लखनऊ (जेएनएन)। 68500 शिक्षक भर्ती की सीबीआइ जांच के आदेश के बाद बड़ी
संख्या में अभ्यर्थियों ने यूपी विधानसभा के सामने जोरदार प्रदर्शन किया और
सरकार से हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ डबल बेंच में नहीं जाने की मांग की
है।
अभ्यर्थियों की सरकार के खिलाफ नारेबाजी को दबाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस तरह युवाओं का आक्रोश आएदिन राजधानी में फूटता दिखता है। शुक्रवार को सहायक शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज ने साफ कर दिया अब युवाओं का आक्रोश नियंत्रित कर पाना आसान नहीं है। सरकार को अपने रवैये में बदलाव करना होगा और युवाओं को भी सरकारी नौकरी से अलग विकल्प तलाशने होंगे।
भर्ती की सीबीआइ जांच करानी चाहिए
अभ्यर्थियों के मुताबिक सरकार का शिक्षक भर्ती मामले में डबल बेंच में जाने का सरकार का कदम भ्रष्टाचारियों को बचाने वाला लगता है। प्रदर्शन के दौरान कई छात्रों ने इस बारे में मुखर होकर अपनी बात रखी। अभ्यर्थियों ने कहा कि योगी सरकार को हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए भर्ती की सीबीआइ जांच करानी चाहिए। इससे बेहतर यह होगा कि सरकार खुद विवादित परीक्षा को निरस्त करके दोबारा इम्तिहान कराए ताकि नए सिरे से पात्र अभ्यर्थियों का चयन हो सके।
सरकार घोटाले से जुड़े अफसरों को बचा रही
प्रयागराज में युवा नेता राजेश सचान ने कहा कि कोर्ट की टिप्पणियों से स्पष्ट है कि सरकार महाघोटाले से जुड़े अफसरों व अन्य प्रभावशाली लोगों को बचाना चाहती है। अनिल सिंह ने कहा कि टीईटी में जिन 44 हजार अभ्यर्थियों के आवेदन निरस्त हुए हैं, उन्हें मानवीय भूल मानकर दुरुस्त कराकर स्वीकृत किया जाए। आवेदन की वेबसाइट खराब होने से जिस तरह की अफरातफरी रही उससे आवेदन में गड़बड़ी होना लाजिमी है। इसमें साइबर कैफे संचालकों ने गलतियां की है और उसका दंड अभ्यर्थियों को दिया जा रहा है। सारी गड़बडिय़ों के मूल में परीक्षा नियामक कार्यालय व एनआइसी भी है यदि वेबसाइट सही रहती तो आवेदन ठीक से होते। यदि जल्द सुधार संभव न हो तो अभ्यर्थियों को प्रोविजनल आधार पर परीक्षा में बैठने दिया जाए।
आपत्तियां सोमवार से मांगी
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर हाईकोर्ट के आदेश पर पुनर्मूल्यांकन के लिए अर्जी देने तमाम अभ्यर्थी पहुंचे। ये वह अभ्यर्थी हैं जिन्होंने ऑनलाइन आवेदन नहीं किया है, बल्कि कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने सभी को तय अवधि में अर्जी देने का निर्देश दिया है, ताकि उनका पुनर्मूल्यांकन कराया जा सके। इस पर सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने कहा कि शनिवार से दीपावली का अवकाश हो रहा है। 12 नवंबर को अभ्यर्थी कोर्ट का आदेश लेकर आएं, अर्जी स्वीकार की जाएगी। यहां विशाल प्रताप, अनूप सिंह, आशीष कुमार और अंकित वर्मा आदि शामिल रहे।
अभ्यर्थियों की सरकार के खिलाफ नारेबाजी को दबाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस तरह युवाओं का आक्रोश आएदिन राजधानी में फूटता दिखता है। शुक्रवार को सहायक शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज ने साफ कर दिया अब युवाओं का आक्रोश नियंत्रित कर पाना आसान नहीं है। सरकार को अपने रवैये में बदलाव करना होगा और युवाओं को भी सरकारी नौकरी से अलग विकल्प तलाशने होंगे।
भर्ती की सीबीआइ जांच करानी चाहिए
अभ्यर्थियों के मुताबिक सरकार का शिक्षक भर्ती मामले में डबल बेंच में जाने का सरकार का कदम भ्रष्टाचारियों को बचाने वाला लगता है। प्रदर्शन के दौरान कई छात्रों ने इस बारे में मुखर होकर अपनी बात रखी। अभ्यर्थियों ने कहा कि योगी सरकार को हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए भर्ती की सीबीआइ जांच करानी चाहिए। इससे बेहतर यह होगा कि सरकार खुद विवादित परीक्षा को निरस्त करके दोबारा इम्तिहान कराए ताकि नए सिरे से पात्र अभ्यर्थियों का चयन हो सके।
सरकार घोटाले से जुड़े अफसरों को बचा रही
प्रयागराज में युवा नेता राजेश सचान ने कहा कि कोर्ट की टिप्पणियों से स्पष्ट है कि सरकार महाघोटाले से जुड़े अफसरों व अन्य प्रभावशाली लोगों को बचाना चाहती है। अनिल सिंह ने कहा कि टीईटी में जिन 44 हजार अभ्यर्थियों के आवेदन निरस्त हुए हैं, उन्हें मानवीय भूल मानकर दुरुस्त कराकर स्वीकृत किया जाए। आवेदन की वेबसाइट खराब होने से जिस तरह की अफरातफरी रही उससे आवेदन में गड़बड़ी होना लाजिमी है। इसमें साइबर कैफे संचालकों ने गलतियां की है और उसका दंड अभ्यर्थियों को दिया जा रहा है। सारी गड़बडिय़ों के मूल में परीक्षा नियामक कार्यालय व एनआइसी भी है यदि वेबसाइट सही रहती तो आवेदन ठीक से होते। यदि जल्द सुधार संभव न हो तो अभ्यर्थियों को प्रोविजनल आधार पर परीक्षा में बैठने दिया जाए।
आपत्तियां सोमवार से मांगी
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर हाईकोर्ट के आदेश पर पुनर्मूल्यांकन के लिए अर्जी देने तमाम अभ्यर्थी पहुंचे। ये वह अभ्यर्थी हैं जिन्होंने ऑनलाइन आवेदन नहीं किया है, बल्कि कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने सभी को तय अवधि में अर्जी देने का निर्देश दिया है, ताकि उनका पुनर्मूल्यांकन कराया जा सके। इस पर सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने कहा कि शनिवार से दीपावली का अवकाश हो रहा है। 12 नवंबर को अभ्यर्थी कोर्ट का आदेश लेकर आएं, अर्जी स्वीकार की जाएगी। यहां विशाल प्रताप, अनूप सिंह, आशीष कुमार और अंकित वर्मा आदि शामिल रहे।