लखीमपुर: उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर
सहायक अध्यापक पद पर समायोजन की मांग उठाई। कहा कि तब तक सभी
शिक्षामित्रों को जीवन यापन के लिए वेतन के समकक्ष 12 महीना व सेवा अवधि के
62 साल के लिए मानदेय सुरक्षित किया जाए।
जिलाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह की अगुवाई में एसडीएम सदर को ज्ञापन सौपतें हुए शिक्षामित्रों ने कहा कि जिस समय स्कूलों से बच्चों का पलायन हो चुका था, बेसिक शिक्षा पटरी से उतर गई थी। तब 1999 में प्रस्ताव बनाकर सरकार द्वारा योजना को गति दी गई। स्कूलों में पठन-पाठन के कार्य को पटरी पर लाया गया। शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किया गया लेकिन, अब उन्हें हटा दिया गया है। शिक्षामित्रों के कहा कि 19 वर्षों की सेवा के बाद अब उनके कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई है। ऐसे में मन बहुत अशांत रहता है और रातों में नींद नहीं आती है। इसलिए शिक्षामित्रों के हित को देखते हुए निर्णय लिया जाए। इस दौरान नरेंद्र कुमार, प्रमोद वर्मा, अनिल सैनी, सतीश चौरसिया, देवेंद्र चौरसिया, प्रदीप कुमार सहित तमा लोग थे। वहीं दूसरी ओर आदर्श समायोजित शिक्षक व शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष संजय मिश्रा ने पदाधिकारियों के साथ बीएसए से मिलकर ज्ञापन सौंपा। कहा कि जिले में काफी शिक्षामित्रों के पास एन्ड्रॉयड मोबाइल नहीं है। इसलिए उन्हें मोबाइल उपलब्ध कराया जाए। ताकि शिक्षामित्र स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकें। शिक्षामित्रों का मानदेय समय से उपलब्ध कराया जाए। जनपद में कई स्कूलों में नेटवर्क नहीं है। शिक्षामित्रों को प्रेरणा पर सेल्फी भेजने की छूट दी जाए। शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालयों में तत्काल तैनात किया जाए। शिक्षामित्रों को सातवें वेतनमान का अंतर वेतन द्वितीय किस्त का अविलंब भुगतान किया जाए। इस दौरान तमाम शिक्षामित्र मौजूद थे।
जिलाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह की अगुवाई में एसडीएम सदर को ज्ञापन सौपतें हुए शिक्षामित्रों ने कहा कि जिस समय स्कूलों से बच्चों का पलायन हो चुका था, बेसिक शिक्षा पटरी से उतर गई थी। तब 1999 में प्रस्ताव बनाकर सरकार द्वारा योजना को गति दी गई। स्कूलों में पठन-पाठन के कार्य को पटरी पर लाया गया। शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किया गया लेकिन, अब उन्हें हटा दिया गया है। शिक्षामित्रों के कहा कि 19 वर्षों की सेवा के बाद अब उनके कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई है। ऐसे में मन बहुत अशांत रहता है और रातों में नींद नहीं आती है। इसलिए शिक्षामित्रों के हित को देखते हुए निर्णय लिया जाए। इस दौरान नरेंद्र कुमार, प्रमोद वर्मा, अनिल सैनी, सतीश चौरसिया, देवेंद्र चौरसिया, प्रदीप कुमार सहित तमा लोग थे। वहीं दूसरी ओर आदर्श समायोजित शिक्षक व शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष संजय मिश्रा ने पदाधिकारियों के साथ बीएसए से मिलकर ज्ञापन सौंपा। कहा कि जिले में काफी शिक्षामित्रों के पास एन्ड्रॉयड मोबाइल नहीं है। इसलिए उन्हें मोबाइल उपलब्ध कराया जाए। ताकि शिक्षामित्र स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकें। शिक्षामित्रों का मानदेय समय से उपलब्ध कराया जाए। जनपद में कई स्कूलों में नेटवर्क नहीं है। शिक्षामित्रों को प्रेरणा पर सेल्फी भेजने की छूट दी जाए। शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालयों में तत्काल तैनात किया जाए। शिक्षामित्रों को सातवें वेतनमान का अंतर वेतन द्वितीय किस्त का अविलंब भुगतान किया जाए। इस दौरान तमाम शिक्षामित्र मौजूद थे।