प्रदेश के निजी संस्थान अब काउंसिलिंग से रिक्त सीटों पर सीधे प्रवेश
नहीं ले सकेंगे। इससे पहले उन्हें संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद में ऑनलाइन
पंजीकरण कराना होगा। परिषद यह सुनिश्चित करेगी कि काउंसिलिंग से आवंटित
सीट पर अभ्यर्थी खुद ही प्रवेश का इच्छुक नहीं है।
प्राविधिक शिक्षा विभाग
ने बुधवार को इसके लिए शासनादेश जारी कर दिया। 1निजी संस्थानों में प्रवेश
के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर से परीक्षा आयोजित की जाती है।
इसमें सफल अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के बाद सीटों का आवंटन किया जाता है।
सीटों के आवंटन के बाद भी संस्थान अभ्यर्थी से अधिक शुल्क की मांग करते थे।
अधिक शुल्क न मिलने पर कई अभ्यर्थियों को प्रवेश से वंचित कर उनके स्थान
पर सीधे अन्य का प्रवेश लेने के मामले भी संज्ञान में आ चुके हैं। ऐसी कई
शिकायतें आई थीं और कुछ मामले हाईकोर्ट भी पहुंचे थे। प्राविधिक शिक्षा
मंत्री आशुतोष टंडन ने इसकी मनमानी के लिए नियम बनाने का निर्देश दिया था।
इसी क्रम में बुधवार को विशेष सचिव डॉ. सरोज कुमार की ओर से शासनादेश जारी
किया गया।
प्राविधिक शिक्षा के सचिव भुवनेश कुमार ने बताया कि अब यह तय कर दिया गया
है कि ऑनलाइन काउंसिलिंग के बाद किसी भी पाठ्यक्रम हेतु अभ्यर्थी की सीट को
तब तक रिक्त नहीं माना जाएगा जब तक संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद इस पर
मुहर न लगा दे। इसके साथ ही अभ्यर्थियों को शैक्षणिक प्रमाणपत्र अभिलेख के
सत्यापन और निर्धारित शुक्ल को आवंटित संस्था में ही जमा करने की वर्तमान
व्यवस्था को बदलने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके लिए अभ्यर्थियों को अन्य
विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे। 1उन्होंने बताया कि इसके साथ ही यदि किसी
संस्थान में अधिक शुल्क की मांग एवं वसूली की शिकायतें मिलीं तो संबंधित
संस्था के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।’
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