उत्तर प्रदेश में पिछले दो साल से 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती पर
ताला अटकी हुई थी। जहां बुधवार को कांउसलिंग के जरिए शिक्षकों की किस्मत
खुलने वाली ही थी कि अचानक इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने भर्ती
प्रक्रिया पर रोक लगा दी।
अब मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी। कोर्ट (High Court) ने कहा कि अभ्यार्थी विवादित प्रश्नों पर उठाए आपत्तियों को राज्य सरकार के सामने पेश करें। इसके लिए एक सप्ताह की समय सीमा निर्धारित की गई। पेश सवालों को यूजीसी के निगरानी में जांच करवाई जाएगी।
बता दें कि 5 दिसंबर 2018 को 69,000 सहायक अध्यापकों (Assistant Teachers) की भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली गई थी। इसके बाद 6 जनवरी 2019 को परीक्षा हुई थी। सितंबर 2018 में 68,500 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में सामान्य और ओबीसी वर्ग के लिए 45 और आरक्षित वर्ग के लिए 40 फीसदी कटऑफ अंक तय हुआ था।
इस अंक को लेकर अभ्यार्थी पूराने कटऑफ लागू करने की मांग कर रहा था। मामला बढ़ता गया और आखिरकार हाईकोर्ट पहुंच गया। 6 मई को, अदालत ने राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए भर्ती प्रक्रिया को तीन महीने के भीतर पूरा करने का आदेश दिया था।
कोर्ट के आदेश के अनुसार सरकार ने 8 मई 2020 को आंसर शीट जारी किया। इसमें पहले आंसर शीट के जरिए जो अभ्यार्थी पास हुए थे,वे इस बार फेल हो गए। इसके चलते अमित त्रिपाठी समेत कई अभ्यर्थियों ने आंसरशीट में चार प्रश्न पत्रों को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
अब मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी। कोर्ट (High Court) ने कहा कि अभ्यार्थी विवादित प्रश्नों पर उठाए आपत्तियों को राज्य सरकार के सामने पेश करें। इसके लिए एक सप्ताह की समय सीमा निर्धारित की गई। पेश सवालों को यूजीसी के निगरानी में जांच करवाई जाएगी।
बता दें कि 5 दिसंबर 2018 को 69,000 सहायक अध्यापकों (Assistant Teachers) की भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली गई थी। इसके बाद 6 जनवरी 2019 को परीक्षा हुई थी। सितंबर 2018 में 68,500 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में सामान्य और ओबीसी वर्ग के लिए 45 और आरक्षित वर्ग के लिए 40 फीसदी कटऑफ अंक तय हुआ था।
इस अंक को लेकर अभ्यार्थी पूराने कटऑफ लागू करने की मांग कर रहा था। मामला बढ़ता गया और आखिरकार हाईकोर्ट पहुंच गया। 6 मई को, अदालत ने राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए भर्ती प्रक्रिया को तीन महीने के भीतर पूरा करने का आदेश दिया था।
कोर्ट के आदेश के अनुसार सरकार ने 8 मई 2020 को आंसर शीट जारी किया। इसमें पहले आंसर शीट के जरिए जो अभ्यार्थी पास हुए थे,वे इस बार फेल हो गए। इसके चलते अमित त्रिपाठी समेत कई अभ्यर्थियों ने आंसरशीट में चार प्रश्न पत्रों को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।