फतेहपुर : कामचलाऊ सिस्टम का शिकार होंगे परिषदीय अंग्रेजी माध्यम के स्कूल, सिर्फ कागजों में दौड़ेगी अंग्रेजी शिक्षा, बेसिक शिक्षकों की बेरुखी से एक स्कूल में 5 शिक्षकों का मानक हुआ फेल
फतेहपुर : शासन ने भले ही प्राथमिक शिक्षा के कायाकल्प के लिए योजनाएं बनाकर सब्जबाग दिखा रही हो लेकिन धरातल पर होने वाले क्रियान्वयन में योजना औंधे मुंह गिरी नजर आती है। प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा दिए जाने में शिक्षकों का मानक अधूरा होने से योजना कामचलाऊ सिस्टम का शिकार हो गई है।
जिले के 13 ब्लाकों में अंग्रेजी माध्यम के 65 स्कूल खोलने के लिए विभाग ने फाइनल रिपोर्ट तैयार कर दी है। विभाग के पास एक स्कूल में तैनाती के लिए पांच-पांच स्कूल नहीं मिल पाए हैं। ऐसे में अंग्रेजी माध्यम से स्कूलों का संचालन पूरी तरह से फेल एवं फ्लाप हो रहा है।
हाल ही में हुई काउंसिलिंग की रिपोर्ट विभाग ने उजागर नहीं की है लेकिन तैनाती का मानक पूरा नहीं हो पाया है। कुल 150 शिक्षक-शिक्षिकाओं की तैनाती को देखें तो 2 या तीन ही पहुंच पा रही है। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि अंग्रेजी भाषा के जानकार जितने शिक्षकों ने आवेदन करके प्रक्रिया में भाग लिया था उनको तैनाती दी जा रही है। यह भी सही है कि एक स्कूल में एक प्रधानाध्यापक और चार सहायक अध्यापक का मानक पूरा नहीं हो पाया है।
एक स्कूल में पांच शिक्षकों की तैनाती का मानक हुआ फेल’ 65 प्राथमिक स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से दी जाएगी शिक्षा
बेसिक शिक्षा विभाग में अंग्रेजी शिक्षा की तैयारी का जो खाका खींचा गया है उससे तय है कि इसे कागजों में दौड़ाया जाएगा। निजी अंग्रेजी स्कूलों से कदमताल मिलाने की योजना का फलसफा आने वाले समय में दिखाई देगा। जब एक साथ कई-कई कक्षाओं को एक ही शिक्षक के हवाले कर दिया जाएगा। कई कक्षाओं का दायित्व निर्वहन कर रहे शिक्षक अथवा शिक्षिका खुद को बेवस करार देंगे। विभाग चाहकर भी उनपर कार्यवाही नहीं कर पाएगा। कुल मिलाकर निजी अंग्रेजी स्कूल के बच्चों के सामने परिषदीय स्कूल के बच्चे कहीं टिक नहीं पाएंगे।
sponsored links:
0 Comments