टीईटी को क्वालिफाई करने वाले छात्र उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा
परिषद के स्कूलों में होने वाली शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकते
हैं। बिना टीईटी को क्वालिफाई किए शिक्षक बनने का कोई रास्ता नहीं है। यूपी
में बीएड पास करने वाले छात्रों को शिक्षक बनने के लिए इस प्रक्रिया से
गुजरना ही पड़ता है। पात्रता परीक्षा में पास होने वालों को पांच साल तक
भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का मौका मिलता है।
पांच साल में नौकरी न मिलने पर फिर टीईटी को पास करना पड़ता है। टीईटी के दो पेपर होते हैं। एक परीक्षा उन अभ्यर्थियों के लिए होती है जिनको प्राइमरी यानि कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ाना होता है। दूसरी परीक्षा जूनियर हाईस्कूल लेवल यानि कक्षा छह से आठ के लिए होती है। जूनियर हाईस्कूल लेवल टीईटी को पास करने वाले अभ्यर्थी जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बैठ सकते हैं।
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पांच साल में नौकरी न मिलने पर फिर टीईटी को पास करना पड़ता है। टीईटी के दो पेपर होते हैं। एक परीक्षा उन अभ्यर्थियों के लिए होती है जिनको प्राइमरी यानि कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ाना होता है। दूसरी परीक्षा जूनियर हाईस्कूल लेवल यानि कक्षा छह से आठ के लिए होती है। जूनियर हाईस्कूल लेवल टीईटी को पास करने वाले अभ्यर्थी जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बैठ सकते हैं।
ऐसे करें यूपीटीईटी की तैयारी । Preparation for UPTET
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं के यूपीटीईटी का पेपर काफी टफ होता है। बीएड में अच्छा स्कोर करने वाले छात्र भी टीईटी को क्वालिफाई नहीं कर पाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पेपर को काफी टफ बनाया जाता है। इसकी तुलना आप यूपीएससी एग्जाम से भी कर सकते हैं। इसे अतिशियोक्ति समझने की भूल मत कीजिएगा। पहले सिलेबस के बारे में जान लीजिए।पेपर वन का पैटर्न
- पहले आप पेपर वन का पैटर्न समझ लीजिए। कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ाने की अर्हता पाने के लिए आपको 150 मिनट की परीक्षा देनी होगी।
- इस परीक्षा में 150 प्रश्न पूछे जाएंगे। हर प्रश्न एक-एक नंबर का होगा। बाल विकास एवं अध्यापन विषय से 30 सवाल होंगे। इसी प्रकार गणित से 30, भाषा-1 हिंदी से 30, भाषा-2 अंग्रेजी, उर्दू व संस्कृत से 30, पर्यावरण अध्ययन से 30 प्रश्न होंगे।
- बाल विकास और अध्यापन में शिक्षण विधियों में कक्षा एक से पांच व 6 से 11 वर्ष के बच्चों के लिए प्रासंगिक टॉपिक से 15 सवाल होंगे।
- विकास की अवधारणा तथा अधिगम के साथ संबंध, बालकों के विकास का सिद्धांत, आनुवंशिकता और पर्यावरण का प्रभाव
- सामाजिकीकरण प्रक्रियाएं : सामाजिक विश्व और बाल शिक्षक, अभिभावक और मित्रगण
- पाइगेट, कोलबर्ग और वायगोट्स्की : निर्माण और विवेचित संदर्श
- बाल केंद्रित और प्रगामी शिक्षा की अवधारणाएं
- बौद्धिकता के निर्माण का विवेचित संदर्श
- बहुआयामी बौद्धिकता
- भाषा तथा चिंतन समाज निर्माण के रूम में लिंग : लिंग भूमिकाएं, लिंग पूर्वाग्रह और शैक्षिक व्यवहार
