स्कूल में टीचर नहीं, नौनिहालों को कौन कराए ज्ञान

गोंडा : एक अप्रैल से नए शिक्षा सत्र की शुरुआत हो गई है। अध्यापकों को नए जोश के साथ शिक्षण कार्य करने के लिए कहा गया है। परिसर की साफ-सफाई के साथ ही वातावरण को रुचिकर व मनोरंजक बनाने के आदेश दिए गए हैं लेकिन, यहां नगर क्षेत्र में व्यवस्था बदहाल है। स्कूलों में छात्र हैं लेकिन, उनको पढ़ाने के लिए पर्याप्त संख्या में अध्यापक नहीं हैं। 47 स्कूलों के सापेक्ष 31 अध्यापकों की तैनाती है। 21 शिक्षामित्र कार्यरत हैं। जो विद्यालय का संचालन करते हैं।

²श्य-एक
-प्राथमिक विद्यालय राधाकुंड में पूर्वाह्न 11 बजे छात्र बरामदे में बैठे हुए थे। यहां दो महिलाएं बच्चों को संभाले हुए थीं। शिक्षामित्र मोनिका गुप्ता ने बताया कि वह स्कूल का संचालन करती हैं। यहां सहायक अध्यापक की तैनाती नहीं है। यहां रसोई घर का भवन जर्जर है। मुख्य भवन में भोजन पकाया जाता है।

²श्य-दो
-प्राथमिक विद्यालय लाला लाजपतराय बालक में पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे एक शिक्षिका बैठकर कागज दुरुस्त कर रही थी। वहीं कुछ छात्र बैठे हुए थे। उन्होंने बताया कि उनका नाम मालती सिंह हैं। गत 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। वह कागज आदि दुरुस्त करने व बच्चों से लगाव की वजह से चली आई हैं। शिक्षामित्र आराधना पांडेय भी मौजूद थीं।
²श्य-तीन

-प्राथमिक विद्यालय मालवीयनगर पूर्वाह्न 11.45 बजे। छात्र व शिक्षक मौजूद थे। विद्यालय 12 बजे से संचालित होना था। यहां परिसर में नगर पालिका के मरम्मत योग्य कई ठेला पड़े मिले। जिससे यहां के बच्चों के खेलने के लिए स्थान नहीं बचा है। परिसर में लगा इंडिया मार्का हैंडपंप खराब है।
इनसेट

-बीएसए मनिराम सिंह ने बताया कि नगर क्षेत्र के स्कूलों में अध्यापकों की कमी है। यहां नियुक्ति नहीं हो रही है। इसको लेकर अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। शिक्षामित्र व अन्य अध्यापकों से विद्यालय संचालित कराए जा रहे हैं।
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