लोकसभा चुनाव से पहले नौकरी गंवाने से बचेंगे 12 लाख शिक्षक, 31 मार्च को पूरा हो रहा है प्रशिक्षण: आरटीई के तहत नौकरी बचाव को प्रशिक्षित होना जरूरी
नई दिल्ली : देश भर के स्कूलों में पढ़ा रहे करीब 12 लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों की नौकरी फिलहाल बच गई है। ऐसे सभी शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का काम 31 मार्च को पूरा हो रहा है। इन शिक्षकों में सबसे ज्यादा शिक्षक उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के हैं। इसके साथ ही स्कूली शिक्षा के माथे से वह कलंक भी धुल जाएगा, जिसके तहत स्कूलों में अप्रशिक्षित शिक्षकों के पढ़ाने का ठीकरा फोड़ा जाता था। हालांकि यह काम वर्ष 2014-15 में ही हो जाना था, लेकिन हो नहीं पाया।
स्कूलों में पढ़ा रहे अप्रशिक्षित शिक्षकों का प्रशिक्षण इसलिए भी जरूरी था, क्योंकि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) नियमों के तहत स्कूलों में कोई भी अप्रशिक्षित शिक्षक नहीं पढ़ा सकता। यह नियम सरकारी और निजी स्कूलों दोनों के लिए ही हैं। सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार के सामने यह एक बड़ी चुनौती थी। बावजूद इसके ऐसे सभी शिक्षकों की नौकरी बचाने के लिए सरकार ने रास्ता निकाला। एक तय समय में सभी को प्रशिक्षित करने की एक ठोस योजना बनाई। इसके साथ ही पहले से तय की गई समय-सीमा को 31 मार्च 2019 तक विस्तार दिया। बाद में सभी को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) के जरिए प्रशिक्षण देने की मुहिम शुरू की।
नई दिल्ली : देश भर के स्कूलों में पढ़ा रहे करीब 12 लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों की नौकरी फिलहाल बच गई है। ऐसे सभी शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का काम 31 मार्च को पूरा हो रहा है। इन शिक्षकों में सबसे ज्यादा शिक्षक उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के हैं। इसके साथ ही स्कूली शिक्षा के माथे से वह कलंक भी धुल जाएगा, जिसके तहत स्कूलों में अप्रशिक्षित शिक्षकों के पढ़ाने का ठीकरा फोड़ा जाता था। हालांकि यह काम वर्ष 2014-15 में ही हो जाना था, लेकिन हो नहीं पाया।
स्कूलों में पढ़ा रहे अप्रशिक्षित शिक्षकों का प्रशिक्षण इसलिए भी जरूरी था, क्योंकि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) नियमों के तहत स्कूलों में कोई भी अप्रशिक्षित शिक्षक नहीं पढ़ा सकता। यह नियम सरकारी और निजी स्कूलों दोनों के लिए ही हैं। सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार के सामने यह एक बड़ी चुनौती थी। बावजूद इसके ऐसे सभी शिक्षकों की नौकरी बचाने के लिए सरकार ने रास्ता निकाला। एक तय समय में सभी को प्रशिक्षित करने की एक ठोस योजना बनाई। इसके साथ ही पहले से तय की गई समय-सीमा को 31 मार्च 2019 तक विस्तार दिया। बाद में सभी को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) के जरिए प्रशिक्षण देने की मुहिम शुरू की।
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