यूपी शिक्षक भर्ती : 50 प्रतिशत से कम अंक वाले ये अभ्यर्थी बनेंगे टीचर

स्नातक में 50 प्रतिशत से कम अंक वाले 73 अभ्यर्थी परिषदीय प्रा. विद्यालयों में प्रशिक्षु शिक्षक पद पर नियुक्त किए जाएंगे। 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर निदेशक एससीईआरटी डॉ. सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने प्रयागराज समेत 21 जिलों के बीएसए और डायट प्राचार्यों को इनकी नियुक्ति का निर्देश दिया है।
क्या है मामला: 30 नवंबर 2011 को 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती का विज्ञापन निकला था।
एनसीटीई की गाइडलाइन के अनुसार पीजी आधार पर बीएड करने वालों ने भी आवेदन किया था। ये वे अभ्यर्थी थे जिनके स्नातक में 50 प्रतिशत से कम अंक थे पर पीजी में 50 प्रतिशत से अधिक अंक होने पर बीएड में दाखिला मिला था। हालांकि शासन की हाईपावर कमेटी ने पीजी के आधार पर बीएड करने वालों को भर्ती से बाहर कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अन्य अभ्यर्थियों को तो नौकरी मिलती गई और 25 जुलाई 2017 को अंतिम फैसला भी आ गया। लेकिन पीजी के आधार पर बीएड करने वालों को विभाग ने नौकरी नहीं दी। इस पर गोरखपुर के नवीन श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर दी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मिली राहत
इस याचिका की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 27 फरवरी 2019 को चार सप्ताह के अंदर पीजी के आधार पर बीएड करने वाले अभ्यर्थियों के चयन का आदेश दिया। लेकिन उसके बावजूद विभाग ने नियुक्ति नहीं दी। फिर 27 सितंबर को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इन अभ्यर्थियों को तीन सप्ताह में नियुक्ति देने का राज्य सरकार को अंतिम अवसर देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 25 अक्तूबर तय की। जिसके बाद 12 अभ्यर्थियों को निर्धारित तिथि से पहले नियुक्ति मिल गई। अन्य 73 अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का निर्णय सरकार ने 10 जनवरी को लिया। जिसके अनुपालन में निदेशक एससीईआरटी ने आदेश जारी किए हैं।