शिक्षक भर्ती में धांधली पर हाईकोर्ट सख्त, मुख्यमंत्री से कहा- देखिए ये क्या हो रहा है?

लखनऊ. बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 68500 पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया में एक बार फिर गड़बड़ी उजागर हुई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने इसका संज्ञान लिया है। कोर्ट ने दोषियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई न होने पर भी नाराजगी जताई है।
चीफ सेक्रेटरी को तीन दिन के भीतर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पूरे मामले से अवगत कराते हुए कार्रवाई करने के लिए कहा है। यह आदेश जस्टिस इरशाद अली की बेंच ने अभ्यर्थिनी कुमारी छाया देवी की याचिका पर सुनवाई करने के बाद दिया।

चार सही जवाबों का गलत हुआ मूल्यांकन: कुमारी छाया देवी के मुताबिक, वह ओबीसी वर्ग की कंडीडेट थी। इस परीक्षा में क्वालिफाइंग मार्क्स 67 था, जबकि उसे 64 मार्क्स ही मिल सके। छाया ने उत्तर पुस्तिका की स्कैन कॉपी से जब मिलान किया तो उसके चार सही जवाबों का मूल्यांकन गलत मिला।

कोर्ट ने जांच कमेटी पर उठाए सवाल: कोर्ट ने कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया की जांच के लिए एक कमेटी है। कोर्ट ने कमेटी की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह तथ्य उन्हें क्यों नहीं मिल रहे। यदि याची का दावा सही है तो उसके साथ अन्याय हुआ है।

अब आठ अक्टूबर को होगी सुनवाई: कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर भी सख्त टिप्पणी की है। जज ने कहा कि न तो अधिकारी कानून का पालन कर रहे हैं न ही राज्य सरकार दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई कर रही है। कोर्ट ने कहा, मुख्य सचिव भर्ती प्रक्रिया में हुए भ्रष्टाचार से सीएम को अवगत कराएं। अब इस विषय से जुड़ी सभी विचाराधीन याचिकाओं की सुनवाई आठ अक्टूबर को होगी।


कोर्ट के अधीन है भर्ती प्रक्रिया: इस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी उजागर होने के बाद कई याचिकाएं दायर हुईं। अभ्यर्थियों ने कॉपियां बदलने का आरोप लगाया था। इसके चलते कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को अपने अधीन ले लिया।