- शिक्षार्थियों के बीच मध्य वैयक्तिक विभेद, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय, धर्म की विविधता पर आधारित भेदों को समझना
- अधिगम के लिए मूल्यांकन और अधिगम मूल्यांकन के मध्य विभेद, विद्यालय बेस मूल्यांकन
- सतत एवं व्यापक मूल्यांक : संदर्श एवं व्यवहार
- शिक्षार्थियों की तैयारी के स्तर के मूल्यांकन के लिए क्लास में पढ़ाई और विवेचित चिंतन और बच्चों के लिए प्रश्नपत्र तैयार करना।
- समावेशी शिक्षा की अवधारणा तथा विशेष आवश्यकता वाले बालकों को समझना (पांच प्रश्न)
- गैर लाभ और अवसर वंचित छात्रों सहित विभिन्न पृष्ठभूमियों से आए बच्चों की आवश्यकताओं को समझना
- अधिगम समस्याएं, जटिल छात्र-छात्राओं की आवश्यकताओं को समझना
- मेधावी, सृजनशील, विशिष्ट प्रतिभावान छात्रों की आवश्यकताओं को पहचानना।
- अधिगम और अध्यापक 10 प्रश्न, बालक किस प्रकार सोचते हैं, किस प्रकार सीखते हैं, बच्चों के स्कूलों में सफलता प्राप्त करने में क्यों सफल नहीं हो पाते हैं।
- अधिगम और अध्यापक की बुनियादी प्रक्रियाएं, बच्चों की कार्यनीतियां और सोशल एक्टीविटी के रूप में सामाजिक संदर्भ
- प्राब्लम को सॉल्व करने और वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में बच्चा।
- बच्चों में अधिगम की वैकल्पिक संकल्पना, अधिगम प्रक्रिया में बच्चों की गलतियों को पहचानना और समझना। बोध और संवेदनाएं प्रेरणा।
- अधिगम में योगदान देने वाले कारक – निजी और इन्वायरमेंटल।
- भाषा हिंदी द्वितीय में 30 प्रश्न होंगे। इसका एक हिस्सा बोधगम्यता का होगा। इसमें 15 प्रश्न होंगे। दो अनदेखे गद्य अनुच्छेद, बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्यापकरण और मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न होंगे।
- भाषा विकास का अध्यापन टॉपिक के 5 प्रश्न होंगे। अधिगम और अर्जन भाषा अध्यापक सिद्धांत, सुनने और बोलने की भूमिका पर सवाल होंगे।
- मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा में व्याकरण की भूमिका और निर्णायक संदर्श
- भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ने की चुनौतियां, गलतियां, विकास, भाषा कौशल, बोध्यागम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन, बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना
- अध्यापन अधिगम सामग्री पाठ्यपुस्तक, मल्टीमीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन और उपाचारात्मक अध्यापन।
- गणित में ज्योमैट्री, आकार और स्थानिकि समझ, हमारे चारों ओर विद्यमान ठोस पदार्थ, न्यूमैरिक्स, जोड़ना व घटना, गुणा करना, डिवीजन, मापन, वेट, समय परिमाण, डेटा मैनेजमेंट, पैटन व राशि
- अध्यापन संबंधी मुद्दे पर 15 प्रश्न
- गणितीय और तार्किक चिंतन की प्रकृति, बालक के चिंतन एवं तर्कशक्ति पैटर्नी व अर्थ निकालने व अधिगम की कार्यनीतियों को समझना, सिलेबस में मैथ का स्थान, सामुदायिक मैथ
- औपचारिक और अनौपचारिक पद्धतियों के माध्यम से मूल्यांकन, पढ़ाने में आने वाली दिक्कतें, गलतियों का विश्लेषण, अध्यापन के प्रासंगिक पहलू, नैदानिक एवं उपाचारात्मक शिक्षण
- पर्यावरणीय अध्ययन 30 प्रश्न। परिवार और मित्र, संबंध, कार्य और खेल, पशु, पौधे, भोजन, आश्रम, पानी, भ्रमण, वे चीजें जो हमें बनाती हैं पर 15 प्रश्न।
- अध्यापन संबंधी मुद्दों पर 15 प्रश्न होंगे। पर्यावरणीय अध्ययन की अवधारणा एवं व्याप्ति, पर्यावरण अध्ययन का महत्व, एकीकृत पर्यावरणी अध्ययन
