गौरीगंज (अमेठी)। कूट रचना कर परिषदीय विद्यालय में सहायक अध्यापक की नौकरी
हासिल करना एक व्यक्ति को भारी पड़ा। सत्यापन रिपोर्ट में शैक्षिक प्रमाण
पत्रों के फर्जी साबित होने व कई बार के नोटिस के बावजूद जवाब नहीं देने पर
बीएसए ने उसको बर्खास्त कर दिया है।
परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए शासन ने वर्ष 2016
में 16,448 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। इस प्रक्रिया के तहत
मलकपुर थाना मलिहाबाद जिला लखनऊ निवासी शंकरलाल रावत को तीन सितंबर 2016 को
बाजार शुकुल के प्राथमिक विद्यालय मरदानपुर में सहायक अध्यापक के पद पर
नियुक्ति मिली थी। नियुक्ति के बाद विभाग ने शंकरलाल के शैक्षिक प्रमाण
पत्रों की जांच कराई तो हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के अंकपत्रों में वर्ष व
अनुक्रमांक सही लेकिन प्राप्तांक में भिन्नता मिली। शंकरलाल को हाईस्कूल
में 247 व इंटरमीडिएट में 255 अंक मिले थे जबकि उसकी ओर से प्रस्तुत
अंकपत्र में हाईस्कूल में 423 व इंटरमीडिएट में 340 अंक दिखाया गया था।
सत्यापन रिपोर्ट मिलने के बाद बीएसए राजकुमार पंडित ने दो नोटिस जारी कर
शंकरलाल को लिखित व मौखिक जवाब देने का मौका दिया लेकिन उसने जवाब नहीं
दिया। शुक्रवार को बीएसए ने शंकरलाल की सेवा नियुक्ति तिथि से समाप्त करने
का आदेश जारी कर दिया। शिक्षक की बर्खास्तगी के बाद अन्य फर्जी शिक्षकों
में हड़कंप मचा है।
केस व रिकवरी का आदेश
बीएसए ने बाजार शुकुल
के बीईओ डॉ. अशोक कुमार यादव को शंकरलाल के खिलाफ बाजार शुकुल थाने में केस
दर्ज कराने व अब तक वेतन व अन्य मद में ली गई धनराशि की रिकवरी सुनिश्चित
करने का आदेश दिया है।
जल्द बर्खास्त होंगे कई और शिक्षक
बीएसए
ने बताया कि शैक्षिक अभिलेख फर्जी मिलने के बाद पिछले दिनों जिन 18
शिक्षकों को नोटिस भेजा गया था उनमें से 14 ने लिखित जवाब दिया है। उनके
जवाब का परीक्षण कर दोबारा नोटिस जारी किया जा रहा है। बीएसए ने कहा कि
जल्द ही बाकी फर्जी शिक्षकों को भी बर्खास्त किया जाएगा।