बेसिक शिक्षा विभाग के करीब पांच हजार शिक्षकों और शिक्षामित्रों का दूसरे
स्कूलों में समायोजन होना है। शासन ने इसके लिए अंतिम तिथि पांच अगस्त तय
की है।
यानी विभाग को दो दिन के भीतर समायोजन करना है, लेकिन अब तक न तो
समायोजन के लिए पदों की स्वीकृति मिली है और न ही डीएम की अध्यक्षता में
समिति ही बन सकी है।
प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल में तैनात तीन हजार शिक्षामित्रों और दो हजार
शिक्षकों का समायोजन होना है। सहायक अध्यापक बने शिक्षामित्रों को नियुक्ति
निरस्त हो गई थी लेकिन अब तक उन्हें उनके मूल तैनाती स्थलों पर नहीं भेजा
जा सका है। इसके अलावा कई स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षक हैं तो कहीं
शिक्षकों की कमी है। लिहाजा शिक्षकों और शिक्षामित्रों का समायोजन पांच
अगस्त तक करने के आदेश शासन ने दिए हैं। समय सीमा खत्म होने में सिर्फ दो
दिन बचे हैं लेकिन अभी तक प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। बीएसए की तरफ से
शासन को शिक्षकों के समायोजन के लिए नए पदों की स्वीकृति का प्रस्ताव भेजा
गया था लेकिन उसे अब तक मंजूरी नहीं मिली है। जिला स्तर पर डीएम की
अध्यक्षता में समायोजन समिति का गठन भी अब तक नहीं हुआ है।
संशोधन की प्रक्रिया भी लटकी
करीब सवा दो सौ शिक्षकों के संशोधन की फाइल भी अटकी हुई है। ये शिक्षक
ज्वाइनिंग लेने के बजाय छुट्टी लेकर घर बैठे गए हैं। इनमें ज्यादातर
महिलाएं हैं। अंतरजनपदीय स्थानांतरण के बाद ज्वाइनिंग लेने वाले इन
शिक्षकों को काउंसलिंग के बाद स्कूलों का आवंटन तो कर दिया गया था लेकिन
उन्होंने स्कूल दूर बताते हुए संशोधन के लिए आवेदन किया था लेकिन इस पर अब
तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।