पीलीभीत : उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के मॉडल विद्यालयों में
शिक्षण कार्य करने के लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं ने काउंस¨लग कराई, जिससे दिनभर
भीड़ उमड़ी रही। मॉडल स्कूलों के लिए 22 हेडमास्टर और 45 सहायक अध्यापक
उपस्थित हुए। अनुपस्थित आवेदकों को दुबारा मौका दिया जाएगा।
जनपद के प्रत्येक ब्लाक में पांच-पांच मॉडल स्कूल बनाए गए, जहां पर
छात्र-छात्राओं को इंग्लिश मीडियम पढ़ने की सुविधा मिलेगी। पूरे जनपद में
40 स्कूलों को चयनित किया गया है। इन स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए
शिक्षक-शिक्षिकाओं की परीक्षा कराई। परीक्षा पास करने वाले
शिक्षक-शिक्षिकाओं की बीएसए दफ्तर में काउंस¨लग कराई गई, जिसमें
शिक्षक-शिक्षिकाओं ने काउंस¨लग कराकर विकल्प के रूप में स्कूल का नाम दर्ज
किया। काउंस¨लग कराने के लिए दिनभर भीड़ उमड़ी रही। बीएसए डॉ.इंद्रजीत
प्रजापति, जीजीआइसी की प्रवक्ता निर्मला गंगवार, समेकित शिक्षा के जिला
समन्वयक राकेश पटेल की मौजूदगी में हुई। मॉडल स्कूल के हेडमास्टर के 22
पदों के लिए सभी अभ्यर्थी उपस्थित रहे। सहायक अध्यापक पद के लिए 45 उपस्थित
और 13 अनुपस्थित रहे। काउंस¨लग होने के बाद चयनित शिक्षक-शिक्षिकाओं को
दिए जाने वाले नियुक्ति पत्र तैयार करने की प्रक्रिया की जा रही है। बीएसए
ने बताया कि नियुक्ति पत्र देने के बाद चयनित शिक्षक-शिक्षिकाएं स्कूलों
में जाकर कार्यभार ग्रहण कर शिक्षण कार्य शुरू कर दें। बच्चों को
गुणवत्तापरक शिक्षण कार्य करने की दिशा में कार्य करें। इंग्लिश मीडियम से
शिक्षण कार्य किया जाना है। उन्होंने बताया कि हेडमास्टर के 40 पद के
अनुरूप 22 लोग आए। सहायक अध्यापक के 160 पद के अनुरूप 58 लोग आए हैं। मॉडल
स्कूलों के लिए दुबारा विज्ञप्ति निकाल कर भर्ती की जाएगी। अगर सभी
शिक्षक-शिक्षिकाओं को पास के ब्लाक के स्कूलों को दे दिया जाए, तो दूर
ब्लाक के स्कूलों को कौन जाएगा।
अभ्यर्थियों ने बीएसए को दिया ज्ञापन
जनपद में 40 मॉडल स्कूलों का चयन किया गया, जिसमें पुराने शिक्षकों को
हटाया नहीं गया है। सिर्फ प्रत्येक स्कूल में एक नया शिक्षक रखा जा रहा है।
काउंस¨लग कराने आए कुछ अभ्यर्थियों ने चयन प्रक्रिया का विरोध दर्ज कराकर
बीएसए को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है। अभ्यर्थियों का कहना है कि
मॉडल स्कूलों से पूरा स्टाफ हटाकर फ्रेश नियुक्ति की जानी चाहिए। ऐसे में
सरकार की मंशा का पालन नहीं हो पा रहा है। इस वजह से काफी संख्या में
अभ्यर्थी काउंस¨लग कराने से वंचित रह गए।
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