टेट इनवैलिड विवाद
सुप्रभात मित्रों , माननीय सर्वोच्च न्यायालय में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा सर्वप्रथम मंगल सिंह की याचिका पर काउंटर फ़ाइल किया इसके उपरांत leading पेटेशन ओमकार सिंह की याचिका पर काउंटर
फ़ाइल किया, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने सभी टेट के बाद प्रशिक्षण करने वाले सभी लोगो को अवैध घोषित कर दिया, अब आता हूँ बेसिक शिक्षा परिषद व राज्य सरकार के काउंटर पर दोनों ही काउंटर बहुत मजाकिया पूर्ण लगाए गए हैं, बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद द्वारा स्वयं दी गयी rti में यह कहा गया है कि टेट 11 व बीएड 12 में उत्तीर्ण लोग अवैध है दूसरी तरफ स्टेट का काउंटर इलाहाबाद में जो फ़ाइल हुआ है, वह सुप्रीम कोर्ट के काउंटर से बिल्कुल विभिन्न है स्टेट ने highcourt में जो 4th सेमेस्टर में है वही मात्र वैध है टेट 2011 में बैठने के लिए। टेट 2011 कराने वाली संस्था माध्यमिक शिक्षा परिषद ने स्वयं यह rti में कहा कि टेट 2011 में बैठने के लिए वही अभ्यर्थी पात्र हैं जिन्होंने या तो अपना प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया है या जो परीक्षा दे चुके हैं और रिजल्ट वेटेड हो, बीएड 2012 वाले टेट 11 में बैठने के लिए पात्र ही नही थे। दूसरी तरफ कुछ लोग स्टेट के काउंटर से खुश हैं लेकिन वह जरा highcourt में फ़ाइल काउंटर का अवलोकन करें। मेरे द्वारा माननीय लखनऊ बेंच में फ़ाइल काउंटर एफिडेविट जिसमे एग्जाम कराने वाली संस्था माध्यमिक शिक्षा परिषद टेट 2011 में यह साफ साफ कहा है कि जिन अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण का रिजल्ट 1 जनवरी 2012 तक आ गया वही अभ्यर्थी टेट 2011 के लिए पात्र है यह काउंटर ncte के काउंटर को फॉलो करता है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में मुकदमा लड़ने वाले नेताओं से यह कहना है वह जरा भारतीय संविधान को भी पढ़ ले हमेसा कानून केंद्र का माना जाता है न कि स्टेट का और स्टेट इतनी ही सही होती तो in eligible लोगो का चयन ही न करती और डाइट स्तर पर झंडू बाम कमेटी बनाती है जो बिना नियम सभी को नियुक्ति बांटती है जिससे सही अभ्यर्थी चयन से बाहर होकर कूड़ा कबाड़ नियुक्ति पा जाते हैं। खैर मैच बहुत रोमांचक होने वाला है। स्टेट ऑफ उत्तर प्रदेश के विभिन्न काउंटर यह कोर्ट को मजबूर करेंगे ncte के काउंटर को मानने के लिए बाकी आप सभी स्टेट ऑफ उत्तर प्रदेश के विभिन्न काउंटर और बेसिक शिक्षा परिषद के काउंटर को हमारे विरोध में खड़े लोग सही से पढ़कर उनका पुनः अवलोकन करें हो सकता है कुछ आपके पक्ष में निकल आये बाकी चाहे स्टेट या बेसिक के जो भी काउंटर फ़ाइल हुए हैं चाहे वो हइकोर्ट में हो या सुप्रीम कोर्ट में हो वह सभी चयनितों के विरोध में है, यह बात माननीय सर्वोच्च न्यायालय में मैं रखूँगा। सबसे हंसी के पात्र वे लोग हैं जो बीटीसी धारक है और जिनका इस जजमेन्ट से कोई लेना देना नही था और जबरदस्ती माननीय सर्वोच्च न्यायालय में मुकदमा किये क्योकि मैं बीएड डिग्री धारक हूँ मैं बीटीसी की प्राथमिक भर्ती को कभी भी challenge ही नही कर सकता था क्योकि मेरा लोकस ही नही बनता था। मेरे अनुसार चयनितों को जस्टिस दिलीप गुप्ता का जजमेन्ट चैलेंज ही नही करना चाहिए था, क्योकि दिलीप गुप्ता ने साफ जजमेन्ट में लिखा था कि अथॉरिटी बिना नोटिस जारी किए किसी को भी बाहर न करे या उनका पक्ष बिना सुने उन पर कोई भी कार्यवाही न करें लेकिन चंद पैसो के लालच में slp फ़ाइल किये। चयनितों का सोचना था कि जैसे भीड़ इकट्ठी करके बेस ऑफ सिलेक्शन के मामले को बिना सुने कूड़ा जजमेन्ट सुप्रीम कोर्ट ने जैसे लिख दिया ठीक उस प्रकार भी कमाई करके जजमेन्ट लिखवा दिया जाएगा और huminity के आधार पर बच जाएंगे जबकि जस्टिस अरुण मिश्रा जी की बेंच मेरिट की बेंच है और लॉ पर जजमेन्ट करती है। खैर माननीय सर्वोच्च न्यायालय में सभी के काउंटर फ़ाइल हो चुके हैं बस निर्णायक बहस होना है।स्क्रीनशॉट में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद, लखनऊ बेंच, व बेसिक की विभिन्न rti व काउंटर स्वयम देख सकते हैं।
आपका स्नेहिल
