यूपी में अक्टूबर माह में में होने वाली यूपी शिक्षक पात्रता परीक्षा ( Uttar Pradesh Teacher Eligibilty Test-UPTET 2019) में अबकी बार डीएलएड और बीएड फर्स्ट सेमेस्टर वाले छात्र भी सम्मिलित हो पाएंगे.
सुप्रीमकोर्ट ने परसुइंग/अपीयरिंग मामले में 16 जुलाई के आदेश में इन प्रशिक्षुओं के परीक्षा में शामिल होने के संबंध में बड़ा आदेश दिया है अब इस आदेश के अनुसार यह सभी टीईटी की परीक्षा में बैठ सकेंगे। लेकिन इससे पहले परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय एलनगंज को नियमों में फेरबदल करना होगा.
देश के उच्चतम न्यायालय ने माना कि परसुइंग (Pursuing) शब्द का अर्थ है एक व्यक्ति जो शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स में एडमिशन ले चुका है, अर्थात प्रशिक्षणरत है.
इसलिए परीक्षा परिणाम की घोषणा, परीक्षा में भाग लेना या फॉर्म भरने की अंतिम तिथि आदि TET में भाग लेने के मापदंड बिल्कुल नहीं हो सकते हैं। इसलिए एक उम्मीदवार जो शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स मैं प्रवेश लिया है तो वह TET की परीक्षा में बैठने के लिए पात्र होगा.
आपको यह भी बता दें कि हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 30 मई 2018 के आदेश में माना था कि TET का परिणाम घोषित होने से पहले टीचर ट्रेनिंग (डीएलएड या बीएड आदि) का परिणाम आना अनिवार्य हैं तभी वह TET बैठ सकता है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को एक सिरे से नकार दिया। इस फैसले के बाद TET की गाइडलाइन में डीएलएड या बीएड आदि शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स की अंतिम वर्ष की बाध्यता केंद्र व राज्य सरकारों को हटानी होगी.
इतना ही नहीं अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को CTET में भी यह बाध्यता हटानी होगी. हालांकि इससे पहले राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को भी इस आशय का निर्देश सभी राज्यों को भेजना होगा कि वह इसका परिवर्तन कर लें।
सुप्रीमकोर्ट ने परसुइंग/अपीयरिंग मामले में 16 जुलाई के आदेश में इन प्रशिक्षुओं के परीक्षा में शामिल होने के संबंध में बड़ा आदेश दिया है अब इस आदेश के अनुसार यह सभी टीईटी की परीक्षा में बैठ सकेंगे। लेकिन इससे पहले परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय एलनगंज को नियमों में फेरबदल करना होगा.
देश के उच्चतम न्यायालय ने माना कि परसुइंग (Pursuing) शब्द का अर्थ है एक व्यक्ति जो शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स में एडमिशन ले चुका है, अर्थात प्रशिक्षणरत है.
इसलिए परीक्षा परिणाम की घोषणा, परीक्षा में भाग लेना या फॉर्म भरने की अंतिम तिथि आदि TET में भाग लेने के मापदंड बिल्कुल नहीं हो सकते हैं। इसलिए एक उम्मीदवार जो शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स मैं प्रवेश लिया है तो वह TET की परीक्षा में बैठने के लिए पात्र होगा.
आपको यह भी बता दें कि हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 30 मई 2018 के आदेश में माना था कि TET का परिणाम घोषित होने से पहले टीचर ट्रेनिंग (डीएलएड या बीएड आदि) का परिणाम आना अनिवार्य हैं तभी वह TET बैठ सकता है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को एक सिरे से नकार दिया। इस फैसले के बाद TET की गाइडलाइन में डीएलएड या बीएड आदि शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स की अंतिम वर्ष की बाध्यता केंद्र व राज्य सरकारों को हटानी होगी.
इतना ही नहीं अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को CTET में भी यह बाध्यता हटानी होगी. हालांकि इससे पहले राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को भी इस आशय का निर्देश सभी राज्यों को भेजना होगा कि वह इसका परिवर्तन कर लें।