जैसा कि त्रिपुरा में दिसंबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से नोकरी से
हटाए गए शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट ने आज दिनांक - 01 अक्टूबर को बहुत बड़ा
राहत प्रदान की है। आज हुई अवम्मानना याचिका और संशोधन याचिकाओं की सुनवाई
में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 3 जजो की बेंच ने
त्रिपुरा के 10 हज़ार से अधिक शिक्षकों को 2020 तक नोकरी पर बनाये रखने का
आदेश दिया है*
साथ ही त्रिपुरा सरकार ने उच्चतम न्यायालय में राज्य के अस्थायी शिक्षकों
की सेवायें बढ़ाने के लिए अर्जी दी थी। राज्य सरकार की याचिका पर सुनवायी
करते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ और उदय उमेश
की तीन सदस्यीय पीठ ने इस संबंध में केंद्र सरकार को चार महीने के भीतर
प्रशिक्षण और योग्यता में छूट प्रदान करने पर विचार करने का निर्देश दिया
है।
साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देशित किया है कि राज्य सरकार इन
शिक्षकों के प्रशिक्षण प्राप्त करने में सहयोग प्रदान करे और इन्हें
प्रशिक्षण के लिए आर्थिक सहयोग और सुविधाएं दी ताकि ये अपनी शिक्षक बनने की
अर्हता पूरी कर सकें।
उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह शिक्षकों के चयन के
लिए टीईटी प्रणाली को ही जारी रखे और विद्यार्थियों तथा उनके अभिभावकों को
बी.एड. और डी. एलएड करने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि वे शिक्षक की
नौकरियों के लिए आवेदन करने की योग्यता प्राप्त कर सकें।
मार्च 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी शिक्षकों को बरखास्त करने का आदेश
दिया था। राज्य सरकार ने इन 10 हजार शिक्षकों कों बरखास्त कर के इन्हें
तदर्भ शिक्षक के तौर पर नए अपॉइंटमेंट लेटर सौंपे थे। तदर्भ शिक्षक के तौर
पर सौंपे गए अपॉइंटमेंट लैटर की मान्यता एक जनवरी 2018 से 30 जून 2018 तक
थी। आज के आदेश से ये समय सीमा 2020 हो गयी है।
क्या था मामला
सुप्रीम कोर्ट ने 2017 के मार्च में बड़ा फैसला देते हुए राज्य सरकार को
आदेश दिया था कि 31 दिसंबर तक 10,323 शिक्षकों की नौकरी खत्म की जाए, जो
2009 के राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत जरूरी योग्यताएं नहीं रखते हैं। 2014
में त्रिपुरा हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में इन शिक्षकों की भर्ती में
गड़बड़ी पाए जाने पर नियुक्ति रद्द की थी।
*स्मरण हो कि यूपी के पौने दो लाख शिक्षामित्रों का समायोजन भी ए. के. गोयल
की पूर्ण पीठ ने दिनांक - 25 जुलाई -2017 को निरस्त कर दिया था, उक्त आदेश
से अब तक यूपी के लगभग 900 शिक्षामित्रों ने आत्म हत्या कर चुके हैं, नव
नियुक्त मुख्य न्यायाधीश श्री रंजन गोगोई जी के नियुक्ति होने से
शिक्षामित्रों की तरफ से क्यूरेटिव याचिका दाखिल की गई है, उक्त याचिका से
नव नियुक्त मुख्य न्यायाधीश से शिक्षामित्रों को पुनः बहाल करने की शत
प्रतिशत उम्मीद हो चुकी हैं!*
उक्त जानकारी के साथ
*जय महाकाल*
Information on UPTET Exam , Results , UPTET Admit Cards , 69000 Shikshak Bharti , Counselling , Niyukti Patra for UP Teachers & other related information
Breaking News
- 2004 में शिक्षामित्रों की नियुक्तियों हेतु जारी विज्ञप्ति: इसी विज्ञप्ति के आधार पर हुआ था शिक्षामित्रों की का चयन
- ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय की पहली किस्त अक्टूबर में, यह होगा सहायक अध्यापक व प्रधानाचार्य का मानदेय
- Shikshamitra Appointment: 2001 में शिक्षामित्रों की नियुक्ति सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों के सापेक्ष ही हुई थी
- समस्त AD बेसिक व BSA के CUG मोबाइल नम्बर : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News