ऋषि श्रीवास्तव
सुप्रभात मित्रों , माननीय सर्वोच्च न्यायालय में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा सर्वप्रथम मंगल सिंह की याचिका पर काउंटर फ़ाइल किया इसके उपरांत leading पेटेशन ओमकार सिंह की याचिका पर काउंटर
फ़ाइल किया, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने सभी टेट के बाद प्रशिक्षण करने वाले सभी लोगो को अवैध घोषित कर दिया, अब आता हूँ बेसिक शिक्षा परिषद व राज्य सरकार के काउंटर पर दोनों ही काउंटर बहुत मजाकिया पूर्ण लगाए गए हैं, बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद द्वारा स्वयं दी गयी rti में यह कहा गया है कि टेट 11 व बीएड 12 में उत्तीर्ण लोग अवैध है दूसरी तरफ स्टेट का काउंटर इलाहाबाद में जो फ़ाइल हुआ है, वह सुप्रीम कोर्ट के काउंटर से बिल्कुल विभिन्न है स्टेट ने highcourt में जो 4th सेमेस्टर में है वही मात्र वैध है टेट 2011 में बैठने के लिए। टेट 2011 कराने वाली संस्था माध्यमिक शिक्षा परिषद ने स्वयं यह rti में कहा कि टेट 2011 में बैठने के लिए वही अभ्यर्थी पात्र हैं जिन्होंने या तो अपना प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया है या जो परीक्षा दे चुके हैं और रिजल्ट वेटेड हो, बीएड 2012 वाले टेट 11 में बैठने के लिए पात्र ही नही थे। दूसरी तरफ कुछ लोग स्टेट के काउंटर से खुश हैं लेकिन वह जरा highcourt में फ़ाइल काउंटर का अवलोकन करें। मेरे द्वारा माननीय लखनऊ बेंच में फ़ाइल काउंटर एफिडेविट जिसमे एग्जाम कराने वाली संस्था माध्यमिक शिक्षा परिषद टेट 2011 में यह साफ साफ कहा है कि जिन अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण का रिजल्ट 1 जनवरी 2012 तक आ गया वही अभ्यर्थी टेट 2011 के लिए पात्र है यह काउंटर ncte के काउंटर को फॉलो करता है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में मुकदमा लड़ने वाले नेताओं से यह कहना है वह जरा भारतीय संविधान को भी पढ़ ले हमेसा कानून केंद्र का माना जाता है न कि स्टेट का और स्टेट इतनी ही सही होती तो in eligible लोगो का चयन ही न करती और डाइट स्तर पर झंडू बाम कमेटी बनाती है जो बिना नियम सभी को नियुक्ति बांटती है जिससे सही अभ्यर्थी चयन से बाहर होकर कूड़ा कबाड़ नियुक्ति पा जाते हैं। खैर मैच बहुत रोमांचक होने वाला है। स्टेट ऑफ उत्तर प्रदेश के विभिन्न काउंटर यह कोर्ट को मजबूर करेंगे ncte के काउंटर को मानने के लिए बाकी आप सभी स्टेट ऑफ उत्तर प्रदेश के विभिन्न काउंटर और बेसिक शिक्षा परिषद के काउंटर को हमारे विरोध में खड़े लोग सही से पढ़कर उनका पुनः अवलोकन करें हो सकता है कुछ आपके पक्ष में निकल आये बाकी चाहे स्टेट या बेसिक के जो भी काउंटर फ़ाइल हुए हैं चाहे वो हइकोर्ट में हो या सुप्रीम कोर्ट में हो वह सभी चयनितों के विरोध में है, यह बात माननीय सर्वोच्च न्यायालय में मैं रखूँगा। सबसे हंसी के पात्र वे लोग हैं जो बीटीसी धारक है और जिनका इस जजमेन्ट से कोई लेना देना नही था और जबरदस्ती माननीय सर्वोच्च न्यायालय में मुकदमा किये क्योकि मैं बीएड डिग्री धारक हूँ मैं बीटीसी की प्राथमिक भर्ती को कभी भी challenge ही नही कर सकता था क्योकि मेरा लोकस ही नही बनता था। मेरे अनुसार चयनितों को जस्टिस दिलीप गुप्ता का जजमेन्ट चैलेंज ही नही करना चाहिए था, क्योकि दिलीप गुप्ता ने साफ जजमेन्ट में लिखा था कि अथॉरिटी बिना नोटिस जारी किए किसी को भी बाहर न करे या उनका पक्ष बिना सुने उन पर कोई भी कार्यवाही न करें लेकिन चंद पैसो के लालच में slp फ़ाइल किये। चयनितों का सोचना था कि जैसे भीड़ इकट्ठी करके बेस ऑफ सिलेक्शन के मामले को बिना सुने कूड़ा जजमेन्ट सुप्रीम कोर्ट ने जैसे लिख दिया ठीक उस प्रकार भी कमाई करके जजमेन्ट लिखवा दिया जाएगा और huminity के आधार पर बच जाएंगे जबकि जस्टिस अरुण मिश्रा जी की बेंच मेरिट की बेंच है और लॉ पर जजमेन्ट करती है। खैर माननीय सर्वोच्च न्यायालय में सभी के काउंटर फ़ाइल हो चुके हैं बस निर्णायक बहस होना है।स्क्रीनशॉट में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद, लखनऊ बेंच, व बेसिक की विभिन्न rti व काउंटर स्वयम देख सकते हैं।
आपका स्नेहिल
ऋषि श्रीवास्तव