प्रयागराज। प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के
तकरीबन एक हजार पदों पर जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू हो सकती है। उच्च
शिक्षा निदेशालय में इन पदों के आरक्षण को लेकर माथापच्ची चल रही है।
आरक्षण निर्धारण के बाद निदेशालय की ओर से उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को पदों
का अधियाचन भेजा जाएगा और इसके बाद आयोग भर्ती के लिए विज्ञापन जारी
करेगा।
इससे पूर्व जिन 534 पदों पर भर्ती की तैयारी चल रही थी, वे पद अब समाप्त हो चुके हैं। ऐसा मानदेय शिक्षकों के विनियमितीकरण के कारण हुआ है। हालांकि, इससे इतर अन्य रिक्त पदों पर भर्ती के लिए कवायद शुरू कर दी गई है। निदेशालय के सूत्रों का कहना है कि पदों की गणना की जा रही है। अशासकीय कॉलेजों में तकरीबन तीन हजार पद रिक्त पड़े हैं। पहले चरण में तकरीबन एक हजार पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू किए जाने की तैयारी है लेकिन, निदेशालय की ओर से विज्ञापन के लिए पदों का अधियाचन आयोग को तभी भेजा जाएगा, जब पदों के आरक्षण का निर्धारण हो जाएगा।
सरकार ने ही में अध्यादेश जारी करते हुए 200 प्वाइंट रोस्टर के तहत आरक्षण व्यवस्था लागू कर दी है और इस बाबत यूजीसी से भी आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं, लेकिन 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है। क्योंकि इसके लिए विभागीय स्तर पर अलग से कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि आदेश आने का इंतजार किया जा रहा है, ताकि बाद में कोई विवाद न हो। स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट होते ही पदों के आरक्षण का निर्धारण किया जाएगा और इसके बाद विज्ञापन के लिए अधिचायन आयोग को भेज दिया जाएगा।
इससे पूर्व जिन 534 पदों पर भर्ती की तैयारी चल रही थी, वे पद अब समाप्त हो चुके हैं। ऐसा मानदेय शिक्षकों के विनियमितीकरण के कारण हुआ है। हालांकि, इससे इतर अन्य रिक्त पदों पर भर्ती के लिए कवायद शुरू कर दी गई है। निदेशालय के सूत्रों का कहना है कि पदों की गणना की जा रही है। अशासकीय कॉलेजों में तकरीबन तीन हजार पद रिक्त पड़े हैं। पहले चरण में तकरीबन एक हजार पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू किए जाने की तैयारी है लेकिन, निदेशालय की ओर से विज्ञापन के लिए पदों का अधियाचन आयोग को तभी भेजा जाएगा, जब पदों के आरक्षण का निर्धारण हो जाएगा।
सरकार ने ही में अध्यादेश जारी करते हुए 200 प्वाइंट रोस्टर के तहत आरक्षण व्यवस्था लागू कर दी है और इस बाबत यूजीसी से भी आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं, लेकिन 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है। क्योंकि इसके लिए विभागीय स्तर पर अलग से कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि आदेश आने का इंतजार किया जा रहा है, ताकि बाद में कोई विवाद न हो। स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट होते ही पदों के आरक्षण का निर्धारण किया जाएगा और इसके बाद विज्ञापन के लिए अधिचायन आयोग को भेज दिया जाएगा।