चार हजार कर्मियों को सितंबर का नहीं मिला वेतन, त्यौहार फीका

गोंडा। त्योहारों पर चार हजार से अधिक कर्मचारी वेतन को तरस रहे हैं। संविदा पर काम कर रहे सबसे अधिक कर्मियों को वेतन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कहीं बजट की समस्या है तो कहीं उपस्थिति का पेंच फंसा है। वेतन देने के लिए विभागीय अधिकारियों के पत्राचार का भी कोई असर नहीं है।
स्थिति तो यह है कि दीपावली तक भी 3000 से अधिक कर्मियों को वेतन मिलने के आसार नहीं हैं। विभागों को खंगाला गया तो वेतन न मिलने के चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। शासन के आदेश पर विभागों ने नियमित कर्मचारियों को वेतन देने में रुचि दिखाई, लेकिन संविदा कर्मियों की स्थिति बद से बदतर है। सितंबर माह का ही वेतन 4000 कर्मचारियों को नहीं मिली है।
प्रदेश सरकार ने हर हाल में कर्मचारियों को दीपावली से पहले वेतन देने का फरमान जारी किया है। दीपावली से पहले अक्तूबर माह का वेतन देने की बात कही गई है। इसकी तैयारी भी विभागों में चल रही है, 21 अक्तूबर तक की उपस्थिति के आधार पर वेतन देने की पहल हो रही है। जिससे 25 से पहले वेतन जारी हो जाए। लेकिन सितंबर माह का ही वेतन संविदा के 4000 के करीब कर्मचारियों को नही मिले हैं। जल निगम के 100 अधिकारी व कर्मचारी ऐसे हैं जो नियमित होते हुए भी वेतन को तरस रहे हैं।
इस तरह वेतन न मिलने से 4000 से अधिक कर्मचारियों के घरों का त्योहार फीका रह गया है। करवा चौथ तो जैसे तैसे बीत गया है अब दीपावली का इंतजार है। इसमें सबसे अधिक संख्या बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में शिक्षण कार्य कर रहे शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की है। सितंबर माह से ही सर्व शिक्षा अभियान के 2986 शिक्षा मित्रों और बेसिक शिक्षा परिषद से तैनात 165 शिक्षामित्रों के अलावा 481 अनुदेशकों का वेतन नहीं मिला है।
सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय में कार्यरत समन्वयकों और अन्य कर्मियों को भी सितंबर माह का वेतन नहीं मिल सका है। इसी तरह जलनिगम में तो अधिशाषी अभियंता समेत करीब 100 कर्मचारियों को ही वेतन नही मिल सका है। कुछ ब्लॉकों के मनरेगा कर्मियों का भी वेतन फंसा हुआ है। इस तरह करीब 4000 कर्मियों का वेतन माह सितंबर का ही नही मिल सका है।
बीएसए ने लिखा पत्र फिर भी नही मिल सका मानदेय
शिक्षामित्रों को मानदेय देने के लिए बीएसए मनिराम सिंह ने वित्त एवं लेखाधिकारी को पत्र भी लिखा। इसके बावजूद उनका मानदेय जारी नहीं हो सका है। वहीं सर्व शिक्षा अभियान से कार्यरत 2986 शिक्षामित्रों का मानदेय बजट के अभाव में सितंबर माह से नहीं मिल सका है। अक्तूबर का मानदेय भी मिलने पर संकट है। बताया जा रहा है कि समय से बजट न मिला तो भुगतान फंसेगा। 481 अनुदेशकों को मानदेय देने के लिए प्रयास तो हो रहा है लेकिन सितंबर का तो मानदेय मिला नही अब अक्तूबर माह में भुगतान कैसे होगा इसकी चिंता सता रही है।
शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष अवधेश मणि मिश्र कहते हैं कि शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष आनंद त्रिपाठी के साथ लेखाधिकारी से वार्ता की गई है। लेकिन बेसिक शिक्षा परिषद से कार्यरत 167 शिक्षामित्रों का ही मानदेय मिल सकेगा। इसी तरह अनुदेशक संघ के अध्यक्ष स्वदेश कुमार मिश्र कहते हैं कि मानदेय मिलने की उम्मीद तो है लेकिन अभी सितंबर माह का मानदेय ही नहीं मिल सका है।
शिक्षकों के वेतन का भुगतान नियमित रूप से हो रहा है। शिक्षामित्रों के लिए लेखाधिकारी को पत्र लिखा गया है। 25 अक्तूबर तक भुगतान कराने का प्रयास हो रहा है। बजट की उपलब्धता के आधार पर मानदेय दिए जाने की कार्रवाई हो रही है। -मनिराम सिंह, बीएसए
वेतन का भुगतान विभागों में हो रहा है, त्योहार से पहले वेतन देने के लिए तैयारी भी हो रही है। कहीं कोई समस्या नही होगी तो सभी को भुगतान मिलेगा। विभागाें से जानकारी की जाएगी। समस्या स्थानीय स्तर से दूर होने वाली होगी तो प्रयास कर सभी को दीपावली से पहले भुगतान कराया जाएगा। -आशीष कुमार, सीडीओ