उत्तर प्रदेश में चल रही 69 हजार शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers)
में अब अधिकतर मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक साथ
होगी। सुप्रीम कोर्ट में अब सभी मामलों पर सुनवाई 14 की जगह 15 जुलाई
होगी। बता दें, पहले सुप्रीम कोर्ट में सभी मुद्दों पर 14 जुलाई को सुनवाई
होनी थी, लेकिन जस्टिस यूयू ललित की बेंच न बैठने की वजह से अब 15 जुलाई को
सुनवाई होगी।
15 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में याची रामशरण मौर्य सहित अन्य सभी केस पर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में इसी दिन शिक्षामित्रों के लिए होल्ड किए गए 37,339 पदों सहित बीएड को बाहर करने जैसे मुद्दे पर सुनवाई होनी है। बता दें, 21 मई को कटऑफ के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 14 जुलाई तारीख तय की थी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सरकार की तरफ से दाखिल मोडिफिकेशन अपील सुनवाई करते हुए कहा कि शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) से जुड़े सारे मुद्दों पर 14 जुलाई पर जोड़ दिया था।
सुप्रीम कोर्ट
(Supreme Court) में शिक्षामित्र कटऑफ के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट
पहुंचें। जहां पर तीन सदस्यों की बेंच 40 और 45 फीसदी कटऑफ को लेकर सुनवाई
भी कर चुकी है। सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उत्तर
प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) से 40/45 फीसदी की कटऑफ पर कितने
शिक्षामित्र (Shiksha Mitra) पास हुए हैं, इसका पूरा डाटा मांगा है।
उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) को सुप्रीम कोर्ट में 6 जुलाई तक डेटा जमा करने के लिए कहा गया था। कोर्ट (Supreme Court) ने इसके अलावा सरकार (Uttar Pradesh Government) से पूरे प्रदेश के शिक्षामित्रों का भी डेटा मांगा है। सरकार की तरफ से भेजे गए डेटा में यह बताया गया है कि प्रदेश में 40 और 45 फीसदी पर 32 हजार से अधिक शिक्षामित्र पास है। बता दें, इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में कुल 45,357 शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) ने फॉर्म डाला था। इसमें से 8,018 शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) ने 60-65 प्रतिशत के कटऑफ पर परीक्षा पास कर ली है और 37,339 शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) ने परीक्षा नहीं पास की है।
सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की खण्डपीठ न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एम एम शांतनगौदर और न्यायमूर्ति विनीत सरन सुनवाई कर चुके हैं। अब अगली डेट 15 जुलाई लगी है। बता दें, न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने उत्तर प्रदेश से 45 और 40 फीसदी पर पास शिक्षामित्रों की सूची मांगी थी। उन्होंने सरकार (Uttar Pradesh Government) से सवाल करते हुए कोर्ट ने कहा कि आखिर भर्ती को लेकर क्यों आधार बदला गया है।
सुप्रीम कोर्ट
(Supreme Court) ने 9 जून को शिक्षामित्रों के हित में भी एक बड़ा फैसला
सुनाया है। शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) के पदों को सुरक्षित रखने की
मांग को स्वीकार करते हुए सरकार से होल्ड रखने का आदेश दिया गया था।
शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) के लिए सरकार की तरफ से 37,339 पदों को
होल्ड रखने के लिए कहा गया था। सरकार की तरफ से इन पदों को जारी करने के
लिए अपील भी की गई थी, लेकिन कोर्ट ने इसको कटऑफ के मुद्दे के साथ में टैग
कर दिया था।
69,000 सहायक शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया में अपने पदों को होल्ड करने की मांग को लेकर शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) ने 29 मई को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में न्याय की गुहार लगाई थी। इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से एएजी ऐश्वर्या भाटी ने बहस की थी। ऐश्वर्या भाटी ने सरकार (Uttar Pradesh Government) के मोडिफिकेशन अपील पर अपनी दलील पेश की और कहा कि जो भी शिक्षामित्र (Shiksha Mitra) 40-45% पर पास हो रहे उनकी संख्या से कहीं ज्यादा सरकार (Uttar Pradesh Government) के पास पद खाली है।
उन्होंने कोर्ट में कहा कि अभी सरकार (Uttar Pradesh Government) के पास अतिरिक्त 51000 सीटें खाली है और हमको भर्ती करने का आदेश दिया जाए। जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि 21 मई को कटऑफ के मुद्दे पर सुनवाई करने वाले जजों की बेंच ही अब 14 जुलाई को ही मुद्दे को देखी। अब इस मुद्दे पर सुनवाई भी 15 जुलाई को ही होगी।
प्राइमरी की
शिक्षक भर्ती में कई साल के बाद मौका पाए बीएड अभ्यर्थियों के लिए अब
मुसीबत सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका बन गई है। बीएड (B.ED) अभ्यर्थियों
