आगरा, जागरण संवाददाता। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी
कागजातों से नौकरी पाने वाले शिक्षकों की संख्या बढ़ गई है। एसआइटी द्वारा
सौंपी गई फर्जी शिक्षकों की दूसरी संशोधित सूची की जांच के बाद विभाग ने
पाया है कि जिले में तैनाती पाने वाले संदिग्ध शिक्षक 241 नहीं, बल्कि 249
हैं। इसकी जानकारी के बाद विभाग में तैनाती पाने वाले शिक्षकों में खलबली
है।
बीएड के चार्टों में हेरफेर करा नंबर बढ़वाने वाले या रोल नंबर जेनरेट कराने वाले मामले की जांच कर रही एसआइटी ने 2017 में बेसिक शिक्षा विभाग को 4570 शिक्षकों की पहली सूची भेजी थी, जिसमें आगरा जिले में तैनाती पाने वाले शिक्षकों की संख्या 241 बताई गई थी। इसके बाद विभागीय स्तर पर उनकी जांच शुरू हुई और उन्हें नोटिस भेजकर जवाब मांगे गए। इसी दौरान दिसंबर 2018 में एसआइटी ने तत्कालीन बीएसए को एक और संशोधित सूची और सीडी सौंपी, जिसमें फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाने वाले शिक्षकों की संख्या बढ़कर 4704 हो गई थी। विभाग ने स्थानीय स्तर पर तीन सदस्यीय जांच कमेटी बना सूची में शामिल नामों की जांच कराई, तो इसमें आठ और शिक्षक संदिग्ध मिले, जिससे संख्या 249 हो गई, जिनकी जांच करने के बाद उनकी तैनाती भी फर्जी पाई गई। इसके बाद विभाग ने उन्हें नोटिस जारी करने की कार्रवाई शुरू की ही थी कि बीएसए दफ्तर के जिस कमरे में सभी संदिग्ध शिक्षकों के कागजात रखे थे, उसमें रहस्यमय तरीके से आग लग गई।
नए सिरे से मांगे कागजात
पिछले दिनों जांच उस वक्त प्रभावित हुई, जब दफ्तर में आग लग गई थी, लेकिन बीएसए राजीव कुमार यादव ने नए सिरे से सभी खंड शिक्षाधिकारियों और संदिग्ध शिक्षकों को नोटिस जारी कर सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्र मांगे हैं।
नोटिस लेने से कतरा रहे सभी
बीएसए ने नोटिस का जवाब और प्रमाण पत्र जल्द से जल्द जमा कराने के आदेश दिए हैं। स्थिति यह है कि अब तक किसी खंड शिक्षाधिकारी और शिक्षक ने नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया है। तमाम शिक्षकों व खंड शिक्षाधिकारियों ने उक्त नोटिस को स्वीकार तक नहीं किया। इस कारण जांच में देरी हो रही है।
जल्द होगी कार्रवाई
बीएसए राजीव कुमार यादव का कहना है कि मामले की शासन स्तर से मॉनिटरिंग की जा रही है। प्रमाण पत्र प्राप्त होते ही जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
बीएड के चार्टों में हेरफेर करा नंबर बढ़वाने वाले या रोल नंबर जेनरेट कराने वाले मामले की जांच कर रही एसआइटी ने 2017 में बेसिक शिक्षा विभाग को 4570 शिक्षकों की पहली सूची भेजी थी, जिसमें आगरा जिले में तैनाती पाने वाले शिक्षकों की संख्या 241 बताई गई थी। इसके बाद विभागीय स्तर पर उनकी जांच शुरू हुई और उन्हें नोटिस भेजकर जवाब मांगे गए। इसी दौरान दिसंबर 2018 में एसआइटी ने तत्कालीन बीएसए को एक और संशोधित सूची और सीडी सौंपी, जिसमें फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाने वाले शिक्षकों की संख्या बढ़कर 4704 हो गई थी। विभाग ने स्थानीय स्तर पर तीन सदस्यीय जांच कमेटी बना सूची में शामिल नामों की जांच कराई, तो इसमें आठ और शिक्षक संदिग्ध मिले, जिससे संख्या 249 हो गई, जिनकी जांच करने के बाद उनकी तैनाती भी फर्जी पाई गई। इसके बाद विभाग ने उन्हें नोटिस जारी करने की कार्रवाई शुरू की ही थी कि बीएसए दफ्तर के जिस कमरे में सभी संदिग्ध शिक्षकों के कागजात रखे थे, उसमें रहस्यमय तरीके से आग लग गई।
संस्कृति के दूत बनेंगे पर्यावरण के प्रहरी, UNEP नेे दिया प्रशिक्षण्ा Agra News
यह भी पढ़ें
नए सिरे से मांगे कागजात
पिछले दिनों जांच उस वक्त प्रभावित हुई, जब दफ्तर में आग लग गई थी, लेकिन बीएसए राजीव कुमार यादव ने नए सिरे से सभी खंड शिक्षाधिकारियों और संदिग्ध शिक्षकों को नोटिस जारी कर सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्र मांगे हैं।
नोटिस लेने से कतरा रहे सभी
बीएसए ने नोटिस का जवाब और प्रमाण पत्र जल्द से जल्द जमा कराने के आदेश दिए हैं। स्थिति यह है कि अब तक किसी खंड शिक्षाधिकारी और शिक्षक ने नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया है। तमाम शिक्षकों व खंड शिक्षाधिकारियों ने उक्त नोटिस को स्वीकार तक नहीं किया। इस कारण जांच में देरी हो रही है।
अपहरण, फिरौती, बरामदगी लेकिन कोई मुकदमा नहीं, आखिर ये Good Work क्यों छिपा गई पुलिस Agra News
यह भी पढ़ें
जल्द होगी कार्रवाई
बीएसए राजीव कुमार यादव का कहना है कि मामले की शासन स्तर से मॉनिटरिंग की जा रही है। प्रमाण पत्र प्राप्त होते ही जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।