UPPSC RO - ARO : यूपी समीक्षा अधिकारी भर्ती के परिणाम अटके

UPPSC : समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ-एआरओ) भर्ती लोक सेवा आयोग की महत्वपूर्ण भर्ती परीक्षाओं में से एक है। इसकी दो भर्तियों में से एक की प्रारंभिक तो दूसरी की मुख्य परीक्षा का परिणाम अटका हुआ है। इन दोनों भर्तियों में 1170 पदों पर चयन किया जाना है। दो लाख से अधिक अभ्यर्थियों को इनके रिजल्ट का इंतजार है।

पहले बात करते हैं कि आरओ-एआरओ 2016 की। 361 पदों के लिए इसकी प्रारंभिक परीक्षा ढाई साल पहले 27 नवंबर 2016 को प्रदेश के 21 जिलों में बनाए गए 827 परीक्षा केंद्रों पर हुई थी। आवेदन करने वाले 385191 परीक्षार्थियों में से 203261 परीक्षा में शामिल हुए थे। लखनऊ के एक सेंटर से परीक्षा पूर्व पेपर वाट्सएप पर आउट होने के आरोप की शिकायत आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने की थी। उनके द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमें पर कोर्ट ने सीबीसीआईडी जांच के आदेश दिए गए थे। दो साल के बाद पिछले माह सीबीसीआईडी ने यह कहते हुए फाइनल रिपोर्ट लगा दिया कि जिस शिवनाथ मौर्या द्वारा व्हाट्सएप पर पेपर भेजे जाने की बात बताई गई है उसकी मृत्यु 24 नवंबर 2017 को हो चुकी है, विवेचना की श्रृंखला का महत्वपूर्ण साक्ष्य नष्ट हो गया है। इसलिए अमिताभ द्वारा लगाए गए आरोप सिद्ध नहीं हो रहे हैं।
इन ढाई वर्षों में आयोग के अफसरों ने जांच जल्द पूरी करने के लिए डीजीपी को पत्र लिखने के अलावा कुछ नहीं किया जबकि आयोग कई भर्तियों की चयन प्रक्रिया हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मुकदमों के अधीन न केवल जारी रखता है बल्कि भर्तियों के अंतिम परिणाम भी जारी करता है। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती इसका ताजा उदाहरण है, जिसके पेपर लीक और योग्यता सहित अन्य प्रकरण को लेकर ढेरों मुकदमें हाईकोर्ट में लंबित हैं। आयोग इन मुकदमों का हवाला देते हुए अब तक सात विषयों का अंतिम परिणाम जारी कर चुका है। अब जबकि सीबीसीआईडी की फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है तब भी परिणाम को लेकर कोई सटिक जानकारी नहीं दी जा रही है।
नौ माह बाद 2017 प्री का परिणाम
अब बात करते हैं आरओ-एआरओ 2017 की। विज्ञापन के वक्त इस भर्ती में 465 पद घोषित किए गए थे। प्री का परिणाम आने तक पदों की संख्या बढ़कर 809 हो गई थी। इसकी प्रारंभिक परीक्षा 8 अप्रैल 2017 को 21 जिलों में बनाए गए 1146 केंद्रों पर हुई थी, जिसमें कुल पंजीकृत 533447 परीक्षार्थियों में से 339632 शामिल हुए थे। प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी करने में ही आयोग ने नौ माह लगा दिए। नौ माह बाद 14 दिसंबर 2018 को परिणाम घोषित कर 15342 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल किया गया था। मुख्य परीक्षा 17 से 20 फरवरी 2019 तक कराई गई, जिसमें 10682 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। लेकिन अभी तक मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं किया जा सका है। आयोग की रफ्तार से ऐसा अनुमान है कि इस भर्ती का अंतिम परिणाम आने में भी दो साल तो लग ही जाएंगे क्योंकि अभी पीसीएस जे और पीसीएस की दो मुख्य परीक्षाओं के परिणाम नहीं आए हैं, आयोग पहले इनके परिणाम घोषित करेगा फिर आरओ-एआरओ मेंस 2017 का नंबर आएगा।
2016 में आया था 2014 का परिणाम
इससे पूर्व आरओ-एआरओ 2014 का परिणाम दो साल के बाद 2016 में जारी किया गया था। इस देरी की वजह से 2015 में यह भर्ती नहीं हो सकी थी, भर्ती का सत्र शून्य कर दिया गया था। आरओ-एआरओ 2014 की मुख्य परीक्षा 29 एवं 30 अगस्त 2015 को हुई थी। इसमें प्री में सफल हुए 16 हजार से अभ्यर्थी शामिल हुए थे। एक साल तीन माह बाद 28 नवंबर 2016 को अंतिम परिणाम जारी किया गया था। कुल 640 पदों पर चयन होना था। इनमें से एक तिहाई यानी 214 पदों पर चयन ही नहीं हो सका था क्योंकि इनके लिए योग्य अभ्यर्थी नहीं मिल सके थे। इस कारण उत्तर प्रदेश सचिवालय में एआरओ के सर्वाधिक 167, आरओ लेखा के छह,  लोक सेवा आयोग में एआरओ के 39 तथा विशेष चयन के दो पदों पर चयन नहीं हो सका था।
आरओ-एआरओ 2016
कुल पद 361
प्रारंभिक परीक्षा 27 नवंबर 2016
शामिल हुए परीक्षार्थी  203261
परिणाम- सीबीसीआईडी जांच की वजह से घोषित नहीं।

आरओ-एआरओ 2017
कुल पद 809
प्रारंभिक परीक्षा 8 अप्रैल 2018
शामिल हुए परीक्षार्थी 339632
प्री का परिणाम 14 दिसंबर 2018
मुख्य परीक्षा 17 से 20 फरवरी 2019
मुख्य परीक्षा में शामिल हुए 10682
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