आर्थिक अपराध शाखा वाराणसी की जांच में चिन्हित जिले के 53 फर्जी शिक्षकों की गिरफ्तारी के लिए ईओडब्ल्यू की टीम ने क्राइम ब्रांच की पुलिस की मदद से शिकंजा कस दिया है। ये वहीं फर्जी शिक्षक हैं जो फर्जी अंतरजनपदीय स्थानांतरण आदेश के सहारे वर्ष 2001 से 2003 और 2019 में जौनपुर के 11 विकासखंड में तैनाती प्राप्त कर किए हैं।
इतना ही नहीं तत्कालीन सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक के नाम से फर्जी स्थानांतरण आदेश के आधार पर प्रथम नियुक्ति आदेश, सेवा पुस्तिका, प्रशिक्षण प्रमाण पत्र समेत कई फर्जी दस्तावेज कूट रचित पत्रों के सहारे तैयार कर करोड़ों रुपए वेतन भी हासिल कर चुके हैं। इन फर्जी शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा विभाग से अब तक आठ करोड़ से अधिक रुपये वेतन के रूप में लिया और जब तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार राय ने लाइन बाजार थाने में मुकदमा दर्ज कराने के बाद छानबीन शुरू की तो सभी रफूचक्कर हो गए।
इस संबंध में आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा वाराणसी के पुलिस उपाधीक्षक एके सिंह व मामले के विवेचक सीपी त्रिपाठी ने बताया कि सभी 53 शिक्षकों की सूची सार्वजनिक करते हुए उनके द्वारा वेतन के रूप में प्राप्त किए गए बैंक खाता, तत्कालीन पहचान पत्र और बैंक खाते में खाते का सत्यापन करने वाले लोगों के आधार पर छानबीन करके उनकी गिरफ्तारी के लिए टीम ने शिकंजा कस दी है।
ईओडब्ल्यू की जांच में ये शिक्षक किए गए चिन्हित
ईओडब्ल्यू डिप्टी एसपी एके सिंह ने बताया कि शाहगंज विकास खंड के 14 शिक्षकों में प्राथमिक विद्यालय खजुरा में अरुण यादव, रामाशंकर यादव, प्राथमिक विद्यालय सरिस में जयंत कुमार, रबी किरण, प्राथमिक विद्यालय गोरारी में उमा मिश्रा, ओम प्रकाश यादव, प्राथमिक विद्यालय छबवां में पूनम यादव, दानापुर में जितेंद्र कुमार, कछरा में लाल सिंह राजपूत, भरौली में रविन्द्र नाथ सिंह यादव, बरंगी में संजय कुमार, नेवादा में राजेंद्र कुमार, सिधाई में रामकृष्ण शुक्ला, हाजी रफीपुर में नरेंद्र कुमार सहायक अध्यापक के रूप में तैनात थे।
मडि़याहूं ब्लाक के 14 शिक्षकों में प्राथमिक विद्यालय काजीपुर में विजय लक्ष्मी, साहो पट्टी में सुधीर कुमार, मीरपुर में रामआसरे यादव, रामपुर नद्दी पठन पुरवा में मनोहर बाबू और दिनेश कुमार सिंह, परसथ में हरिश्चंद्र, मेजा में राजेंद्र प्रसाद व अशोक कुमार, मुकुंदपुर विद्यालय में हरिनारायण, गदईयां में कृष्ण मोहन, गौरा में सुरेश कुमार व घनश्याम, प्राथमिक विद्यालय भवानीपुर गौहर में मनोज कुमार मिश्र, काजीपुर में संगीता देवी की तैनाती हुई थी। शहर से सटे करंजाकला विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय रामपुर वैजापुर में विजय कुमार यादव, लाडलेपुर में प्रेमलता देवी, पालामऊ में र्निगस जहरा, देवकली में नरेंद्र कुमार, बरैयाकाजी में नीता पुरवार, गड़ेला में वीरेंद्र कुमार शामिल है।
महाराजगंज ब्लाक के चार शिक्षकों में प्राथमिक विद्यालय करसूलनाथ में आशा सिंह, उमरा खुर्द द्वितीय में कुसुमा देवी, बिझवट प्रथम में कुमार तथा विझवट द्वितीय में सुंदर भान और सिरकोनी ब्लाक के 4 विद्यालयों में नाहरपुर में दिलीप कुमार, ग्यासपुर में सुरेश कुमार, शाह पंजा में कंचन श्रीवास्तव और मदारपुर दोयम में विनोद कुमार की तैनाती पूरी तरह से फर्जी हुई थी। इसी प्रकार रामनगर ब्लाक के जयरामपुर में हरीप्रसाद, बारी गांव विद्यालय में राजेश कुमार तथा रामनगर प्रथम में देवेंद्र कुमार पांडे की तैनाती हुई थी । जलालपुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय बेला में रवि प्रकाश, नाहरपट्टी में अनिल कुमार, अम्मरपुर में रमेश कुमार और खुटहन विकासखंड के मलूकपुर प्राथमिक विद्यालय में शीतला प्रसाद, नूरुद्दीनपुर में दयानंद तिवारी की नियुक्ति फर्जी हुई थी। बक्सा ब्लॉक के मालिकानपुर में विनोद कुमार सिंह, सुजानगंज ब्लाक के सखवट में विभा तिवारी, धर्मापुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय खलसहा में अजय कुमार सिंह की फर्जी नियुक्ति हुई थी।
