प्रयागराज | वरिष्ठ संवाददाता परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के क्रम में मुख्यमंत्री के आदेश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने 31277 अभ्यर्थियों की लिस्ट तो जारी कर दी है लेकिन इसको लेकर विवाद होना तय है।
अफसरों ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी करते हु उन अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया हैं जिन्होंने आवेदन के समय पूर्णांक-प्राप्तांक आदि भरने में गलती कर दी थी। इसे लेकर अभ्यर्थियों ने एक जून को पहली लिस्ट जारी होने से पहले ही काफी धरना व प्रदर्शन किया था। लेकिन अधिकारियों ने एक न सुनी और पहली लिस्ट जारी कर दी थी। उसके खिलाफ मेरठ की अर्चना चौहान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका की। अर्चना ने इंटरपूर्णांक के कॉलम में 500 की बजाय 5000 लिख दिया था जिसके चलते उसकी मेरिट नहीं बनी और वह भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2 सितंबर को बेसिक शिक्षा विभाग को संशोधन करने का आदेश दिया था। अर्चना चौहान ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी और महानिदेशक स्कूली शिक्षा को पत्र लिखकर संशोधन करने का अनुरोध भी किया था। लेकिन कोई सुनवाई नहीं है। इसी प्रकार हाईकोर्ट ने भी लक्ष्मी देवी व 13 अन्य, धर्मेन्द्र कुमार व एक अन्य, ऊषा कुमारी व तीन अन्य, हरेन्द्र वर्मा व 62 अन्य आदि के मामलों में आवेदन पत्र में संशोधन के आदेश दिए हैं। लेकिन अफसरों ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी करते हुए सोमवार को 31277 अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी कर दी। अर्चना चौहान के भाई हिमांशु राणा का कहना है कि बिना संशोधन का अवसर दिए लिस्ट निकाल दी गई है जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है। हम दोबारा न्यायालय की शरण में जाएंगे।