69 हजार शिक्षक भर्ती: सोशल मीडिया पर अभ्यर्थी व नेता सीएम को पत्र लिखकर MRC हटाने की कर रहे मांग

उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) में इस बार एमआरसी सिस्टम (MRC System) लागू किया है। जिसके आधार पर हुई भर्ती में बहुत आरक्षण वाले अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो पाया है। अभ्यर्थियों का चयन न होने पर जब भाजपा के ही विधायकों और सांसदों ने आवाज उठाई, तो शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने हाईकोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए भर्ती करने की बात कहीं। उन्होंने साफ-साफ कहा कि आरक्षण के नियमों का पूरा पालन किया गया है।

इस भर्ती में ओवरलैपिंग भी की गई। हालांकि उनके कहने के बाद भी अभ्यर्थियों में रोष कम नहीं हो रहा है। इस भर्ती में एमआरसी (MRC System) की वजह से ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थियों का हक मरा गया है। एमआरसी सिस्टम (MRC System) लागू होने की वजह से ही इस बार मेरिट लिस्ट में जनरल और ओबीसी (OBC) वर्ग की मेरिट में कुछ ज्यादा अंतर नहीं रह गया है। इन दोनों वर्गों के बीच में मेरिट का अंतर दशमलव में रहा है। इस बार महज .40 के अंतर पर मेरिट गई है।
एमआरसी (MRC System) की ही वजह से प्रदेश के करीब 15 हजार ओबीसी और हजारों एससी वर्ग के अभ्यर्थी भर्ती वंचित रह गए हैं। हजारों अभ्यर्थियों को रहे नुकसान पर अब एमआरसी (MRC System) के खिलाफ आवाज बुलंद होने लगी है।

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प्रदेश की सत्ता में काबिज भाजपा (BJP) के ही सांसद और विधायक ने इसके खिलाफ सीएम को पत्र लिखा है, तो वहीं विपक्ष के नेता भी इस मुद्दे पर लगातार आवाज उठा रहे हैं। सपा के प्रवक्ता और एमएलसी सिंह सुनील सिंह साजन भी इसके खिलाफ लगातार बोल रहे हैं।
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता और सचिव मनोज यादव भी इसके खिलाफ आवाज बुलंद कर चुके हैं। वह लोग लगातार कह रहे हैं कि इससे हजारों नौजवानों का हक मारा जाएगा। इस शिक्षक भर्ती से एमआरसी प्रक्रिया (MRC System) को हटाए जाने की मांग को लेकर एटा सांसद राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया (Rajveer Singh) ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल भी कह चुकी है कि अभ्यर्थियों के साथ में किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। अभ्यर्थियों को पूरा सहयोग किया जाएगा।
इसके अलावा सीतापुर सदर से विधायक राकेश राठौर (Rakesh Rathaur) भी एमआरसी सिस्टम (MRC System) के खिलाफ आवाज उठाते हुए सरकार से नियमों का हवाला देते हुए एमआरसी सिस्टम (MRC System) को हटाए जाने की मांग कर चुके हैं। इसके अलावा पूर्व में भाजपा के साथ गठबंधन में रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर ने भी बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को पत्र लिखकर एमआरसी हटाने की मांग की है।
वहीं, सपा सरकार में मंत्री रहे राम आसरे विश्वकर्मा भी इसको हटाने के लिए सीएम को पत्र लिख चुके हैं। इन्होंने कहा कि एमआरसी सिस्टम (MRC System) से ओबीसी (OBC) और एससी (SC) वर्ग के करीब 15 हजार अभ्यर्थी इस भर्ती में चयनित होने से वंचित रह जाएंगे। एक तरह से उनके आरक्षण का हक मारा जा रहा है।
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सीतापुर सदर विधायक और एटा से सांसद ने कहीं ये बात