इतना ही नहीं तत्कालीन सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक के नाम से फर्जी स्थानांतरण आदेश के आधार पर प्रथम नियुक्ति आदेश, सेवा पुस्तिका, प्रशिक्षण प्रमाण पत्र समेत कई फर्जी दस्तावेज कूट रचित पत्रों के सहारे तैयार कर करोड़ों रुपए वेतन भी हासिल कर चुके हैं। इन फर्जी शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा विभाग से अब तक आठ करोड़ से अधिक रुपये वेतन के रूप में लिया और जब तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार राय ने लाइन बाजार थाने में मुकदमा दर्ज कराने के बाद छानबीन शुरू की तो सभी रफूचक्कर हो गए।
इस संबंध में आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा वाराणसी के पुलिस उपाधीक्षक एके सिंह व मामले के विवेचक सीपी त्रिपाठी ने बताया कि सभी 53 शिक्षकों की सूची सार्वजनिक करते हुए उनके द्वारा वेतन के रूप में प्राप्त किए गए बैंक खाता, तत्कालीन पहचान पत्र और बैंक खाते में खाते का सत्यापन करने वाले लोगों के आधार पर छानबीन करके उनकी गिरफ्तारी के लिए टीम ने शिकंजा कस दी है।
ईओडब्ल्यू की जांच में ये शिक्षक किए गए चिन्हित
ईओडब्ल्यू डिप्टी एसपी एके सिंह ने बताया कि शाहगंज विकास खंड के 14 शिक्षकों में प्राथमिक विद्यालय खजुरा में अरुण यादव, रामाशंकर यादव, प्राथमिक विद्यालय सरिस में जयंत कुमार, रबी किरण, प्राथमिक विद्यालय गोरारी में उमा मिश्रा, ओम प्रकाश यादव, प्राथमिक विद्यालय छबवां में पूनम यादव, दानापुर में जितेंद्र कुमार, कछरा में लाल सिंह राजपूत, भरौली में रविन्द्र नाथ सिंह यादव, बरंगी में संजय कुमार, नेवादा में राजेंद्र कुमार, सिधाई में रामकृष्ण शुक्ला, हाजी रफीपुर में नरेंद्र कुमार सहायक अध्यापक के रूप में तैनात थे।
मडि़याहूं ब्लाक के 14 शिक्षकों में प्राथमिक विद्यालय काजीपुर में विजय लक्ष्मी, साहो पट्टी में सुधीर कुमार, मीरपुर में रामआसरे यादव, रामपुर नद्दी पठन पुरवा में मनोहर बाबू और दिनेश कुमार सिंह, परसथ में हरिश्चंद्र, मेजा में राजेंद्र प्रसाद व अशोक कुमार, मुकुंदपुर विद्यालय में हरिनारायण, गदईयां में कृष्ण मोहन, गौरा में सुरेश कुमार व घनश्याम, प्राथमिक विद्यालय भवानीपुर गौहर में मनोज कुमार मिश्र, काजीपुर में संगीता देवी की तैनाती हुई थी। शहर से सटे करंजाकला विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय रामपुर वैजापुर में विजय कुमार यादव, लाडलेपुर में प्रेमलता देवी, पालामऊ में र्निगस जहरा, देवकली में नरेंद्र कुमार, बरैयाकाजी में नीता पुरवार, गड़ेला में वीरेंद्र कुमार शामिल है।
महाराजगंज ब्लाक के चार शिक्षकों में प्राथमिक विद्यालय करसूलनाथ में आशा सिंह, उमरा खुर्द द्वितीय में कुसुमा देवी, बिझवट प्रथम में कुमार तथा विझवट द्वितीय में सुंदर भान और सिरकोनी ब्लाक के 4 विद्यालयों में नाहरपुर में दिलीप कुमार, ग्यासपुर में सुरेश कुमार, शाह पंजा में कंचन श्रीवास्तव और मदारपुर दोयम में विनोद कुमार की तैनाती पूरी तरह से फर्जी हुई थी। इसी प्रकार रामनगर ब्लाक के जयरामपुर में हरीप्रसाद, बारी गांव विद्यालय में राजेश कुमार तथा रामनगर प्रथम में देवेंद्र कुमार पांडे की तैनाती हुई थी । जलालपुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय बेला में रवि प्रकाश, नाहरपट्टी में अनिल कुमार, अम्मरपुर में रमेश कुमार और खुटहन विकासखंड के मलूकपुर प्राथमिक विद्यालय में शीतला प्रसाद, नूरुद्दीनपुर में दयानंद तिवारी की नियुक्ति फर्जी हुई थी। बक्सा ब्लॉक के मालिकानपुर में विनोद कुमार सिंह, सुजानगंज ब्लाक के सखवट में विभा तिवारी, धर्मापुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय खलसहा में अजय कुमार सिंह की फर्जी नियुक्ति हुई थी।