अमरोहा : एक ओर जहां शिक्षकों के स्कूल नहीं पहुंचने की शिकायतें मिलती
रहती हैं, वहीं कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जो प्रेरणादायी काम करके दूसरों के
लिए प्रेरणास्त्रोत बने हैं। ऐसे ही हैं शिक्षक सुधीर कुमार, जिन्होंने
स्कूल में अपने खर्च से इतना काम कराया कि अब शिक्षा विभाग पांच सितंबर को
उन्हें सम्मानित करेगा।
इन्होंने सरकार की ओर से मिलने वाली राशि का इंतजार
नहीं किया। बल्कि बच्चों के भविष्य निर्माण पर खुद का वेतन लगा दिया। इस
बदौलत बुढ़नपुर का प्राथमिक विद्यालय द्वितीय किसी कान्वेंट स्कूल से कम
नजर नहीं आता।
बुढ़नपुर का प्राथमिक विद्यालय द्वितीय वैसे तो डायट परिसर में है
लेकिन हालात इसके भी ग्रामीण अंचल के अन्य स्कूलों की तरह ही थे।
अगस्त-2015 में यहां सुधीर कुमार को प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात किया
गया। उस समय यहां कक्षा-1 से 5 तक पंजीकृत बच्चों की संख्या महज 26 थी।
शौचालय से लेकर अन्य संसाधनों का अभाव था। एक दिन निरीक्षण को आए तत्कालीन
खंड शिक्षा अधिकारी सहदेव गंगवार की प्रेरणा काम कर गई और सुधीर ने स्कूल
को आदर्श विद्यालय बनाने की ठान ली। बस फिर क्या था दृढ़ इच्छा शक्ति के बल
पर उन्होंने धीरे-धीरे खुद के पैसों से विद्यालय में काम करना शुरू कर
दिया। घर के खर्च के बाद जो वेतन बचता उसी में से उन्होंने विद्यालय का
सुंदरीकरण कराना शुरू कर दिया। कमरों की दीवारों व फर्श के अलावा अन्य जगह
पर टाइल्स लगवा दीं। शुद्ध पेयजल के लिए सबमर्सिबल पम्प लगवा दिया। इससे
परिसर के पौधों की भी ¨सचाई होने लगी। सभी कमरों में लाइट के साथ ही पंखा व
ग्रीन बोर्ड की व्यवस्था की गई। इन सभी व्यवस्थाओं में सुधीर कुमार अब तक
अपने वेतन से करीब दो लाख रुपये खर्च कर चुके हैं।
सुधीर के हौसलों को देखते हुए ग्राम प्रधान ने भी अब हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है।
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स्कूल परिसर में लगवाए 300 पौधे
शिक्षक सुधीर कुमार ¨सह ने स्कूल को हरा-भरा बनाने के लिए 300 से
ज्यादा विभिन्न प्रजाति के पौधे भी लगाए हैं। विद्यालय समय से पहले और बाद
में वह खुद इन पौधों की देखभाल करते हैं।
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एमएलसी डॉ. व्यस्त देंगे फर्नीचर
31 जनवरी को डायट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने आए एमएलसी
डॉ.जयपाल ¨सह व्यस्त सुधीर के प्रयासों से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने न
केवल प्राथमिक विद्यालय में सभी कक्षा-कक्षों के लिए विधायक निधि से
फर्नीचर देने का एलान किया बल्कि मंच पर बुलाकर सुधीर को सम्मानित भी किया।
सितंबर तक विद्यालय में फर्नीचर पहुंच जाएगा।
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आसपास के गांव के बच्चे भी पहुंचने लगे
वाकई यह विद्यालय किसी कान्वेट स्कूल से कम नहीं है, तभी तो बुढ़नपुर
ही नहीं आसपास के गांवों के बच्चे भी यहां शिक्षा ग्रहण करने पहुंचते हैं।
इसी सत्र में विद्यालय में दीपपुर व नीलीखेड़ी गांव के बच्चों का भी पंजीकरण
कराया गया है। मौजूदा समय में बच्चों की संख्या 154 हो गई है।
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बुढ़नपुर के प्राथमिक विद्यालय द्वितीय के प्रधानाध्यापक सुधीर कुमार
ने वाकई प्रेरणादायी काम किया है। वह विद्यालय में करीब दो लाख रुपये तक
स्वयं के संसाधनों से लगा चुके हैं। सुधीर को शिक्षक दिवस पर सम्मानित किया
जाएगा, ताकि अन्य शिक्षक भी उनसे प्रेरणा ले सकें।
- गौतम प्रसाद, बीएसए, अमरोहा।
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