को बाहर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की गई
है। इस मुद्दे पर आज सुनवाई करते हुए जस्टिस यूयू ललित (Justic UU Lalit)
ने भी इसे 14 जुलाई (14 July) के दिन होने वाली सुनवाई में ही टैग कर दिया
है। इस मुद्दे पर शिक्षा मित्र ही पहुंचें है।
बता दें, बीएड अभ्यर्थियों के परीक्षा में शामिल होने की वजह से बहुत से शिक्षामित्र (Shiksha Mitra) इस बार नौकरी से हाथ धो रहे हैं। बीएड (B.ED) अभ्यर्थियों की वजह से बेसिक शिक्षा विभाग ने कटऑफ को बढ़ाकर 60 और 65 फीसदी किया है। इसकी वजह से बहुत कम शिक्षामित्र पास हुए है।
शिक्षामित्रों के कम पास होने की वजह से वह लोग बीएड अभ्यर्थियों को बाहर कराने के लिए हाईकोर्ट (Allahabad High Court) गए थे। हाईकोर्ट (High Court) की डबल बेंच ने इस केस को रद्द कर दिया है और वहां से रद्द होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अभ्यर्थी पहुंचे हैं।
15 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में याची रामशरण मौर्य सहित अन्य सभी केस पर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में इसी दिन शिक्षामित्रों के लिए होल्ड किए गए 37,339 पदों सहित बीएड को बाहर करने जैसे मुद्दे पर सुनवाई होनी है। बता दें, 21 मई को कटऑफ के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 14 जुलाई तारीख तय की थी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सरकार की तरफ से दाखिल मोडिफिकेशन अपील सुनवाई करते हुए कहा कि शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) से जुड़े सारे मुद्दों पर 14 जुलाई पर जोड़ दिया था।
कटऑफ के मुद्दे को लेकर अभ्यर्थी पहुंचें हैं कोर्ट
उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) को सुप्रीम कोर्ट में 6 जुलाई तक डेटा जमा करने के लिए कहा गया था। कोर्ट (Supreme Court) ने इसके अलावा सरकार (Uttar Pradesh Government) से पूरे प्रदेश के शिक्षामित्रों का भी डेटा मांगा है। सरकार की तरफ से भेजे गए डेटा में यह बताया गया है कि प्रदेश में 40 और 45 फीसदी पर 32 हजार से अधिक शिक्षामित्र पास है। बता दें, इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में कुल 45,357 शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) ने फॉर्म डाला था। इसमें से 8,018 शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) ने 60-65 प्रतिशत के कटऑफ पर परीक्षा पास कर ली है और 37,339 शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) ने परीक्षा नहीं पास की है।
सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की खण्डपीठ न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एम एम शांतनगौदर और न्यायमूर्ति विनीत सरन सुनवाई कर चुके हैं। अब अगली डेट 15 जुलाई लगी है। बता दें, न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने उत्तर प्रदेश से 45 और 40 फीसदी पर पास शिक्षामित्रों की सूची मांगी थी। उन्होंने सरकार (Uttar Pradesh Government) से सवाल करते हुए कोर्ट ने कहा कि आखिर भर्ती को लेकर क्यों आधार बदला गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 37,339 पदों को किया होल्ड
69,000 सहायक शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया में अपने पदों को होल्ड करने की मांग को लेकर शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) ने 29 मई को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में न्याय की गुहार लगाई थी। इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से एएजी ऐश्वर्या भाटी ने बहस की थी। ऐश्वर्या भाटी ने सरकार (Uttar Pradesh Government) के मोडिफिकेशन अपील पर अपनी दलील पेश की और कहा कि जो भी शिक्षामित्र (Shiksha Mitra) 40-45% पर पास हो रहे उनकी संख्या से कहीं ज्यादा सरकार (Uttar Pradesh Government) के पास पद खाली है।
उन्होंने कोर्ट में कहा कि अभी सरकार (Uttar Pradesh Government) के पास अतिरिक्त 51000 सीटें खाली है और हमको भर्ती करने का आदेश दिया जाए। जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि 21 मई को कटऑफ के मुद्दे पर सुनवाई करने वाले जजों की बेंच ही अब 14 जुलाई को ही मुद्दे को देखी। अब इस मुद्दे पर सुनवाई भी 15 जुलाई को ही होगी।
बीएड अभ्यर्थियो को बाहर करने की अपील
बता दें, बीएड अभ्यर्थियों के परीक्षा में शामिल होने की वजह से बहुत से शिक्षामित्र (Shiksha Mitra) इस बार नौकरी से हाथ धो रहे हैं। बीएड (B.ED) अभ्यर्थियों की वजह से बेसिक शिक्षा विभाग ने कटऑफ को बढ़ाकर 60 और 65 फीसदी किया है। इसकी वजह से बहुत कम शिक्षामित्र पास हुए है।
शिक्षामित्रों के कम पास होने की वजह से वह लोग बीएड अभ्यर्थियों को बाहर कराने के लिए हाईकोर्ट (Allahabad High Court) गए थे। हाईकोर्ट (High Court) की डबल बेंच ने इस केस को रद्द कर दिया है और वहां से रद्द होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अभ्यर्थी पहुंचे हैं।