अध्यापक पात्रता परीक्षा 2019 में इस बार उत्तरमाला पर आपत्ति करना कठिन
होगा। आपत्ति करने पर प्रति प्रश्न 500 रुपये देना होगा लेकिन आपत्ति सही
होने पर यह पैसा रिजल्ट निकलने के बाद वापस कर दिया जाएगा। निराधार होने की
स्थिति में पैसा वापस नहीं होगा।
टीईटी 2019 में यह नई व्यवस्था की गई है। ऐसा इसलिए किया गया है कि हर वर्ष उत्तरमाला जारी होते ही आपत्तियों की बाढ़ आ जाती है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी हर परीक्षा के बाद सही उत्तरमाला जारी करता है और इस पर आपत्तियां लेता है। अभ्यर्थी इस पर अपनी आपत्ति ऑनलाइन दर्ज कराते हैं।
अधिकारियों के मुताबिक ज्यादतार आपत्तियां आधारहीन पाई जाती हैं। बीते वर्ष हुई 68,500 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में 35 हजार से ज्यादा आपत्तियां दर्ज की गईं और इन्हें निपटाने में परीक्षा नियामक प्राधिकारी को एक महीने से ज्यादा का समय लगा। वहीं टीईटी में भी सभी 150 प्रश्नों पर अभ्यर्थी आपत्ति दर्ज करा देते हैं। एक-एक प्रश्नों के उत्तर पर 100 से ज्यादा आपत्तियां आती हैं। इसमें मानव संसाधन के अलावा समय का भी नुकसान होता है। लिहाजा अब अभ्यर्थियों को आपत्ति करने से पहले भलीभांति सुनिश्चित करना होगा कि उसकी आपत्ति सही है। वहीं हर प्रश्न के लिए अलग से धनराशि देनी होगी।
इस बार परीक्षा 22 दिसम्बर को है और इसकी उत्तरमाला 26 दिसम्बर को जारी की जाएगी। 30 दिसंबर तक इस पर आपत्तियां ली जाएंगी और 16 जनवरी, 2020 तक इन आपत्तियों का निराकरण कर संशोधित उत्तरमाला जारी की जाएगी।
विकलांग अभ्यर्थियों से भी आवेदन शुल्क
इस बार विकलांग अभ्यर्थियों के लिए भी 100 रुपये का आवेदन शुल्क रखा गया है। हर बार विकलांग अभ्यर्थी निशुल्क आवेदन करते थे लेकिन इस बार आवेदन शुल्क देना होगा। ऐसा इसलिए किया गया कि एक-एक अभ्यर्थी कई-कई जिलों से आवेदन कर देता था। इसके बाद मनचाही जगह पर परीक्षा देता था।
टीईटी परीक्षा केंद्रों पर मजिस्ट्रेट भी नहीं ले जा सकेंगे फोन
22 दिसंबर को प्रस्तावित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के परीक्षा केंद्रों में मजिस्ट्रेट भी स्मार्टफोन लेकर नहीं जा सकेंगे। परीक्षा की सुचिता बनाए रखने के लिए नियमों को और सख्त किया गया है ताकि पेपर लीक होने की कोई आशंका न रहे। विशेष सचिव देव प्रताप सिंह की ओर से गुरुवार को जारी शासनादेश में कहा गया है कि परीक्षा केंद्र पर केंद्र व्यवस्थापक, नामित पर्यवेक्ष एवं स्टैटिक मजिस्ट्रेट को कैमरायुक्त स्मार्टफोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। कक्ष निरीक्षक के स्मार्टफोन लाने पर पहले से रोक है।
टीईटी 2019 में यह नई व्यवस्था की गई है। ऐसा इसलिए किया गया है कि हर वर्ष उत्तरमाला जारी होते ही आपत्तियों की बाढ़ आ जाती है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी हर परीक्षा के बाद सही उत्तरमाला जारी करता है और इस पर आपत्तियां लेता है। अभ्यर्थी इस पर अपनी आपत्ति ऑनलाइन दर्ज कराते हैं।
अधिकारियों के मुताबिक ज्यादतार आपत्तियां आधारहीन पाई जाती हैं। बीते वर्ष हुई 68,500 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में 35 हजार से ज्यादा आपत्तियां दर्ज की गईं और इन्हें निपटाने में परीक्षा नियामक प्राधिकारी को एक महीने से ज्यादा का समय लगा। वहीं टीईटी में भी सभी 150 प्रश्नों पर अभ्यर्थी आपत्ति दर्ज करा देते हैं। एक-एक प्रश्नों के उत्तर पर 100 से ज्यादा आपत्तियां आती हैं। इसमें मानव संसाधन के अलावा समय का भी नुकसान होता है। लिहाजा अब अभ्यर्थियों को आपत्ति करने से पहले भलीभांति सुनिश्चित करना होगा कि उसकी आपत्ति सही है। वहीं हर प्रश्न के लिए अलग से धनराशि देनी होगी।
इस बार परीक्षा 22 दिसम्बर को है और इसकी उत्तरमाला 26 दिसम्बर को जारी की जाएगी। 30 दिसंबर तक इस पर आपत्तियां ली जाएंगी और 16 जनवरी, 2020 तक इन आपत्तियों का निराकरण कर संशोधित उत्तरमाला जारी की जाएगी।
विकलांग अभ्यर्थियों से भी आवेदन शुल्क
इस बार विकलांग अभ्यर्थियों के लिए भी 100 रुपये का आवेदन शुल्क रखा गया है। हर बार विकलांग अभ्यर्थी निशुल्क आवेदन करते थे लेकिन इस बार आवेदन शुल्क देना होगा। ऐसा इसलिए किया गया कि एक-एक अभ्यर्थी कई-कई जिलों से आवेदन कर देता था। इसके बाद मनचाही जगह पर परीक्षा देता था।
टीईटी परीक्षा केंद्रों पर मजिस्ट्रेट भी नहीं ले जा सकेंगे फोन
22 दिसंबर को प्रस्तावित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के परीक्षा केंद्रों में मजिस्ट्रेट भी स्मार्टफोन लेकर नहीं जा सकेंगे। परीक्षा की सुचिता बनाए रखने के लिए नियमों को और सख्त किया गया है ताकि पेपर लीक होने की कोई आशंका न रहे। विशेष सचिव देव प्रताप सिंह की ओर से गुरुवार को जारी शासनादेश में कहा गया है कि परीक्षा केंद्र पर केंद्र व्यवस्थापक, नामित पर्यवेक्ष एवं स्टैटिक मजिस्ट्रेट को कैमरायुक्त स्मार्टफोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। कक्ष निरीक्षक के स्मार्टफोन लाने पर पहले से रोक है।