लखनऊ: 68, 500 शिक्षक भर्ती में सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप और हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के आदेश दिए जाने के बाद अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज किए जाने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर निशाना साधा है. अखिलेश ने कहा कि युवाओं के इसी खून से भाजपा के पतन की कहानी लिखी जाएगी.
सरकार को युवाओं का खून बहाना महंगा पड़ेगा. बता दें कि इस मामले में यूपी में बीजेपी की सरकार मुश्किल में है. भ्रष्टाचार के आरोप से जूझ रही योगी सरकार द्वारा कराई गई 68, 500 शिक्षक भर्ती में नियुक्तियों को लेकर हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं.
बीजेपी के पतन की शुरुआत: अखिलेश
बता दें कि राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को नौकरी के लिए प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज कर दिया गया था. कई अभ्यर्थियों को गंभीर चोट आई थीं. कई महिलाएं भी घायल हुई थीं. पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज की तस्वीरें सुर्खियां बनी हुई हैं. इस लेकर अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट करते हुए निंदा की है. उन्होंने कहा कि शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज निंदनीय है. युवाओं के इसी खून से भाजपा के पतन की कहानी लिखी जाएगी. रोज़गार के अधिकार की इस लड़ाई में समाजवादियों की संवेदना एवं पूर्ण समर्थन घायल अभ्यर्थियों के साथ है. हम हर मोर्चे पर उनका साथ निभाएंगे.
विधानसभा के सामने जमकर हुआ बवाल, पुलिस ने बरसाईं लाठियां
उत्तर प्रदेश सरकार ने इसी वर्ष 68, 500 शिक्षक भर्ती की थी. प्राइमरी स्कूल के लिए की गई भर्ती सवालों के घेरे में आ गई है. नियुक्तियों में भ्रष्टाचार के चलते कई अधिकारी और सरकार घेरे में हैं. इस मामले में अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. आज भी कट ऑफ़ लिस्ट से बाहर किए गए अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया. अनियमित तरीके से कट ऑफ़ लिस्ट से बाहर किए जाने की बात कह रहे अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया. लड़कियों, महिलाओं सहित बड़ी संख्या में सड़क पर उतरे अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. पुलिस ने अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज कर दिया. इससे कई अभ्यर्थियों के सिर में चोट आई है. कई महिलाओं के भी सिर फूटे हैं. कई को पुलिस ने हिरासत में लिया है. अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती के तहत नौकरी की मांग कर रहे थे.
सीबीआई को 26 नवम्‍बर को स्‍टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा
बता दें कि हाईकोर्ट ने प्राइमरी स्‍कूलों में सहायक अध्‍यापकों के 68, 500 खाली पदों के सापेक्ष की गई भर्ती की प्रक्रिया की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं. ये भर्ती यूपी में बीजेपी सरकार द्वारा इस साल 23 जनवरी को विज्ञापन जारी कर शुरू की गई थी. हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिए कि इस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी साबित होने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ सक्षम प्राधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जानी चाहिए. कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले में अपनी प्रगति रिपोर्ट 26 नवम्‍बर को पेश करने के आदेश देने के साथ-साथ मामले की जांच छह माह में पूरी करने के निर्देश भी दिए हैं.