69000 शिक्षक भर्ती: किसी जिले में 100 प्रतिशत तो कहीं 20 फीसदी सीटें भरी, यह उठ रहे सवाल

 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत सोमवार को जारी 31277 अभ्यर्थियों की सूची में जिलेवार सीट में भारी अनियमितता है। किसी जिले में रिक्त 100 प्रतिशत पदों को भर दिया गया है तो कहीं 20 प्रतिशत सीटें भी आवंटित नहीं हो सकी है।

अब सवाल यह है कि जिन जिलों में 50 प्रतिशत या उससे अधिक सीटें भरी गई हैं वहां शिक्षामित्रों का क्या होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में प्रदेश सरकार ने 40/45 प्रतिशत कटऑफ पर पास हो रहे 37


हजार से अधिक शिक्षामित्रों की सीटें आरक्षित रखते हुए अन्य अभ्यर्थियों का सीट आवंटन जारी किया है। सोमवार को जारी लिस्ट में वाराणसी में खाली सभी 230 सीटों, लखनऊ में 150 सीटों और गाजियाबाद में 2 के सापेक्ष शत-प्रतिशत अभ्यर्थियों का आवंटन हुआ है। इसी प्रकार प्रयागराज में 990 सीटों के सापेक्ष 979, प्रतापगढ़ में 1330 सीटों पर 1176, कानपुर नगर में 350 सीटों के सापेक्ष 346, मेरठ में 130 सीटों पर 128, कानपुर देहात में 520 सीटों के सापेक्ष 469 अभ्यर्थियों को चुना गया है। जबकि फर्रुखाबाद, बदायूं, मऊ, सीतापुर में सीट के सापेक्ष 20 प्रतिशत अभ्यर्थियों का आवंटन भी नहीं हुआ है। अब जब 37 हजार से अधिक शिक्षामित्रों का फैसला होगा तो उनको जिला आवंटन कैसे होगा यह अपनेआप में बड़ा सवाल है। वाराणसी, लखनऊ प्रयागराज, प्रतापगढ़, कानपुर नगर व कानपुर देहात और मेरठ जैसे जिलों के शिक्षामित्रों को अपना जिला नहीं मिल पाएगाजो फिर विवाद की वजह बनेगा। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार को 31277 अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी करने के बजाय सुप्रीम कोर्ट में 26 जुलाईसे आरक्षित आदेश जारी करवाने के लिए पैरवी करनी चाहिए थी। 2 जून को सुप्रीम कोर्ट से काउंसिलिंग पर रोक लगने के बाद बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने अपने मूल प्रमाण पत्र और डिमांड ड्राफ्ट वापस ले लिया था।



सवाल
  • 69000 भर्ती में 31277 अभ्यर्थियों की लिस्ट पर उठ रहे सवाल
  • अभ्यर्थियों का आरोप अधिक मेरिट वालों को कर दिया बाहर
  • वाराणसी और लखनऊ में सीट के सापेक्ष 100 प्रतिशत आवंटन
  • फर्रखाबाद, बदायूं, मऊ, सीतापुर में 20% सीट भी नहीं भरी गई