ज्ञानपुर। जिले में अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूल (एडेड) में शिक्षकों के
खाली पद तय करने के लिए टास्क फोर्स गठित कर दी गई है। डीएम के निर्देश पर
तीनों एसडीएम, तीनों तहसील के बीईओ और दो एक्सईएन को नामित किया गया है।
चार अक्तूबर तक सभी स्कूलों का सत्यापन किया जाएगा। पंजीकृत और उपस्थित छात्रसंख्या को आधार बनाकर रिपोर्ट भेजी जाएगी।
अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए सरकार उन
पदों को सृजित करने की कवायद में जुटी है। कुछ जिलों से रिपोर्ट आई कि कई
स्कूलों में शिक्षक तो अधिक हैं, लेकिन बच्चों की संख्या कम है। उन स्कूलों
की ओर से पद सृजन का प्रस्ताव भेजा गया है। सरकार पर अधिक भार न पड़े,
इसलिए एडेड स्कूलों का सत्यापन कराने का निर्णय लिया गया है। जिले में इसके
लिए टास्क फोर्स गठित कर दी गई है। इसमें ज्ञानपुर, औराई, भदोही के
एसडीएम, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग, आरईएस और खंड शिक्षा अधिकारी
ज्ञानपुर, भदोही, औराई को शामिल किया गया है। टास्क फोर्स में शामिल
अधिकारी चार अक्टूबर तक स्कूलों का सत्यापन कर रिपोर्ट सौपेंगे। जिस दिन
स्कूल में टास्क फोर्स पहुंचेगी, उसी दिन छात्र उपस्थिति को रिपोर्ट में
अंकित किया जाएगा। टास्क फोर्स की जांच के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक कुछ
स्कूलों की क्रॉस चेकिंग करेंगे। बताते चलें कि जिले के 25 एडेड स्कूलों
में दो अल्पसंख्यक वर्ग से जुड़े हैं। 23 स्कूलों में पांच प्रधानाचार्य,
13 प्रवक्ता और 95 सहायक अध्यापकों को रिक्त दिखाया गया है। जिला विद्यालय
निरीक्षक अशोक कुमार चौरसिया ने कहा कि टास्क फोर्स गठित कर दी गई है। चार
अक्टूबर तक एडेड स्कूलों की जांच की जानी है।
कहीं शिक्षक कम, कहीं अधिक
ज्ञानपुर। जिले के कुछ अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में भी शिक्षकों की संख्या मानक से कम और अधिक हैं। इंटर कॉलेज बरवां, नेशनल इंटर कॉलेज समेत कुल पांच ऐसे विद्यालय हैं, जहां बच्चों की संख्या काफी अधिक है, लेकिन शिक्षक कम हैं। जबकि इंटर कॉलेज कोइरौना, बैरीबीसा समेत कई स्कूल हैं, जहां बच्चों की संख्या कम है।
चार अक्तूबर तक सभी स्कूलों का सत्यापन किया जाएगा। पंजीकृत और उपस्थित छात्रसंख्या को आधार बनाकर रिपोर्ट भेजी जाएगी।
कहीं शिक्षक कम, कहीं अधिक
ज्ञानपुर। जिले के कुछ अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में भी शिक्षकों की संख्या मानक से कम और अधिक हैं। इंटर कॉलेज बरवां, नेशनल इंटर कॉलेज समेत कुल पांच ऐसे विद्यालय हैं, जहां बच्चों की संख्या काफी अधिक है, लेकिन शिक्षक कम हैं। जबकि इंटर कॉलेज कोइरौना, बैरीबीसा समेत कई स्कूल हैं, जहां बच्चों की संख्या कम है।