कंप्यूटर के युग में अब टाइप राइटर अपनी पहचान खोता जा रहा है लेकिन, यूपीपीएससी से विभिन्न विभागों में होने वाली लिपिकीय कार्यो की भर्ती में अभ्यर्थियों को टाइप टेस्ट (टंकण परीक्षा) पुराने टाइप राइटर से ही देना पड़ रहा है।
एआरओ यानी सहायक समीक्षा अधिकारी की मौजूदा भर्ती प्रक्रिया कठघरे में है। इस बड़ी खामी पर कन्नौज के एक अभ्यर्थी ने सवाल उठाए हैं। जिस पर यूपीपीएससी ने नियमावली में काफी समय से बदलाव न होने का हवाला दिया है।
इन दिनों यूपीपीएससी यानी उप्र लोकसेवा आयोग एआरओ भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया पूरी करा रहा है। पिछले दिनों लखनऊ में इसकी मुख्य परीक्षा कराई गई। सहायक समीक्षा अधिकारी के लिए प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा के बाद टाइपिंग टेस्ट (टंकण) भी होता है। यही टेस्ट परीक्षा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। क्योंकि सहायक समीक्षा अधिकारी के सभी दायित्वों में टंकण की अहम भूमिका होती है। कन्नौज के बीकूपुर छिबरामऊ निवासी रणविजय सिंह ने व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यूपीपीएससी से अभ्यर्थियों के लिए निर्देश भी हैं कि टंकण परीक्षा के लिए टाइप मशीन की व्यवस्था स्वयं ही करनी होगी। परीक्षा के लिए उन मशीनों को लेकर आना होगा। बड़ा सवाल है कि जब सभी विभागों में कंप्यूटर लग चुके हैं और पुरानी टाइप मशीनें अब चलन से बाहर हो रही हैं तो परीक्षा में टाइप टेस्ट में इसे जरूरी क्यों रखा गया है।
उधर, यूपीपीएससी सचिव जगदीश का कहना है कि भर्ती परीक्षा के लिए नियमावली शासन से ही उपलब्ध कराई जाती है। यूपीपीएससी तो केवल परीक्षा कराने वाली संस्था है। यहां नियम नहीं बनते। कहा कि एआरओ ही नहीं अन्य भर्तियों में भी टंकण परीक्षा के लिए पुरानी टाइप मशीनों से ही टेस्ट लेने का नियम है जिसमें अभी बदलाव नहीं हो सका है।
एआरओ यानी सहायक समीक्षा अधिकारी की मौजूदा भर्ती प्रक्रिया कठघरे में है। इस बड़ी खामी पर कन्नौज के एक अभ्यर्थी ने सवाल उठाए हैं। जिस पर यूपीपीएससी ने नियमावली में काफी समय से बदलाव न होने का हवाला दिया है।
इन दिनों यूपीपीएससी यानी उप्र लोकसेवा आयोग एआरओ भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया पूरी करा रहा है। पिछले दिनों लखनऊ में इसकी मुख्य परीक्षा कराई गई। सहायक समीक्षा अधिकारी के लिए प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा के बाद टाइपिंग टेस्ट (टंकण) भी होता है। यही टेस्ट परीक्षा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। क्योंकि सहायक समीक्षा अधिकारी के सभी दायित्वों में टंकण की अहम भूमिका होती है। कन्नौज के बीकूपुर छिबरामऊ निवासी रणविजय सिंह ने व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यूपीपीएससी से अभ्यर्थियों के लिए निर्देश भी हैं कि टंकण परीक्षा के लिए टाइप मशीन की व्यवस्था स्वयं ही करनी होगी। परीक्षा के लिए उन मशीनों को लेकर आना होगा। बड़ा सवाल है कि जब सभी विभागों में कंप्यूटर लग चुके हैं और पुरानी टाइप मशीनें अब चलन से बाहर हो रही हैं तो परीक्षा में टाइप टेस्ट में इसे जरूरी क्यों रखा गया है।
उधर, यूपीपीएससी सचिव जगदीश का कहना है कि भर्ती परीक्षा के लिए नियमावली शासन से ही उपलब्ध कराई जाती है। यूपीपीएससी तो केवल परीक्षा कराने वाली संस्था है। यहां नियम नहीं बनते। कहा कि एआरओ ही नहीं अन्य भर्तियों में भी टंकण परीक्षा के लिए पुरानी टाइप मशीनों से ही टेस्ट लेने का नियम है जिसमें अभी बदलाव नहीं हो सका है।