- पर्यावरणीय अध्ययन एवं पर्यावरणीय शिक्षा, अधिगम सिद्धांत, विज्ञान और सोशल साइंस, अवधारणा प्रस्तुत करने के दृष्टिकोण, क्रियाकलाप, सतत मूल्यांकन, शिक्षण सामग्री व उपकरण और समस्याएं।
UPTET पैटर्न पेपर 2
- यह पेपर भी 150 मिनट का होगा। इसमें बाल विकास एवं अध्यापन से 30, भाषा-1 से 30, भाषा-2 से 30, विज्ञान, गणित या सामाजिक विज्ञान से 60 सवाल होंगे। सभी सवाल एक नंबर के होंगे।
- बाल विकास एवं अध्यापन सेक्शन में बाल विकास से संबंधित 15 प्रश्न होंगे। यह सवाल विकास की अवस्था तथा अधिगम से उसका संबंध, बालक के विकास के सिद्धांत
- जेनेटिक और पर्यावरण का प्रभाव सामाजिकीकरण का दबाव, सामाजिक विश्व और बालक
- पाइगेट, कोलबर्ग, वायोगोट्स्की : निर्माण और विवेचित संदर्भ
- बाल केंद्रित और प्रगामी शिक्षा, बौद्धिकता के निर्माण का विवेचित संदर्श, बहु आयामी बौद्धिकता, भाषा चिंतन
- समाज के निर्माण के रूप में लिंग की भूमिकाएं, लिंग पूर्वाग्रह, शैक्षणिक व्यवहार, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय की विविधता पर आधारित विभेदों को समझना
- अधिगम के लिए मूल्यांकन, कक्षा में शिक्षण और विवेचित चिंतन
- भाषा से 30 प्रश्न होंगे। इसमें भाषा बोधगम्यता से 15 सवाल होंगे। भाषा का विकास का अध्यापन से भी 15 प्रश्न होंगे।
- इसके अंतर्गत अधिगम अर्जन, सुनने और बोलने की भूमिका, भाषा का कार्य, भाषा कौशल, अध्यापन, उपचारात्मक अध्यापन से भी सवाल होंगे।
- भाषा विकास का अध्यापन, अधिगम और अर्जन, भाषा अध्यापन के सिद्धांत, सुननने और बोलने की भूमिका, मौखिक और लिखित रूप में विचारों संप्रेषण
- भाषा कौशल, अध्यापन, उपचारात्मक अध्यापन से सवाल होंगे।
- मैथ में 20 सवाल विषय वस्तु पर केंद्रित होगे। इसके अंतर्गत अंक प्रणाली, नकारात्मक अंक और पूर्णांक, अंकों को समझना, बीज गणित, ज्योमैट्री, आंकड़ा प्रबंधन
- गणितीय, तार्किक चिंतन की प्रकृति, पाठ्यचर्या में गणित का स्थान, गणित की लैंग्वेज, सामुदायिक गणित, मूल्यांकन, उपचारात्मक शिक्षण, समस्याएं
- विज्ञान के 30 सवाल भोजन, भोजन के स्रोत, घटक, भोजन को साफ करना, सामग्री, डेली यूज की सामग्री, जीवन, विचारों को स्थानान्तरित करना
- इलेक्ट्रिक सर्किट, चुंबक, नेचर व नेचुरल रिसोर्स, विज्ञान की प्रकृति व संरचना, लक्ष्य व उद्देश्य, अभिनवता, पाठ्यचर्या
- मूल्यांकन, समस्याएं, उपरात्मक शिक्षण आदि से प्रश्न पूछे जाएंगे।
ऐसे करें तैयारी
- यूपीटीईटी को क्वालिफाई करना चाहते हैं तो जमकर मेहनत करें। सब्जेक्ट पर पकड़ तो रखें ही आंसर देने की स्पीड भी बढ़ाएं।
- आपको रोज खुद ही पेपर को सॉल्व करने की प्रैक्टिस करनी होगी।
- टेस्ट में आपको एक सवाल के लिए एक मिनट का समय मिलता है। आप कोशिश करें कि 45 सेकेंड में ही एक सवाल हल हो जाए।
- जो सवाल कठिन या उलझाऊ हों, उनको छोड़कर आगे बढ़ते जाएं। कठिन सवालों के लिए लास्ट में सिर्फ 15 मिनट छोड़ें।
- जवाबों को दोबारा चेक करने के लिए भी कम से कम 15 मिनट का समय बचाकर रखें।
- घर पर प्रतिदिन कम से कम आठ घंटे का समय टीईटी की तैयारी के लिए दें।
- जिन सब्जेक्ट्स में आपको प्राब्लम है, उसके लिए कोचिंग भी कर सकते हैं।
- कोचिंग के मॉक टेस्ट से भी आपको काफी मदद मिल सकती है।
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