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आइबीपीएस के जरिए होंगी सहकारी बैंकों में भर्तियां

सपा-बसपा की सरकारों में सहकारिता के क्षेत्र में नियुक्तियों में धांधली के खूब आरोप लगे। जांच में कई बड़े अफसर नपे और कई जांचें अभी लंबित हैं। सहकारिता में बंपर भर्तियां होनी हैं। योगी सरकार ने पारदर्शी तरीके से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की पहल की है।
इस निमित्त शासन ने प्रदेश के सहकारी बैंकों में विभिन्न पदों पर कार्मिकों का चयन इंस्टीट्यूट आफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन (आइबीपीएस) से कराने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद यह प्रक्रिया लागू हो जाएगी।

उत्तर प्रदेश सहकारी समिति नियमावली के तहत भर्तियों के लिए सहकारी संस्थागत सेवा मंडल का गठन किया गया है। सहकारिता विभाग के सचिव अजय चौहान की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति ने यह प्रस्ताव तैयार किया है कि उप्र सहकारी संस्थागत सेवा मंडल अपने स्तर से आइबीपीएस के जरिये कार्मिकों का चयन करा सकता है। आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता की अध्यक्षता में बनी समिति को सहकारी बैंकों में डीजीएम पद पर चयन और अर्हता निर्धारित करने के लिए स्वयं या किसी संस्था के माध्यम से कराने का अधिकार है। यह प्रस्ताव है कि आइबीपीएस के माध्यम से ही डीजीएम स्तर के लिए भी चयन कराया जाए। यह स्पष्ट किया गया है कि उत्तर प्रदेश सहकारी बैंकों के विभिन्न पदों पर कार्मिकों के चयन हेतु प्रक्रिया एवं शर्ते आइबीपीएस द्वारा ही तय की जाएगी। चयन के बाद आइबीपीएस द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची पर नियुक्ति की अगली कार्यवाही सेवा मंडल द्वारा की जाएगी। सहकारी समिति के सचिव, प्रबंधक, लेखाकार या किसी ऐसे अन्य अधिकारी की अर्हता निर्धारित करने का अधिकार निबंधक सहकारी समितियां को है। आइबीपीएस के माध्यम से सहकारी बैंकों के कार्मिकों की भर्ती के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी के लिए आयुक्त एवं निबंधक द्वारा एक समिति का गठन किया गया है। इस की रिपोर्ट पर कार्य प्रक्रिया निर्धारित करने का प्रस्ताव शासन मुख्यमंत्री को अनुमोदन के लिए भेजेगा।

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