UPPSC भर्ती परीक्षा जांच : सीबीआई दो साल में नहीं कर पाई कुछ खास

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों में भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच शुरू हुए दो साल बीत गए। लेकिन सीबीआई इस अवधि में सिवाय एक बेनामी एफआईआर दर्ज करने के अब तक कुछ खास नहीं कर पाई। यह स्थिति तब है जबकि इस मामले की जांच के लिए सीबीआई ने गोविंदपुर स्थित सिंचाई विभाग के डाक बंगले में कैंप कार्यालय बना रखा है।

24 जनवरी 2018 को जब सीबीआई ने जांच शुरू करने के लिए लखनऊ में केस (पीआई) दर्ज किया था तो प्रतियोगियों में आस जगी थी कि अप्रैल 2012 से मार्च 2017 के बीच हुई भर्तियों में भ्रष्टाचार, अनियमितता की उनकी शिकायतों पर कार्रवाई होगी। आरोपी बेनकाब होंगे और उन्हें सजा मिलेगी। लेकिन अब प्रतियोगी जांच भूलने लगे हैं। कुछ माह पहले तक आयोग के कर्मचारियों में जांच को लेकर भय बना था। अब समय के साथ वह भी हवा हो गया है।
5 मई 2018 को पीसीएस 2015 में अनियमितता को लेकर एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई ने बड़ी-बड़ी बातें की थीं। लेकिन सीबीआई आज तक यह भी नहीं बता सकी कि जिन अनियमितताओं को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी, उसमें आयोग और बाहर के कौन-कौन लोग शामिल थे। सीबीआई जांच को लेकर संघर्षरत प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय ने जांच की प्रगति पर असंतोष जाहिर करते हुए अगस्त 2019 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने हाईकोर्ट की निगरानी में जांच की अपील की। इसके बाद जांच का जिम्मा संभाल रहे सीबीआई के नए एसपी और उनकी टीम थोड़ा सक्रिय जरूर हुई पर कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आ सका। पीसीएस 2015 सहित अन्य भर्तियों में चयनित अफसरों से हुई लंबी पूछताछ का भी कोई निष्कर्ष सामने नहीं आया।

जांच में कब क्या हुआ 
' 19 जुलाई 2017 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में जांच कराने की घोषणा की।
' 31 जुलाई 2017 को प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच के लिए केंद्र सरकार को संस्तुति भेजी।
' 21 नवंबर 2017 को कार्मिक मंत्रालय ने सीबीआई जांच की अधिसूचना जारी की।
' 24 जनवरी 2018 को सीबीआई ने जांच शुरू करते हुए लखनऊ में केस (पीई) दर्ज कराया।
' 31 जनवरी 2018 सीबीआई एसपी राजीव रंजन टीम के साथ जांच के लिए आयोग पहुंचे।
' 5 मई 2018 को पीसीएस 2015 में अनियमितता को लेकर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की।

अध्यक्ष के आश्वासन पर भी नहीं आया रिजल्ट
लोक सेवा आयोग की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के दो विषयों हिन्दी और सामाजिक विज्ञान का परिणाम अभी तक घोषित नहीं किया जा सका। 22 जनवरी को आयोग के अध्यक्ष के साथ हुई वार्ता के बाद प्रतियोगियों को भरोसा था कि सात दिन में परिणाम घोषित हो जाएगा। प्रतियोगी मान रहे थे कि जनवरी के अंत तक दोनों विषयों का परिणाम आ जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका। आंदोलित प्रतियोगी इससे निराश तो हुए हैं पर आयोग के अंदर से मिल रही खबरों से वे इस बात को लेकर आशान्वित भी हैं कि परिणाम 15 फरवरी तक जारी हो सकता है। यह भी जानकारी मिली है कि अध्यक्ष ने एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती का काम देख रहे अनुभाग कर्मियों को 15 फरवरी तक का समय दिया है। इसलिए प्रतियोगी 15 फरवरी तक का इंतजार कर रहे हैं। एलटी ग्रेड समर्थक मोर्चा के प्रतिनिधि अनिल उपाध्याय ने बताया कि परिणाम घोषित न किए जाने से दोनों विषयों के प्रतियोगी असंतुष्ट हैं क्योंकि इस भर्ती में शामिल 15 विषयों में से 13 का परिणाम घोषित हो चुका है। इन 13 विषयों में सफल अभ्यर्थियों के अभिलेखों के सत्यापन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। हालांकि आयोग ने अभी 13 में से सिर्फ दो विषयों के अभ्यर्थियों की चयन संस्तुति ही शिक्षा निदेशालय को भेजी है। इस वजह से एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में सफल हुए 11 विषयों के वे अभ्यर्थी असमंजस में हैं, जो माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की टीजीटी 2016 परीक्षा में भी सफल हुए हैं। इनका इंटरव्यू होने वाला है। असमंजस इस बात को लेकर है कि वे इंटरव्यू में शामिल हों या नहीं। प्रतियोगियों ने एलटी भर्ती में चयनित ऐसे अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे टीजीटी के इंटरव्यू में शामिल न हों।