अंतर्जनपदीय तबादले में 'पहले आओ पहले पाओ' फार्मूले में जूनियर बन गए सीनियर, पहले जॉइन करने वाले शिक्षक/शिक्षिकाओं को काउंसलिंग में लाभ

अंतरजनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया में महिला शिक्षकों को खासी कसरत के साथ काउंसलिंग का भी इंतजार करना होगा। असल में स्कूलों में समायोजन को लेकर पहले आओ पहले पाओ का फार्मूला लागू किया गया है। इस कारण जो पहले ज्वाइनिंग लेगा वह काउंसलिंग के रिकार्ड में सीनियर हो जाएगा।
इस तरह कई ऐसी शिक्षिका भी हैं जो सीनियर तो हैं लेकिन ज्वाइनिंग देर से ली है तो वह जूनियर हो गई हैं।

जिले में 287 शिक्षक-शिक्षिकाओं का गैर जनपद से स्थानांतरण हुआ है। इसमें महिला शिक्षकों की काउंसलिंग होनी है। उपस्थिति रजिस्टर में जिस शिक्षिका का नाम पहले दर्ज है उनकी पहले काउंसलिंग होगी। इस लेकर मंगलवार को गैर जनपद से आई शिक्षिकाओं में अजमंजस्य की स्थिति रही। कई शिक्षिकाओं का कहना था कि उनके जिले के बेसिक शिक्षा विभाग ने देर से रिलीव किया जिसके चलते अब उन्हें स्कूल चुनने में मुश्किल होगी।
पहले बंद फिर एकल स्कूल में होगा समायोजन: बेसिक शिक्षा विभाग ने महिला शिक्षिकाओं के लिए जो काउसलिंग की प्रक्रिया तैयार की उसमें पहला नंबर बंद स्कलों का होगा। सूत्र बताते हैं कि बंद स्कूल के बाद एकल स्कूलों का नंबर आएगा। वहीं पास के स्कूल पहली काउसलिंग में होंगे जबकि दूर के स्कूल बाद की काउंसलिंग में होंगे। ऐसे में फायदा उन शिक्षिकाओं को मिलेगा जिनकी ज्वाइनिंग पहले हुई है।
लखीमपुर, बस्ती और गोंडा में देर से दी गई रिलीविंग : स्थानांतरण प्रक्रिया में लखीमपुर, बस्ती व गोंडा के शिक्षक-शिक्षिकाओं को देर से रिलीविंग दी गई। सूत्रों का कहना हैकि इन जनपदों के शिक्षक-शिक्षिका का उपस्थिति रजिस्टर में देर से नामांकन हो सका। असल में रिलीविंग के बाद जिले में जो भी शिक्षक-शिक्षिका आए उनकी ज्वाइनिंग ले ली गई।
एकल और नजदीक के स्कूलों पर गुणा-भाग: शिक्षक समायोजन को लेकर जहां अधिकारियों में नियुक्ति की तैयारी चल रही है तो वहीं शिक्षकों में एकल व नजदीक के स्कूलों को लेकर अधिक गुणा-भाग लग रहा है।