लखनऊ. उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर
कांग्रेस ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका
गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के युवाओं के
सपनों पर ग्रहण लग गया। यूपी की सरकार की अव्यवस्था के चलते तमाम भर्तियां
कोर्ट में अटकी हैं। पेपर लीक, कटऑफ विवाद, फर्जी मूल्यांकन और गलत
उत्तरकुंजी।
यूपी सरकार की व्यवस्था की इन सारी कमियों के चलते 69000 शिक्षक भर्ती का मामला लटका हुआ है। सरकार की लापरवाही की सबसे ज्यादा मार युवाओं पर पड़ रही है।
प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र चौधरी ने कहा कि 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में तमाम अनियमितताएं हुईं। परीक्षा के दौरान पेपर लीक प्रकरण मीडिया में छाया रहा। नकल के मामलों में कई गिरफ्तारियां हुई, एसटीएफ गठित हुई और जांच हुई। और अब भर्तियों में अनियमितता के चलते हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जारी काउंसलिंग को स्थगित कर दिया है।
'रोजगार सम्बन्धी घोषणाएं सिर्फ जुमला'
चौधरी ने कहा कि परिषदीय शिक्षक भर्ती में अनियमितता का आलम यह है कि 69000 वैकेन्सी में शुरू के 50000 रैंक तक का चयन सामान्य वर्ग में हुआ है। जबकि आरक्षित वर्ग के लिए 50 प्रतिशत 34500 सीटें सुरक्षित होनी चाहिए थीं। सरकार द्वारा प्रकाशित कट-आफ में 64 प्रतिशत अंक में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी का चयन हो जा रहा है, लेकिन 66.64 प्रतिशत अंक पाने वाले ओबीसी अभ्यर्थी का चयन नहीं हुआ है। प्रदेश सरकार आरक्षित वर्गों के कोटे की हकमारी कर रही है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की रोजगार सम्बन्धी घोषणाएं सिर्फ जुमला साबित हुई हैं।
'परीक्षा परिणाम में तमाम विसंगतियां'
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि परीक्षा परिणाम में तमाम विसंगतियां दिख रही हैं। एक ही परिवार अथवा एक ही सेंटर के बच्चों के सामान्य अभ्यर्थियों से समान अंक तथा टीईटी परीक्षा को किसी तरह से पास करने वाले अभ्यर्थियों का भर्ती परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करना संदेह के घेरे में हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को पारदर्शिता के साथ भर्ती करनी चाहिए, धांधली व नकल करके पास हुए अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया से बाहर करते हुए योग्य अभ्यर्थियों का ही चयन करना चाहिए।
यूपी सरकार की व्यवस्था की इन सारी कमियों के चलते 69000 शिक्षक भर्ती का मामला लटका हुआ है। सरकार की लापरवाही की सबसे ज्यादा मार युवाओं पर पड़ रही है।
प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र चौधरी ने कहा कि 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में तमाम अनियमितताएं हुईं। परीक्षा के दौरान पेपर लीक प्रकरण मीडिया में छाया रहा। नकल के मामलों में कई गिरफ्तारियां हुई, एसटीएफ गठित हुई और जांच हुई। और अब भर्तियों में अनियमितता के चलते हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जारी काउंसलिंग को स्थगित कर दिया है।
'रोजगार सम्बन्धी घोषणाएं सिर्फ जुमला'
चौधरी ने कहा कि परिषदीय शिक्षक भर्ती में अनियमितता का आलम यह है कि 69000 वैकेन्सी में शुरू के 50000 रैंक तक का चयन सामान्य वर्ग में हुआ है। जबकि आरक्षित वर्ग के लिए 50 प्रतिशत 34500 सीटें सुरक्षित होनी चाहिए थीं। सरकार द्वारा प्रकाशित कट-आफ में 64 प्रतिशत अंक में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी का चयन हो जा रहा है, लेकिन 66.64 प्रतिशत अंक पाने वाले ओबीसी अभ्यर्थी का चयन नहीं हुआ है। प्रदेश सरकार आरक्षित वर्गों के कोटे की हकमारी कर रही है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की रोजगार सम्बन्धी घोषणाएं सिर्फ जुमला साबित हुई हैं।
'परीक्षा परिणाम में तमाम विसंगतियां'
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि परीक्षा परिणाम में तमाम विसंगतियां दिख रही हैं। एक ही परिवार अथवा एक ही सेंटर के बच्चों के सामान्य अभ्यर्थियों से समान अंक तथा टीईटी परीक्षा को किसी तरह से पास करने वाले अभ्यर्थियों का भर्ती परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करना संदेह के घेरे में हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को पारदर्शिता के साथ भर्ती करनी चाहिए, धांधली व नकल करके पास हुए अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया से बाहर करते हुए योग्य अभ्यर्थियों का ही चयन करना चाहिए।