आगरा में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2004-05 के फर्जी
प्रमाणपत्र के आधार पर जिले के परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की
संख्या 249 पहुंच गई है। विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से उपलब्ध कराई गई
संशोधित सूची से आठ शिक्षक और तलाश लिए गए हैं।
वर्ष 2017 में एसआईटी की ओर से बेसिक शिक्षा विभाग को दी गई पहली सूची से
241 शिक्षक चिह्नित किए गए थे। दिसंबर-2018 में संशोधित सूची दी गई है।
इसके आधार पर शिक्षकों को तलाशने के लिए तत्कालीन बीएसए ने जनवरी-2019 में
खंड शिक्षा अधिकारियों की कमेटी बनाई थी।
बीएसए के निलंबन के बाद मामला लटक गया। पटल प्रभारी ने अधिकारियों को लिखकर दे दिया कि दबाव की वजह से दूसरी सूची से शिक्षक नहीं तलाशे जा सके। मई में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को 241 शिक्षकों की ही सूची उपलब्ध कराई गई।
बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव कुमार यादव ने बताया कि एसआईटी की संशोधित सूची से आठ शिक्षक और चिह्नित किए गए हैं। शासन को 249 शिक्षकों की रिपोर्ट ही भेजी जा रही है। सभी के खिलाफ कार्रवाई होनी है।
इसी हफ्ते विश्वविद्यालय प्रशासन को लेना है निर्णय
बेसिक शिक्षा विभाग एसआईटी सूची से तलाशे गए शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्णय का इंतजार कर रहा है। हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप विश्वविद्यालय प्रशासन को इसी हफ्ते बीएड फर्जीवाड़े में शामिल अंकतालिकाओं पर निर्णय लेना है। बीएसए ने चिह्नित शिक्षकों से उनके दस्तावेज मांगे हैं, लेकिन कोई दे नहीं रहा है।
बीएसए के निलंबन के बाद मामला लटक गया। पटल प्रभारी ने अधिकारियों को लिखकर दे दिया कि दबाव की वजह से दूसरी सूची से शिक्षक नहीं तलाशे जा सके। मई में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को 241 शिक्षकों की ही सूची उपलब्ध कराई गई।
बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव कुमार यादव ने बताया कि एसआईटी की संशोधित सूची से आठ शिक्षक और चिह्नित किए गए हैं। शासन को 249 शिक्षकों की रिपोर्ट ही भेजी जा रही है। सभी के खिलाफ कार्रवाई होनी है।
इसी हफ्ते विश्वविद्यालय प्रशासन को लेना है निर्णय
बेसिक शिक्षा विभाग एसआईटी सूची से तलाशे गए शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्णय का इंतजार कर रहा है। हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप विश्वविद्यालय प्रशासन को इसी हफ्ते बीएड फर्जीवाड़े में शामिल अंकतालिकाओं पर निर्णय लेना है। बीएसए ने चिह्नित शिक्षकों से उनके दस्तावेज मांगे हैं, लेकिन कोई दे नहीं रहा है।