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12 हजार संविदा कर्मियों के ईपीएफ पर बजट का अड़ंगा

गोंडा : बेसिक शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं का संचालन कर रहे 12 हजार संविदा कर्मियों के ईपीएफ धनराशि के भुगतान पर विभागीय अफसर कुंडली मारे बैठे हैं।
भविष्य निधि कमिश्नर ने वर्ष 2015 से 2017 तक आठ करोड़ रुपये ईपीएफ धनराशि इनके खातों में जमा कराने के निर्देश दिए थे लेकिन, विभाग इस
रुपये को जमा कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहा है।
बेसिक शिक्षा विभाग में 3200 शिक्षामित्र, 500 अनुदेशक, 6000 रसोइया व जिला समन्वयक तथा ब्लॉक स्तर पर एकाउंटेंट कार्यरत हैं। इसके अलावा साक्षर भारत मिशन के तहत 1800 प्रेरकों ने भी तीन वर्षों तक असाक्षरों को साक्षर किया। इन सभी को ईपीएफ का लाभ दिया जाना है। इसको लेकर वर्ष 2015 में ईपीएफ कमिश्नर की ओर से पत्र जारी किया गया था। जिसमें सभी की संख्या उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें ईपीएफ का लाभ देने के निर्देश दिए गए थे। इसको लेकर पिछले साल ईपीएफ कमिश्नर ने सर्व शिक्षा अभियान के खाते के संचालन पर रोक लगा दी थी। हालांकि बाद में खाता संचालन से रोक हटा दी गई। जिससे विभागीय खाता संचालन होने लगा। विभागीय योजनाओं के संचालन पर धनराशि खर्च की जा रही है लेकिन कर्मियों के ईपीएफ को लेकर सन्नाटा है।

जिम्मेदार के बोल

- सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी डॉ. रमेश चंद्र चौबे ने बताया कि ईपीएफ को लेकर भविष्य निधि कमिश्नर के यहां मामला चल रहा है। शासन से ईपीएफ के लिए धनराशि की डिमांड की गई है। बजट आते ही ईपीएफ की धनराशि जमा करा दी जाएगी। 

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