वाराणसी में ऐसा है सर्व शिक्षा अभियान का हाल, बिना टीचर पढ़ रहे बच्चे, पार्षद बने मास्टर साहब

बनारस। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ शिक्षा को लेकर काफी चिंतित रहते हैं। सब पढ़े, सब बढे के स्लोगन वाली ये सरकार समय समय पर शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव की बात करती हैं, लेकिन अपने संसदीय क्षेत्र में मॉडल विद्यालयों का दौरा करने वाले प्रधानमंत्री के सामने आज एक ऐसी तस्वीर आने वाली है जिसे देखकर शायद सूबे में शिक्षा के स्तर का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।


पार्षद ने पढ़ाया एक, दो, तीन
तस्वीरों में दिख रहे बच्चे किसी राहत शिविर के नहीं बल्कि शहर के अंदर मौजूद सिकरौल प्राथमिक विद्यालय – प्रथम के हैं, जो नगर क्षेत्र में पड़ता है। इन बच्चों को ज़मीन पर बैठाकर इलाके के पार्षद जी शिक्षा का ककहरा सीखा रहे हैं। इसकी वजह ये है कि इस विद्यालय की एक मात्र शिक्षिका अभी आयी नहीं हैं और बच्चों का क्लास रूम अभी बंद हैं।

एक शिक्षा मित्र के भरोसे है स्कूल
जर्जर विद्यालय, खुले मैदान में पढ़ाई की खबरें आप ने बहुत पढ़ी होंगी लेकिन प्रधानमंत्री के उसी संसदीय क्षेत्र में जहां हाल ही में प्रधानमंत्री ने स्कूली बच्चों के संग अपना जन्मदिन मनाया था, वहां के एक स्कूल में पढ़ाई के लिए एक ही शिक्षिका पर बच्चे आश्रित हैं। हम बात कर रहे हैं नगर क्षेत्र, प्राथमिक विद्यालय, सिकरौल की जहां सिर्फ एक शिक्षा मित्र कक्षा एक से लेकर 5 तक के छात्रों को पढ़ाती हैं। इस विद्यालय में प्रधानाध्यापक भी नहीं है और यहां के मिड डे मील की व्यवस्था स्थानीय पार्षद द्वारा लगतार पिछले डेढ़ साल से की जा रही है।

कैसे आगे बढ़ेंगे नौनिहाल
इस सम्बन्ध में इलाके के पार्षद दिनेश यादव ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय सिकरौल हमारे कार्य क्षेत्र में आता है। हमें पार्षद हुए डेढ़ साल हो गए पर आज तक इस विद्यालय को प्रधानाध्यापक नहीं मिला। विद्यालय एक शिक्षा मित्र के भरोसे चल रहा है, कई बार इस सम्बन्ध में हमने बीएसए से पर्सनल और लिखित बात की पर आज तक समस्या का हल नहीं हुआ आखरी कैसे ये नौनिहाल आगे बढ़ेंगे जब पढ़ ही नहीं पाएंगे।

बाहर बैठकर वापस जा रहे हैं हम
वहीं कक्षा तीन की छात्रा ने बताया कि पिछली बार स्कूल ड्रेस मिला था इसबार तो वह भी नहीं मिला। एक ही मैडम जी हैं जो सबको पढ़ाती हैं। वो भी शनिवार से स्कूल नहीं आयी हम लोग आते हैं और बहार बैठकर वापस चले जा रहे हैं।

मेडिकल लीव पर हैं शिक्षा मित्र
वहीं इस सम्बन्ध में खंड शिक्षा अधिकारी वरुणापार ज़ोन राम टहल ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय सिकरौल – प्रथम में पहले तीन शिक्षा मित्र थी, जिनमे से दो अध्यापक चयनित हो गए। इस वजह से यहां सिर्फ एक शिक्षा मित्र बची हैं। इसके अलावा यहां कोई अध्यापक नहीं हैं। उक्त शिक्षामित्र का हमें शनिवार को पत्र मिला था कि वो एक तारीख से लेकर आठ तारीख ता अपना इलाज करवाने जा रही है, पूर्व में उनका एक्सीडेंट हुआ था।

व्हाट्सअप पर आया सन्देश
उन्होंने बताया कि इसपर हमने संज्ञान लेते हुए हमने पांडेयपुर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक महमूद आलम को पत्र लिखकर पर्सनल कहकर उन्हें एक तारीख को प्राथमिक विद्यालय सिकरौल – प्रथम का कार्यभार आठ तारिक तक संभालने के लिए आदेशित किया था। हम निश्चिंत थे उनसे वार्ता भी हुई थी फोन प, लेकिन आज उन्होंने मुझे सुबह 9 बजे के करीब व्हाट्सप्प पर मैसेज किया कि सर मै सीएल पर हूं।

सस्पेंशन के लिए लिखा पत्र
खंड शिक्षा अधिकारी वरुणापार ज़ोन ने बताया कि इसपर मैंने उन्हें फोन किया और कहा कि मैंने आप को लिखित भी दिया था और आप से कहा भी था। आज आप सीएल बता रहे हैं। यह आदेश की अह्वहेलना है। इसके आदेश की अह्वहेलना पर मैंने उनके संस्पेंशन के लिए अधिकारियों को लिख दिया है।