला नहीं हो रहा था। ऐसे में मौका मिलते ही वह अपने गृह ब्लाक में आ गए हैं। मॉडल स्कूलों में अध्यापकों की संख्या पूरी करने के लिए विभाग उन स्कूलों का गला दबाने को तैयार हैं, जहां मात्र एक अध्यापक की तैनाती की गई है। विभाग की इस लापरवाही के चलते 123 स्कूल शिक्षकविहीन हो गए हैं।

इनमें अधिकांश स्कूलों ताला लटक रहा है, तो अधिकांश स्कूलों को शिक्षामित्रों ने संभाल रखा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि बेसिक शिक्षा विभाग दो अप्रैल से स्कूल चलो अभियान चलाकर अधिकाधिक बच्चों का नाम लिखने की प्राथमिकता दे रहा है, तो दूसरी तरफ स्कूल में टीचर ही नहीं हैं। ऐसे में विभाग का यह अभियान कैसे सफल होगा, यह तो समय बताएगा, मगर इतना तो तय है कि शिक्षकों की कमी से दाखिले पर भी असर पड़ेगा।

मिडिल के सहायक अध्यापकों को मिलेगा प्रमोशन
बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापकों के तबादले पर रोक लगी हुई है। मगर मॉडल स्कूल में शिक्षकों की तैनाती और अब मिडिल स्कूल के सहायक अध्यापक और प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टरों को जल्द ही प्रमोशन मिलने जा रहा है। बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से वरिष्ठता सूची मांगी है। इस उठा-पटक से भी अधिकांश स्कूलों में ताला लटक जाएगा।

मॉडल स्कूलों में अध्यापकों की तैनाती में कुछ विसंगति पैदा हुई है, मगर जो विद्यालय एकल थे, वहां निकट के स्कूल के टीचर की तैनाती की गई है। फिलहाल जल्द ही विभाग इस कमी को दूर करने में सफल होगा।
बीएन सिंह, बीएसए।
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