कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की कमान अब परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूल की टीचरों के हाथ में होगी। पहले मानदेय पर नियुक्त वार्डेन के पास सभी प्रशासनिक दायित्व होते थे। लेकिन अब नियमित प्रधानाध्यापिका रखी जाएंगी।
समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक ने फेरबदल संबंधी 30 जुलाई, 4 सितंबर और 12 दिसंबर 2019 को प्रस्ताव भेजा था। अपर मुख्य सचिव बेसिक रेणुका कुमार ने 24 फरवरी को कुछ शर्तों के साथ शासन की मंजूरी का पत्र जारी किया था।अब एक ही प्रमाणपत्र पर कई जिलों के कस्तूरबा विद्यालयों में अनामिका शुक्ला नाम से नियुक्ति के फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बाद व्यवस्था परिवर्तन तेजी से लागू करने के संकेत मिले हैं। कस्तूरबा विद्यालय में जूनियर हाईस्कूल की नियमित सेवा की प्रधानाध्यापिका या सहायक अध्यापिका को नियमानुसार संबद्ध करते हुए पदस्थापित किया जाएगा।
इससे सरकार पर प्रधानाध्यापिका की नियुक्ति का अतिरिक्त खर्च भी नहीं पड़ेगा। प्रदेश के जिन 121 कस्तूरबा विद्यालयों के आसपास 3 किमी की परिधि में कोई राजकीय या सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय संचालित नहीं है उनमें कक्षा 9 से 12 तक की अतिरिक्त कक्षाएं संचालित की जाएंगी। शिक्षिकाओं के पदस्थापन की व्यवस्था संविदा के आधार पर 11 माह 29 दिन की होगी।
समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक ने फेरबदल संबंधी 30 जुलाई, 4 सितंबर और 12 दिसंबर 2019 को प्रस्ताव भेजा था। अपर मुख्य सचिव बेसिक रेणुका कुमार ने 24 फरवरी को कुछ शर्तों के साथ शासन की मंजूरी का पत्र जारी किया था।अब एक ही प्रमाणपत्र पर कई जिलों के कस्तूरबा विद्यालयों में अनामिका शुक्ला नाम से नियुक्ति के फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बाद व्यवस्था परिवर्तन तेजी से लागू करने के संकेत मिले हैं। कस्तूरबा विद्यालय में जूनियर हाईस्कूल की नियमित सेवा की प्रधानाध्यापिका या सहायक अध्यापिका को नियमानुसार संबद्ध करते हुए पदस्थापित किया जाएगा।
इससे सरकार पर प्रधानाध्यापिका की नियुक्ति का अतिरिक्त खर्च भी नहीं पड़ेगा। प्रदेश के जिन 121 कस्तूरबा विद्यालयों के आसपास 3 किमी की परिधि में कोई राजकीय या सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय संचालित नहीं है उनमें कक्षा 9 से 12 तक की अतिरिक्त कक्षाएं संचालित की जाएंगी। शिक्षिकाओं के पदस्थापन की व्यवस्था संविदा के आधार पर 11 माह 29 दिन की होगी।