69000 शिक्षक भर्ती को लिखित परीक्षा में हाईकोर्ट ने जिस कटऑफ अंक पर मुहर लगाई है उससे मेधावी हो नहीं ओबीसी अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है। विशेष आरक्षण पाने वाले भी आरक्षित श्रेणी में होंगे। इससे उन्हें
परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए सिर्फ 90 अंक हासिल करने होंगे। परीक्षा में 4 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए हैं। ऐसे में आसार हैं कि जारी कटऑफ अंक के आधार पर परीक्षा पास करने वालों की संख्या पदों से अधिक होगी। उनका चयन मेरिट बनाकर किया जाएगा।
परिषदीय स्कूलों की 68500 शिक्षक भर्ती की अपेक्षा 69000 भर्ती का कटऑफ अंक अधिक होने के साथ अलग भी है। पहली भर्ती में उत्तीर्ण प्रतिशत सामान्य-ओबीसी व एससी-एसटी में ही बंटा था। इन वर्गों के वे अभ्यर्थी जो विशेष आरक्षण के दावेदार थे, उन्हें भो सामान्य के बराबर उत्तीर्ण प्रतिशत हासिल करना पड़ा, तब उनकी नियुक्ति हो सकी। 69000 भर्ती में शासन ने पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी को आरक्षित वर्ग में रखा है। इसी के साथ विशेष आरक्षण के तहत चयनित होने वाले दिव्यांग व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित को अंकों में गहत दी गई है। ओबीसी व विशेष आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी अब 90 अंक पर उत्तोर्ण होंगी, जबकि सामान्य को उत्तोर्ण होने के लिए 97 अंक पाने होंगे। हाईकोर्ट ने शासन के कटऑफ पर मुहर लगा दी है फिर भी इस बार पदों के सापेक्ष परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों को तादाद इतनी अधिक है कि तय कटऑफ अंक में भी भर्ती के पदों से अधिक परीक्षा में उत्तीर्ण हो सकते हैं। शासन ने इसका ध्यान रखते हुए कटऑफ अंक जारी करने के साथ ही स्पष्ट किया है कि परीक्षा उत्तीर्ण करने भर से वे नियुक्ति के हकदार नहों होंगे, बल्कि अधिकअभ्यर्थी होने पर उनकी मेरिट बनेगी। सूत्रों की मानें तो चयन मेरिट बनना लगभग तय है। सभी की निगाहें अब भर्ती के परिणाम पर टिकी हैं।
परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए सिर्फ 90 अंक हासिल करने होंगे। परीक्षा में 4 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए हैं। ऐसे में आसार हैं कि जारी कटऑफ अंक के आधार पर परीक्षा पास करने वालों की संख्या पदों से अधिक होगी। उनका चयन मेरिट बनाकर किया जाएगा।
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