सीतापुर (Sitapur) सदर से विधायक राकेश राठौर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) में आरक्षित वर्ग के हजारों अभ्यर्थियों का हक मारा जा रहा है। उन्होंने लिखा कि एमआरसी प्रक्रिया (MRC System) को अपना हजारों अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने से रोका जा रहा है। यह भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया 1981 की बेसिक शिक्षा विभाग की नियमावली के नियम 5(क) के आधार पर आरक्षण के नियमों का पालन करती है।
अधिकारियों ने आरक्षण के नियमों का पालन न कराकर हजारों आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में डाल दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 4 दिसम्बर 2019 में उल्लेखित ओवर लैपिंग एवं अधिनियम की धारा 3 (6) में उल्लिखित एमआरसी प्रकरण (MRC System) में बेसिक शिक्षा परिषद को प्रभावी रूप से निर्देशित करने की मांग की है।
एटा संसदीय क्षेत्र से सांसद राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया (Rajveer Singh) ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर एमआरसी (MRC System) का विरोध किया है। उन्होंने पत्र लिखकर कहा कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) में एमआरसी प्रक्रिया (MRC System) की वजह से हजारों आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो पाया है।
उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों का कहना है कि अनारक्षित अभ्यर्थियों से अधिक गुणांक होने के बाद भी उस वर्ग में चयन न करके आरक्षित वर्ग में ही चयन कर दिया गया है जोकि पूरी तरह से असवैंधानिक है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एमआरसी प्रक्रिया (MRC System) को हटाकर संवैधानिक रूप से ओवरलैपिंग व्यवस्था को लागू करने की मांग की है।



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अरविंद राजभर ने कहा सही तरीके से करें चयन

अरविंद राजभर ने कहा कि इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में ओबीसी वर्ग के 84868, एससी वर्ग के 24308 अभ्यर्थी सफल हुए है। जबकि आरक्षित वर्ग से इस बार 36614 अभ्यर्थी पास हुए हैं। इस भर्ती में आरक्षित वर्ग के लोगों के लिए 34500 सीटें निर्धारित है। लेकिन इसके बाद भी भर्ती प्रक्रिया (MRC System) में नियमों का पालन नहीं किया गया है। इस भर्ती में एमआरसी प्रक्रिया (MRC System) को अपनाया गया है। भर्ती प्रक्रिया (MRC System) के बारे में उन्होंने कहा कि आरक्षित श्रेणी के ऐसे अभ्यर्थी जिनकी मेरिट और अंक सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों की मेरिट के बराबर है, लेकिन उनको नियुक्ति अनारक्षित श्रेणी में ही रखा गया है। उन्होंने इस संबंध में सचिव से जल्द से जल्द पत्र लिखकर पालन किए जाने की मांग की गई है।

इसके अलावा समाजवादी पार्टी के नेता रामआसरे विश्वकर्मा ने सीएम को पत्र लिखकर इसमें नियमों के तहत भर्ती प्रक्रिया (MRC System) को करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि ओबीसी वर्ग के करीब 15 हजार अभ्यर्थियों को एमआरसी प्रक्रिया (MRC System) द्वारा शिक्षक बनने से रोका जा रहा है। भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया में बेसिक शिक्षा विभाग की 1982 नियमावली के नियम 5(क) के आधार पर आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की तरफ से ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ न दिए जाने की वजह से उनका भविष्य अंधकार में है। उन्होंने कहा कि ओवरलैपिंग से हजारों अभ्यर्थियों का नुकसान हो रहा है। सीएम से उन्होंने ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के हजारों अभ्यर्थियों को न्याय दिलाए जाने की मांग की है।



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सोशल मीडिया पर भी रोष


बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की तरफ से 69,000 शिक्षकों (69000 Assistant Teachers) की भर्ती में एमआरसी सिस्टम (MRC System) को लागू किया है। इस सिस्टम को लागू किए जाने की वजह से अब हजारों ओबीसी (OBC) और एससी (SC) अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो पाया है। इसकी वजह से अब परिषद के खिलाफ आवाज उठने लगी और सोशल मीडिया (Social Media) पर अभ्यर्थी लगातार रोष व्यक्त कर रहे हैं। सोशल मीडिया (Social Media) से लेकर अन्य जगहों पर एमआरसी (MRC) के खिलाफ लगातार आवाज बुलंद की जा रही है। अभ्यर्थियों का कहना है कि हम लोगों का हक सरकार मार रही है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही करना है, तो फिर आरक्षण को ही हटा दिया जाएगा। बता दें, एमआरसी सिस्टम की वजह से ही सामान्य वर्ग और ओबीसी (OBC) की मेरिट महज प्वाइंट में ही गई है। प्वाइंट में जाने की वजह से ही अभ्यर्थियों में रोष व्याप्त है।